पटना 22 नवंबर 2018, भाकपा-माले ने उर्दू की बेजोड़ शायरा और भारत-पाकिस्तान के अवाम के बीच दोस्ती की हमेशा पैरोकार रहीं कामरेड फहमीदा रियाज के निधन पर गहरा शोक बताया है और इसे पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की क्षति बताया है. उनके निधन से वह आवाज खामोश हो गई जो भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ती का सूत्र बांधे हुए थी. ऐसे समय में जब भारत में भी दक्षिणपंथ की ताकतें हावी हो रही हैं और दोनों देश के बीच दोस्ती की बजाए उन्माद भड़काने का काम चल रहा है, फहमीदा का चला जाना कभी न भरने वाला नुकसान है. उनका जन्म अविभाजित भारत के मेरठ में हुआ था. वे विभाजन की त्रासदी झेलने व उसे महसूस करने वाली पीढ़ी से आती थीं. उन्होंने उसे बेहद करीब से देखा था और इसलिए वे हमेशा दोनों मुल्कों के बीच सौहार्द स्थापित करने के लिए संघर्षरत रहीं. वे दोनों मुल्कों के बीच दोस्ती की कड़ी थीं जो आज टूट गई. हमें उनकी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा.
गुरुवार, 22 नवंबर 2018
बिहार : फहमीदा रियाज भारतीय उपमहाद्वीप की आवाज थीं, भाकपा-माले की श्रद्धांजलि
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