कन्या शिशु होने पर घर में कोहराम
नौबतपुर(पटना). यह जानकर घोर आश्चर्य में पड़ जाएंगे. एक सरकारी चिकित्सक ने 24.04.2015 को बंध्याकरण ऑपरेशन करता है. इसके तीन साल के बाद 28.08. 2018 को बंध्याकरण करवाने वाली बच्चा जन्म देती है.इस तरह से शिशु का आगमन होने से विवाद उत्पन्न हो गया है.अगर लड़का जन्म लेता तो मामला शांत हो जाता मगर लड़की बच्ची होने पर मामला तुफान में तब्दील है.इसको लेकर मियां-बीबी के बीच कोहराम बचा है.
क्या है मामला?
नौबतपुर थानान्तर्गत बादीपुर गांव में रहते हैं जितेंद्र साव.इनकी शादी प्रतिमा देवी के साथ हुई.इन दोनों के चार बच्चे हैं.दो लड़की और दो लड़के. मजदूर किस्म के इंसान होने के बावजूद भी जितेंद्र साव ने नारा दे रखा. 'चार बच्चे घर में रहे अच्छे'. इसी नारा को सफलीभूत करने के उद्देश्य से पत्नी को मैयके भेजा.
प्रतिमा देवी के मैयके में क्या हुआ?
धनरूआ थाना क्षेत्रान्तर्गत नदवा गांव में रहती हैं प्रतिमा देवी. प्रतिमा देवी के पति जितेंद्र साव कहते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,धनरूआ में 24.04.2015 को डॉ.विनय कुमार ने मेरी पत्नी का बंध्याकरण ऑपरेशन किया. सब कुछ सामान्य था.संयम भी बरता गया.तो फिर से बच्चा कैसे हो गया? समझ से बाहर की बात है.
शिशु रेफरल अस्पताल में जन्म
राज्य समिति,बिहार,बिहार सरकार के रेफरल अस्पताल,नौबतपुर में डॉ.शाहनाज़ बानो की देखरेख में प्रतिमा देवी का पांचवा बच्चा 25. 08.2018 को हुआ.कन्या शिशु होने पर घर में कोहराम मच गया.कहा जा रहा है कि पी.एच.सी, धनरूआ में डॉ.विनय कुमार ने बंध्याकरण ऑपरेशन कर दिया तो शुक्राणु जाने का राह बंद हो गया तो वह कैसे गया?यह तो धरती का कथित भगवान की लापरवाही ही है.मुआवजा तीस हजार रू.देकर मुंह बंद करवाया जा रहा है.
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