मोदी को अगले चुनाव में रोकने से ही लोकतंत्र की रक्षा संभव : थरूर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2018

मोदी को अगले चुनाव में रोकने से ही लोकतंत्र की रक्षा संभव : थरूर

democracy-can-be-protected-only-by-preventing-modi-from-next-election-says-tharoor
नई दिल्ली 26 अक्टूबर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि अगर नरेंद्र मोदी को अगले चुनाव में 'रोक' दिया गया, तो भारत जीवन के बहुलतावादी तरीके को बचा पाने में सक्षम हो सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अब जितने समय तक प्रधानमंत्री रहेंगे, भारत की 'मोदी-कथा(मोदी-फिक्शन)' के विस्तार का अपरिवर्तनीय खतरा उतना ही बढ़ जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालना, गौरक्षकों का महिमामंडन, घर-वापसी, लव-जिहाद और संप्रदायिक हिंसा में आश्चर्यजनक वृद्धि जैसी 'जटिल स्थिति' को ज्यादा समय तक दरकिनार नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी नई किताब 'द पाराडोक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' के लांच से पहले आईएएनएस के साथ ईमेल साक्षात्कार में कहा, "हमारे बहुलतावादी लोकतंत्र के लिए निश्चित ही यह खतरनाक समय है। लेकिन भारत जैसे विशाल और विविध देश में बदलाव लाने में समय लगेगा और अगर उन्हें अगले चुनाव से पहले रोक दिया गया तो हम अब भी अपने जीवन के बहुलतावादी तरीके की रक्षा करने में सक्षम होंगे।" उन्होंने कहा, "जितने लंबे समय तक वह सत्ता में बने रहेंगे, इस बात का खतरा बना रहेगा कि भारत की मोदी-कथा का विस्तार होता जाएगा और यहां तक कि यह अपरिवर्तनीय भी बना रहेगा।"


अपनी किताब में लेखिका-समाजिक कार्यकर्ता अरुंधति राय का संदर्भ देते हुए थरूर दावे के साथ कहते हैं कि 'मोदी का शासन भारत के लिए खराब है और यह सब मोदी के झूठ बोलने(पाराडोक्स) की वजह से है'। अरुं धति की इस उक्ति के संबंध में थरूर ने कहा कि 'हम एक खतरनाक समय में प्रवेश कर रहे हैं।' यह पूछे जाने पर कि वह किस ओर इशारा कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि मोदी ने हमारे संस्थानों और हमारे लोकतांत्रिक आचरण पर भारी दखलअंदाजी शुरू कर दी है। यह भारतीय लोकतंत्र को गंभीर रूप से खतरे में डालना है। उन्होंने कहा, "मेरा उनसे शुरू में हीं मोहभंग हो गया था : पुणे के इंजीनियर मुस्ताक अहमद की मोदी के कार्यकाल के शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद हत्या कर दी गई और उनकी सरकार ने घटना की निंदा भी नहीं की और यहां तक कि प्रतिक्रिया भी नहीं दी। यह नीचे की ओर दरकने की शुरुआत थी। यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी कट्टरता और घृणा की ताकतों का सामना करने के अनिच्छुक हैं, जिसके समर्थन से उन्होंने अपना करियर बनाया है।" 500 पृष्ठों और 50 अध्यायों से युक्त इस किताब में, थरूर ने उल्लेख किया है कि मोदी की 'फ्लाइट ऑफ फैन्सी' से देश का भला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद समस्याओं का समाधान करने के स्थान पर मोदी एक वर्ष के बराबर चार वर्षो तक पूरी दुनिया की अधिकारिक यात्रा करते रहे। उन्होंने कहा, "यह अलग मुद्दा होता अगर उनकी वृहत यात्राओं से देश का वास्तव में कुछ भला होता। दुखद है कि ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध कठोर बने हुए हैं, चीन हमें पीछे धकेल रहा है, अमेरिका के साथ संबंध निचले स्तर पर है, नेपाल हमपर विश्वास नहीं करता और वह चीन की तरफ जा रहा है। मालदीव भारतीयों को नए वीजा देने से इंकार कर रहा है और इसके अलावा भी और मुद्दे हैं। मैंने अपनी किताब में, प्रधानमंत्री के कई असफल विदेश दौरों के बारे में बताया है और दिखाया है कि इनसे कैसे बचा जा सकता था।"

कोई टिप्पणी नहीं: