- कार्यालय मंत्री मुस्तफा रजा आलम के निधन के बाद 10 सितम्बर से गोदरेज खुला नहीं
कटिहार,10 जनवरी। कटिहार में है जिला समाहरणालय। यहीं पर जिलाधिकारी पूनम का कार्यालय है। इनके कार्यालय के बगल में कानर पर स्थित है भूदान यज्ञ समिति का कार्यालय। इस कार्यालय के कार्यालय मंत्री मुस्तफा रजा आलम थे। जिनका निधन 10 सितम्बर,2018 को हो गया। चूंकि कार्यालय मंत्री आलम साहब थे तो गोदरेज की चाभी साथ रखते थे। उनके निधन के बाद भी परिवार वाले चाभी को कार्यालय में वापस नहीं किए। इसका परिणाम सामने है। 4 माह से कार्यालय पंगू बन गया है। कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है।
बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा आदेश निर्गत होने पर पदभार ग्रहणः
राजधानी पटना में स्थित बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा आदेष निर्गत होने पर पूर्णिया के कार्यालय मंत्री हरेन्द्र कुमार वर्मा ने 24 दिसम्बर,2018 को पदभार ग्रहण किया। निर्गत आदेश में गोदरेज को खोलने का जिक्र ही नहीं था। जिसके कारण गोदरेज बंद पड़ा रह गया। इसमें संपूर्ण दस्तावेज बंद है।
3 माह 14 दिनों के बाद 24 दिसम्बर को पदभार ग्रहणः
कार्यालय मंत्री मुस्तफा रजा आलम के निधन के 3 माह 14 दिनों के बाद क्रिसमस की पूर्व संध्या पर 24 दिसम्बर को पूर्णिया के कार्यालय मंत्री हरेन्द्र कुमार वर्मा पदभार ग्रहण किए। वह भी पूर्ण रूप से पदभार ग्रहण नहीं कर सकें। पदभार ग्रहण 24 दिसम्बर के 16 दिनों के बाद 10 जनवरी,2019 तक भी गोदरेज में बंद दस्तावेज मिला ही नहीं ताकि सामान्य दिनों की तरह कार्यालय मंत्री की हैसियत से कार्य निष्पादन कर सकें।
अब बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा आदेश निर्गत होगाः
अब बिहार भूदान यज्ञ समिति के द्वारा जिलाधिकारी पूनम के नाम से आदेश निर्गत होगा। जिलाधिकारी महोदया अनुमंडल पदाधिकारी को कार्य निष्पादन करने के लिए आदेश जारी करेंगी। अनुमंडल पदाधिकारी मजिस्टेट नियुक्त करेंगे। नियुक्त मजिस्टेट की तैनाती में गोदरेज खोला जाएगा। उस समय कार्यालय मंत्री हरेन्द्र कुमार वर्मा भी उपस्थिति रहेंगे। गोदरेज खुलने के बाद दस्तावेजों की सूची बनेगी। एक सूची मजिस्टेट और दूसरी सूची कार्यालय मंत्री के जिम्मे होगी। इस सूची को कार्यालय मंत्री बिहार भूदान यज्ञ समिति के पास अग्रसारित करेंगे। आज 10 जनवरी,2019 तक किसी तरह आदेश प्राप्त नहीं है।
अब कितने दिन लगेंगे!
अब कितने दिन लगेंगे! कार्य सामान्य होने पर वह किसी को पता नहीं है। वह तो आने वाला वक्त ही बताएंगा। तबतक जिले के विभिन्न प्रखंडों से लोग कार्यालय में आएंगे और बिना काम कराए ही बैरंग लौट जाएंगे। इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है। प्रशासन की ओर से जनहित में कार्रवाई नहीं की गयी।
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