बेलग्रेड, 16 सितंबर, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सर्बिया की संसद को संबोधित किया जिसमें उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र किया और स्वतंत्रता, संवाद, समावेश तथा कानून के शासन जैसी अवधारणाओं को आत्मसात करते हुए लोकतांत्रिक नीतियों को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया।नायडू ने शनिवार को सर्बिया की नेशनल असेंबली के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अनेक मुद्दों पर भारत और सर्बिया का समान दृष्टिकोण है और गहरा लगाव है जो दोनों देशों को करीब लाते हैं। उपराष्ट्रपति शुक्रवार को यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत और सर्बिया के बीच रिश्तों की जड़ें इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। नायडू ने कहा, ‘‘यहां 1961 में पहला गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन हुआ था। भारत के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू तथा गुटनिरपेक्ष आंदोलन के अन्य वैश्विक नेताओं ने गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन को इस हॉल में संबोधित किया था।’’ उन्होंने कहा कि दो सितंबर 1961 को नेहरू ने बेलग्रेड में जो भाषण दिया था उसे याद करना अच्छा रहेगा। नायडू ने कहा, ‘‘ उन्होंने कहा था कि हम अपने देशों और समाजों को ऐसा बनाएं जहां वास्तविक स्वतंत्रता हो। वह बात आज भी बिल्कुल सही और प्रासंगिक है। स्वतंत्रता अनिवार्य है क्योंकि स्वतंत्रता हमें ताकत देगी और समृद्ध समाज के निर्माण में हमारी सहायता करेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी लोकतांत्रिक नीतियों को मजबूत करने का प्रयत्न करना चाहिए और शासनिक ढांचे में स्वतंत्रता, संवाद, समावेश और कानून के राज जैसी अवधारणाओं का समावेश करना चाहिए।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों देश इस बात से सहमत है कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस खतरे से निपटने के लिए वैश्विक आतंकवाद निरोधी कानूनी मसौदे को मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है। इसके लिए कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म को शीघ्रता से अंतिम रूप देने के जरूरत है।’’ नायडू ने कम समय के लिए आने वाले भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा सुविधा समाप्त करने के लिए सर्बिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है। इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरूआत के 70 वर्ष पूरे हुए हैं।
रविवार, 16 सितंबर 2018
नायडू ने सर्बिया की संसद को संबोधित करते हुए किया नेहरू को याद
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