पूर्णिया : सबौर मखाना-1 कोसी क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने में सक्षम : प्राचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 सितंबर 2018

पूर्णिया : सबौर मखाना-1 कोसी क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने में सक्षम : प्राचार्य

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पूर्णिया  (कुमार गौरव)  भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आत्मा, दरभंगा बिहार द्वारा प्रायोजित प्रशि़क्षण कार्यक्रम विषय : मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक के तकनीकी सत्र के पांचवें दिन के कार्यक्रम के साथ साथ समापन सह प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ पारसनाथ, सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय ने महाविद्यालय में चल रहे मखाना फसल पर विशेष अनुसंधान परियोजना की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय द्वारा विकसित प्रजाति सबौर मखाना-1 कोसी क्षेत्र के किसानों की आय दुगुनी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकती है। बढ़ती जनसंख्या एवं बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए बेकार पड़े जलजमाव क्षेत्र की उत्पादकता एवं लाभप्रदता में वृद्धि लाना भविष्य की मांग है। जिसके लिए मखाना उत्पादन तकनीक एवं मखाना सह मछलीपालन एक बेहतर विकल्प सिद्ध होगा। साथ ही युवाओं को आगे आने की बात कही। मुख्य वक्ता डाॅ विद्यानाथ झा प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा ने उपस्थित मखाना किसानों को मखाना के औषधीय एवं पोषण गुणों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशों में मखाना के बीज के बीजावरण से मधुमेह रोग के लिए औषधि बनाई जा रही है। जबकि यहां उसका उपयोग लावा बनाने के समय इंधन के रूप में कर लिया जाता है। उन्होंने मणिपुर की तर्ज पर मखाने की पत्तियां, डंठल विजांडाशन एवं फल के छिलके एवं एरील सदृश भागों का भी प्रयोग करने की अावश्यकता बताई। क्योंकि कई प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। बिहार में केवल इसके लावे का उपयोग किया जाता है और अन्य भागों को यूं ही छोड़ दिया जाता है। जो कहीं से भी उचित नहीं है। प्रशि़क्षण कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक मखाना वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार ने विगत पांच दिनों से चल रहे प्रशि़क्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस प्रशि़क्षण कार्यक्रम में दरभंगा जिले के कुल बीस मखाना उत्पादक किसान शामिल हुए। मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक विषय से संबंधित कुल बीस विषयों पर विभिन्न संस्थानों के डाॅ इंदु शेखर सिंह, वरीय वैज्ञानिक मृदा विज्ञान, मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा, डाॅ विद्यानाथ झा प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा, रविंद्र कुमार जलज, विषय वस्तु विशेषज्ञ, (मत्स्यपालन) कृषि विज्ञान केंद्र अररिया, मखाना वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार, डाॅ पारसनाथ, विभागाध्यक्ष, कीट विज्ञान, डाॅ पंकज कुमार यादव, मृदा वैज्ञानिक एवं डाॅ पारसनाथ  सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय कुल दस विषय के वैज्ञानिकों (साधनसेवियों) के द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशि़क्षण के दौरान आॅडियो विजुअल एड का बेहतर प्रयोग किया गया। जिसकी सहायता से मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक की विडियो फिल्म दिखाकर सार्वभौमिक जानकारी दी गई। प्रशि़क्षणोपरांत सभी प्रशिक्षणार्थियों के मूल्यांकण के लिए प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया। दरभंगा के किसान सुनील कुमार सहनी, राजन कुमार झा, श्रवण कुमार, हरदेव मुखिया, बिल्टु मुखिया, बुधन मुखिया, दिनेश मुखिया, रौदी मुखिया, कमलेश मुखिया समेत कुल बीस मखाना उत्पादक कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रशि़क्षणोपरांत अपने अनुभवों को भी बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन जेपी प्रसाद द्वारा किया गया।

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