जमशेदपुर : "रिश्वत बीमारी" की गिरफ्त में स्वास्थ्य सेवा,स्ट्राइकर की स्वीकारोक्ति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 10 जनवरी 2019

जमशेदपुर : "रिश्वत बीमारी" की गिरफ्त में स्वास्थ्य सेवा,स्ट्राइकर की स्वीकारोक्ति

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जमशेदपुर (विजय सिंह) ,आर्यावर्त डेस्क,10 जनवरी,2019, चिकित्सीय उपकरण निर्माता अमेरिकन बहुराष्ट्रीय कंपनी स्ट्राइकर ने स्वीकार किया कि उसने अपने मेडिकल उपकरण भारत में बेचने के लिए भारतीय डॉक्टरों ,स्वास्थ्य विशेषज्ञों और देश के कुछ बड़े अस्पताल प्रबंधन को नकद व उपहार के रूप में रिश्वत दी.कंपनी ने इस सन्दर्भ में गलत बिल की भी बात स्वीकार की.अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन(एस ई सी )के समक्ष स्ट्राइकर की स्वीकारोक्ति के बाद सितम्बर 2018 में अमेरिकन नियामक संस्था ने कंपनी पर 7.8 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया. मामले के सन्दर्भ में ज्ञात हुआ कि अमेरिका की नियामक संस्था सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने स्ट्राइकर कॉर्पोरेशन की जांच के दौरान खातों में गड़बड़ी पाई और विदेश भ्रष्ट व्यवहार अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमतता के साथ व्यापार के लिए अनैतिक तरीका अपनाने को सही पाया.घुटना,जोड़ों,न्यूरोवैस्कुलर,रीढ़ आदि के प्रत्यारोपण सहित मेडिकल सर्जरी के उपकरण बनाने वाली अमेरिकन कंपनी स्ट्राइकर ने भारत में अपने उपकरण बेचने के लिए भारतीय चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन को रिश्वत देकर उपकरण के असली कीमत के बदले अधिक मूल्य के फ़र्ज़ी बिल देने की बात भी स्वीकारी."लाइव आर्यावर्त" ने स्ट्राइकर कारपोरेशन से रिश्वत की रकम व उपहार से उपकृत किये गए अस्पतालों,डॉक्टरों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जानकारी लेनी चाही परन्तु कंपनी ने कुछ भी कहने से परहेज किया. दूसरी तरफ अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज आयोग के प्रवक्ता नेस्टर जॉन ने
"लाइव आर्यावर्त "को भेजे गए मेल में स्ट्राइकर कंपनी द्वारा विदेश व्यापार में अनैतिक व्यवहार व भ्रष्ट तरीका अपनाने की पुष्टि करते हुए वसूले गए जुर्माने की पुष्टि की है. आयोग के न्यूयॉर्क क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक मार्क पी.बर्गर ने कहा कि स्ट्राइकर की वित्तीय अनियमितता और कंपनी खातों में लेन देन के ब्यौरों में की गयी गड़बड़ी किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है,जबकि कंपनी पहले भी ऐसी गलती कर चुकी है और तब भी कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था.एसइसी के वरिष्ठ प्रवर्तन निदेशक संजय वाधवा की निगरानी में गठित अमेरिकन आयोग की जांच टीम में न्यूयॉर्क दफ्तर से विलियम मार्टिन,ब्रेंडा वाई मिंग चांग, थॉमस स्मिथ जूनियर तथा वाशिंगटन कार्यालय से डिवॉन ब्राउन,एंड्रू शिर्ले और ब्रायन क्वींन शामिल थे.

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