बेगूसराय : मोना दास ने अमेरिका में लहराया अपना परचम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

बेगूसराय : मोना दास ने अमेरिका में लहराया अपना परचम

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अरुण कुमार (बेगूसराय) प्राप्त सूत्रों से मिली जानकारी के आलोक में यह कहते हुए बड़ा ही हर्ष हो रहा है कि अमेरिका में नागरिकता प्राप्त कर रह रही है।इतना ही नही विदेशों में रह रही मोना वहाँ राजनीति में भी स्थान बनाकर कामयाबी की ओर बढ़ रही है ये गाँव, नगर,शहर,प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के लिये बड़े ही गर्व की बात है।ऐसी है हमारे बिहार की बेटी।"मोना" आगे आपको बताते चलूँ की बिहार के मुंगेर की मूल निवासी मोना दास अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से सिनेट की सदस्य निर्वाचित हुईं हैं। उन्हेंं यह सफलता पहली बार में ही मिली है।उन्होंने गोरे को पराजित किया है जो लगातार आठ वर्षों से जीत रहा था, राजनीति में यह मुकाम उन्‍होंने जनसेवा व हौसले के बल पर पाया है।  14 जनवरी को मोना ओलंपिया में शपथ लेंगी।मोना अब अमेरिकी नागरिक हैं।हालांकि मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित हवेली खडग़पुर अनुमंडल के दरियापुर गाँव को अपनी इस बेटी पर गर्व है,अमेरिका में रहने वाले उनके इंजीनियर पिता सुबोध दास का गांव से जुड़ाव अब भी कायम है।मोना दास मुंगेर के पूर्व सिविल सर्जन डॉ०गिरिश्वर नारायण दास की पौत्री और इंजीनियर सुबोध दास की बेटी हैं। उनके सिनेटर बनने से इलाके में खुशी की लहर है। गांव में रह रहे परिजनों की माने तो  मोना ने पूरी दुनिया में अपने गांव दरियापुर  का नाम रौशन कर दिया है।गांव में मोना दास के परिवारों ने कहा अब बिटिया एक बार गाँव आ जाए, यही तमन्ना है।मोना की दादी चमेली देवी ने बताया कि दो वर्ष पूर्व सुबोध दास एक शादी समारोह में शामिल होने दरियापुर गांव आए थे।वे अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं,पति डॉ० जी एन दास भी वहीं रह रहे हैं. मोना से उनकी फोन पर बातचीत होती रहती है। मोना के पिता सुबोध दास ने ही बेटी के सीनेट सदस्य चुने जाने की सूचना दी थी।मोना के चाचा अजय दास ने बताया कि मोना का जन्म 1971 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ था,मोना के पिता सुबोध दास व सगे चाचा अजय दास अमेरिका में इंजीनियर हैं। एक और चाचा विजय दास वहीं डॉक्टर हैं बाद में वे मोना व उसकी मां भी अमेरिका चले गए। मोना के भाई सोम दास का जन्म अमेरिका में हुआ था। मोना लगभग 12-14 वर्ष की उम्र में दरियापुर गांव आईं थीं। उसके बाद से वे यहां नहीं आ पाईं हैं। मोना एवं उनके छोटे भाई सोम की शादी अमेरिका में हुई है।

राजनीति में बढ़ते गए कदम, बन गई सिनेटर
बड़ी होने पर मोना ने अमेरिका के सिनसिनाटी विश्विविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली। आगे उसने पिंचोट विवि से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। लेकिन जन सरोकार व जनसेवा में अत्यधिक रुचि रहने के कारण वे प्रबंधन से अधिक राजनीति में आगे बढ़ती चली गईं। राजनीति की राह आसान ताे नहीं रही,लेकिन जनसेवा के बल पर जनसमर्थन बढ़ता गया। साथ ही बढ़ता गया हौसला। परिणाम भी समाने है। वे अब सिनेटर बन गईं हैं।

मोना के दादा कई जिला में रहे सिविल सर्जन गांव में बनवाया स्‍कूल
मोना के दादा डॉ० जी एन दास दरभंगा, भागलपुर और गोपालगंज में सिविल सर्जन पद पर सेवा दे चुके हैं एवं छपरा से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे सेवानिवृत्त के बाद कुछ वर्षों तक अपने गांव दरियापुर में रहे। उसके बाद वे बेटे के पास अमेरिका चले गए। मोना के दादा डॉ० जी एन दास के पास दरियापुर गाँव में लगभग 60 बीघा खेती योग्य जमीन थी। गांव में एक बगीचा भी है।इसी बगीचे  के  समीप  उन्होंने अपने नाम से उच्च विद्यालय खुलवाया, जिसमें दरियापुर सहित  आसपास के  आधे दर्जन गाँवों के  बच्चे पठन-पाठन करने आते थे। डॉक्टर दास स्वयं इस विद्यालय की कड़ी निगरानी रखते थे, लेकिन धीरे-धीरे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम हो गई। इसके बाद विद्यालय भवन में बच्चों का स्कूल खोल दिया गया। 

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