वासगीत पर्चाधारी नरेश ऋषि को बेदखल करने का प्रयास सजातीय द्वारा
कटिहार,10 जनवरी। अपने ही सजातीय में महादलित मुसहर समुदाय के दो परिवार के लोग उलझ गए हैं। यहां पर पड़ोसी प्रेम नहीं झलका और न ही भविष्य में झलकने वाला ही है। कारण स्पष्ट है दो पड़ोसियों का मामला जिलाधिकारी पूनम और पुलिस अधीक्षक के द्वार पर पहुंच गया है। यहां से जरूर ही कार्रवाई होगी। सरकार ने वासगीत पर्चा दे रखा है तो उसमें विवाद करने की गुंजाइश नहीं है। अगर है तो मिलजुलकर रास्ता निकाल लेना चाहिए। ऐसा न करके मारपिटायी करने से कानून हाथ में लिया गया है। पारण ऋषि को चाहिए कि पत्नी और बच्चों को समझा-बुझाकर रखे। ऐसा करने में अक्षम साबित हो रहे हैं। संपूर्ण दास्तान यह है कि स्वर्गीय ढिहर ऋषि के पुत्र हैं नरेश ऋषि। 45 साल के नरेश ऋषि बौन टोला,तेरासी सिक्कर,थाना-बरारी और जिला- कटिहार में रहते हैं। इनको सरकार के द्वारा वासगीत पर्चा मिला है। रकवा-06 डिसमिल है। खेसरा-315 और खाता-1132 है। मौजा-सिक्कर,थाना-बरारी और जिला-कटिहार में प्राप्त है। नरेश ऋषि कहते हैं कि उक्त जमीन पर घर बना हुआ है। बौन टोला,तेरासी सिक्कर,थाना-बरारी और जिला- कटिहार के रहने वाले पारण ऋषि की पत्नी चनरी देवी और उनके पुत्र रतन ऋषि,सत्तन ऋषि और छोटे ऋषि ने मिलकर नरेश ऋषि के घर जबरन तोड़ताड़ दिए हैं और तो और बेजुबान जानवरों को भी खोलकर भगा दिए। जब इसका विरोध किया गया तो पारण ऋषि के साथ पत्नी और बेटे पीटने और जान से मार देने पर उतारू हो गए। सभी तरह के गवई गाली का बौंछार करने लगे। इतने से मन नहीं भरा तो घर में हेलकर नकदी पांच हजार रूपए और नरेश की पत्नी के 20 हजार रूपए लागत की जेवरात लूट लिए।
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