बिहार : ग्रोटो.माता मरियम का पर्व - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

बिहार : ग्रोटो.माता मरियम का पर्व

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दुसैया। पश्चिम चम्पारण में है दुसैया पल्ली.इस पल्ली में है ग्वादालुपे की माता मरिया की ग्रोटो.माता मरियम का पर्व हरेक साल मनाया जाता है.यहां पर नौ दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम किया जाता है जिसे नोवैना कहा जाता है.  

एक महान मिशनरी के रूप में स्मरण
ग्वादालुपे की माता मरिया के पर्व दिवस है.उन्हें एक महान मिशनरी कहा जाता है. जिन्होंने विश्वास को लैटिन अमरीका में फैलाया है.पल्ली पुरोहित ने कहा कि  ″उनकी मध्यस्थता द्वारा ख्रीस्तीय विश्वास लैटिन अमरीका के लोगों के लिए एक समृद्ध ख़जाना बन गया है जिनके महुमूल्य मोती है येसु ख्रीस्त. यह एक ऐसा खजाना है जो हस्तांतरित होकर आज बपतिस्मा द्वारा लोगों में प्रकट होता है." इस पावन दिवस पर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए ईश्वर के महान कार्यों के लिए कृतज्ञता व्यक्त की. ″कृतज्ञता और आनन्द के साथ आज लैटिन अमरीका अपनी संरक्षिका ग्वादालुपे की माता मरिया का पर्व मनाती है जिसकी भक्ति अलास्का से पेटागोनिया तक फैली हुई है।″अब भारत में फैल गयी है.

पर्व के अवसर पर भक्तों की उपस्थिति 
महापर्व के अवसर पर ग्वादालुपे में माता मरिया के दर्शन तथा उनकी ममतामय स्नेह प्रदर्शित करने की घटना की याद की.तेपेयाक में संत जुआन डीएगो को दर्शन देकर सदा निष्कलंक कुँवारी मरिया तथा सच्चे ईश्वर की माता के रूप में अपना परिचय दिया तब उन्होंने उस दिव्य दर्शन के लिए प्रेरित किया जो प्रकाशना ग्रंथ में वर्णित है ″आकाश में एक महान् चिन्ह दिखाई दिया: सूर्य का वस्त्र ओढ़े एक महिला दिखाई पड़ी। उसके पैरों तले चन्द्रमा था और उसके सिर पर बारह नक्षत्रों का मुकुट।″ (प्रका. 12.1).इस दिव्य दर्शन द्वारा उन्होंने अपने पुत्र को नये ख्रीस्तीयों तथा मिश्रित जाति के पीड़ित लोगों के लिए अर्पित करने की घोषणा की जिसके कारण बहुत से लोगों में आनन्द एवं आशा का संचार हुआ.माता मरिया ने अपने को सच्चे ईश्वर जो हमारे सृष्टिकर्ता हैं की माता रूप में प्रकट कर अमरीका वासियों को उनकी संतान होने की गरिमा प्रदान की है.

कोई दास या दासी नहीं है
किन्तु सभी एक ही पिता की संतान हैं और आपस में भाई-बहन हैं। माता मरिया ने न केवल उन्हें दर्शन दिया किन्तु उनके साथ निवास करना चाहा.उनकी मध्यस्थता द्वारा अमरीका में ख्रीस्तीय विश्वास का विस्तार हुआ.माता मरियम के प्रिय पुत्र येसु द्वारा प्राप्त विश्वास, आशा तथा प्रेम लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय होने लगा जिसके कारण ग़रीबों एवं पीड़ित लोगों के प्रति न्याय तथा सद्भावना जैसे मानव गरिमा की चेतना जागृत हुई.लैटिन अमरीका के लोगों के जीवन में माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा सम्पन्न ईश्वर के महान कार्यों की याद करते हैं. 

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