खुद को निर्दोष मानते हैं जल,जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी
रांची।आज फ्राइडे है। अब से कुछ ही घंटे के बाद सामाजिक कार्यकर्ता 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को पता चल जाएगा कि उनके लिए फ्राइडे गुड है कि बैड। जी,आज बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई होने वाली है कि फादर स्टेन स्वामी निर्दोष हैं कि दोषी हैं? बताते चले कि पुणे पुलिस की ओर से 83 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता फ़ादर स्टेन स्वामी के नामकुम स्थित आवास की छानबीन कर लैपटॉप, मोबाइल आदि ले गयी थी। समान ले जाने पर लोकतंत्र बचाओ मंच ने भर्त्सना की थी। इनके साथ ही सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वरावरा राउ, वेर्नोम गान्साल्वेज़ सहित अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और लेखकों को देश के विभिन्न हिस्सों में गिरफ़्तारी की गयी। इसकी कड़ी निंदा की गयी। फ़ादर स्टेन स्वामी पिछले तीन दसकों से ग़रीब, मजलूम, आदिवासी, महिलाओं के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करते आ रहे हैं। ख़ास कर उन्होंने आदिवासियों के जल, जंगल ज़मीन की लड़ाई में हमेशा एक अभिभावक की भूमिका निभाई है। समझा जाता है कि भाजपा सरकार अपनी नाकामियों से घबरा गई है। और जनता का ध्यान बांटने के लिए आतंकवाद की झूठी कहानी रच कर जनता के हितैषियों को डरा-धमका रही है। इस संदर्भ में फादर स्टेन लुर्द स्वामी का कहना है कि मैं निर्दोष हूं। अंडर - ट्रायल कैदियों को मुक्त करने की कोशिश कर रहा हूं।वहीं सरकार मुझे एक अंडर-ट्रायल कैदी बनाने की कोशिश कर रही है! सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का कहना है कि आज मेरे लिए महत्वपूर्ण दिन है। मेरे खिलाफ मामला रद्द करने करने की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनाई जाएगी। भले ही न्यूनतम सत्य स्वीकार किया जाएगा।यदि नहीं तो हमें सच्चाई स्थापित होने तक जेल में काफी समय तक बिताना होगा।
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