जन्मभूमि के काम आया दरोगा आशीष कुमार।
बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) बिहार पुलिस की गौरवशाली परंपरा की महत्त्वपूर्ण कड़ी 2009 बैच के वीर आशीष कुमार सिंह ने आज जिस निर्भीकता और बहादुरी का प्रदर्शन किया,वह बिहार पुलिस की कई पीढ़ियों के लिए आदर्श बन उपस्थिती दर्ज कराती रहेगी।बिहार के सहरसा जिले में जन्मा देश का यह सपूत खगङिया जिला के पसराहा थाना मे थानाध्यक्ष के रूप में तैनात था।आज रात्रि दो-ढाई बजे नारायण पुर्व दुधेला दियारा मे कुख्यात अपराधी दिनेश मुनी के गिरोह पर थोडा बल लेकर आकस्मिक हमला बोल दिया था। वे अपराधियों के हर दिशा में व्यूह को तोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ रहे थे। आशीष ने अपराधी दिनेश मुनी गिरोह के अपराधी को पहले मार गिराया तो दिनेश मुनी के गिरोह ने आशीष पर हमला बोल दिया।अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने एक के बाद एक अपराधी को धुल चटाते रहे और अंत में हर तरफ से घिरा हुआ यह अकेला वीर दारोगा चक्रव्यूह में महाभारत के अभिमन्यु की तरह वीरगति को प्राप्त हुआ है। इसकी उत्कृष्ट और अनुपम वीरता को बेगुसराय और खगङिया के लोग देख चुके हैं।कई मुठभेड़ में इन्होंने वीरता के साथ अपराधियों से लोहा लिया था।पुर्व मे भी यह अपराधियों के साथ मुठभेड़ मे घायल हुआ था पर यह जांबाज़ सिपाही के हौसले टुटे नही थे । भारत मां के वीर सपूत आशीष कुमार सिंह को कृतज्ञ बिहार की जनता और पुलिस की ओर से भावभीनी श्रधांजलि।ऐसे सपूत हजारों लाखों में जन्म लेते हैं।आगे देखना यह है कि बिहार पुलिस क्या करती है,वीर आशीष के हत्यारे अपराधियों को धूल चटाते हैं या अपराधियों को पनपने के लिये महज अफसोस जता कर रह जाते हैं।
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