दुमका : धरना पर बैठे पारा शिक्षक कंचन की ठंड से मौत, मंत्री को बताया मौत की वजह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 16 दिसंबर 2018

दुमका : धरना पर बैठे पारा शिक्षक कंचन की ठंड से मौत, मंत्री को बताया मौत की वजह

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अपनी मांगों के समर्थन में 25 नवम्बर से सूबे की मंत्री व दुमका की विधायक डाॅ0 लुईस मराण्डी के आवास के सामने धरना पर बैठे आन्दोलनकारी पारा शिक्षकों में एक सदस्य कंचन कुमार दास की ठंड लग जाने से दिन रविवार को मौत हो गई। जिले के रामगढ़ प्रखण्ड अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिनाडंगाल में कार्यरत मृतक पारा शिक्षक की मौत के बाद पारा शिक्षकों का आक्रोश अचानक फूट पड़ा। संगठन के लोगों ने मंत्री डा0 लुईस मराण्डी के विरुद्ध पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का नारा लगाया। मालूम हो मंत्री के आवास के समीप टेंट लगाकर पारा शिक्षकों का संगठन अपनी मागों के समर्थन में पिछले 20 दिनों से धरना पर बैठा हुआ था। आंदोलनकारी पारा शिक्षकों ने कहा धरना पर बैठे पारा शिक्षक कंचन कुमार दास भीतर से कुछ तकलीफ महसूस कर रहा था। वह घर जाना चाहता था किन्तु किसी कारणवश घर न जाकर टेंट में ही सो गया। आंदोलनकारी पारा शिक्षकों में कुछ ने सुबह-सुबह जब उसे उठाना चाहा तो उसका शरीर शांत व ठंडा पड़ चुका था। आनन-फानन में साथी पारा शिक्षकों ने अस्पताल ले जाकर इलाज करवाना चाहता, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक डाॅ0 दिलीप कुमार भगत के अनुसार मृत अवस्था में ही पारा शिक्षक को अस्पताल लाया गया था, वह पहले ही मर चुका था। पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद प्रशासनिक दृष्टिकोण से मंत्री के आवास पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, वहीं  मृतक पारा शिक्षक कंचन कुमार दास के पार्थिव शरीर के साथ यज्ञ मैदान में आंदोलन कारी पारा शिक्षकों ने मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी व मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरुद्ध नारेबाजी की और हत्यारिन मंत्री के विरुद्ध एफआईआर की मांग की। संघ की ओर से बतौर मुआवजा 25 लाख रुपये व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। इधर मंत्री डाॅ. लुईस मराण्डी ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में वे उनके साथ हैं। हरसंभव उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री राज्य से बाहर हैं उनके वापस लौटने पर शीघ्र ही इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा। पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस दुमका में विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। झामुमों के जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह, रेड क्राॅस सोसायटी के चेयरमेन व संवदेक अजय कुामर झा उर्फ मिक्की झा, काॅग्रेस की ओर से प्रो मनोज अम्बष्ट, झाविमों की ओर से धर्मेन्द्र सिंह  उर्फ बिट्टू सिंह व अन्य लोग मौजूद थे। मृतक के प्रति सबों ने अपनी-अपनी संवेदनाएँ प्रकट की। इन नेताओं को यज्ञ मैदान में भी देखा गया। पारा शिक्षकों की न्यााय संग तमांगों का वे सभी समर्थन कर रहे थे। इधर झामुमों की जामा विस क्षेत्र की विधायक सीता सोरेन ने कहा कि सरकार की तानाशाही नीतियों की वजह से ही इस तरह की घटना घटित हुई। उन्होंने कहा झारखण्ड की रघुवर सरकार को इस घटना की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए। विधानसभा में भी इस मामले को रखा जाएगा। सूबे की रघुवर सरकार को गरीब पारा शिक्षकों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। यह सरकार विदेश भ्रमण पर हमेशा रहती है। पोस्टमार्टम हाउस, दुमका से पाराशिक्षकों का संगठन मृत साथी को अपने साथ ले जाना चाहते थे। मंत्री के आावास के समीप शव के साथ प्रदर्शन करना चाहते थे जिसे एसडीओ दुमका राकेश कुमार ठाकुर ने समझा-बुझाकर शांत किया। दो घंटे तक शव को ले जाने की रस्साकस्सी चलती रही। एसडीपीओ नैताथी व कई पुलिस इंस्पेक्टरों सहित थानेदारों व पुलिस बल से पोस्टमार्टम हाउस पटा रहा। पारा शिक्षक संध की ओर से शव को ओपने ले जाने की कवायद थी किन्तु शांति-व्यवस्था भंग की स्थिति  को देखते हुए एसडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण तरीके से शोक मनाने की आजादी प्रदान की। मालूम हो एक पारा शिक्षक पिछले कई दिनों से ट्रेसलेस है जिसका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

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