मोतिहारी : एक नवजात बेटी कचड़े के पेटी में मिली, कुत्ते ने नोच डाला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 जनवरी 2019

मोतिहारी : एक नवजात बेटी कचड़े के पेटी में मिली, कुत्ते ने नोच डाला

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मोतीहारी के पूर्वी चम्पारण जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है।जहाँ कुड़े के ढेर में पड़ी बच्ची को कुत्ते नोंच रहे थे और लोग वहाँ  उसका वीडियो बना रहे थे। जबतक बच्ची को अस्पताल ले जाया गया तबतक बहुत देर हो गई और उसकी मौत हो गई। वीडियो बनाने की जगह अगर किसी में भी मानवता जगी होती तो शायद उस नौनिहाल बच्ची इस दुनियाँ को देख पाती और शायद अपने जन्म देनेवाली को कोश पाती की अपने हवस की पूर्ति के लिए जो घिनौनी हरकत की तो फिर गर्भ धारण कर  जन्म ही क्यों दी या फिर बेटी देखकर अपने उत्तरदायित्व से पिण्ड छुड़ाने के लिये ऐसा की।मैं बेटी बनकर आई तो इसमें मेरा क्या कसूर।  घटना के संबंध में बताया गया है कि जिला मुख्यालय मोतिहारी के आगरवा चौक के समीप आज सुबह कचड़े के ढेर में एक नवजात बच्ची पड़ी थी। बच्ची को कुत्ते नोच रहे थे और वहीं वहाँ खड़े लोग उसे बचाने की जगह उसका वीडियो बना रहे थे। किसी ने भी उसे बचाने की कोशिश नहीं की। 

नवयुवक सेना बच्ची को लेकर पहुंचा अस्पताल।
हालांकि उसी दौरान बिहार नवयुवक सेना के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिकेत पाण्डेय एवं उनके सेना के सदस्य वहाँ से गुजर रहे थे। उनलोगों ने लोगों की भीड़ देखकर वहाँ पहुँचा तो देखा की एक बच्ची को कुत्ते नोंच रहे है। अनिकेत पाण्डेय फौरन नवजात बच्ची को कचरे के ढेर में से उठा कर दौड़ते हुए सदर अस्पताल पहुँचे,जहाँ डॉक्टरों ने जाँच के बाद  उसे मृत घोषित कर दिया।बिहार नवयुवक सेना के संस्थापक अध्यक्ष अनिकेत पाण्डेय ने कहा कि यदि समय पर बच्ची को अस्पताल पहुँचा दिया गया होता तो उसकी जान बच सकती थी। हमारे समाज से मानवता मर चुकी है। एक तो बेटी होने की वजह से उसे अपनों ने कचड़ा समझ फेंक दिया। उससे भी हद हमलोगों ने कर दी कि उसे बचाने की जगह उसका तमाशा बनाते रहे। अनिकेत ने कहा कि कोई भी समय रहते उसे अस्पताल पहुंचा दिया होता तो उसकी जान बच जाती। पर शायद रब को यही मंजूर था तो कोई भी वन्दा कैसे कुछ करता और किया भी तो क्या हुआ।हाँ खुद को आत्म संतुष्टि तो हुई कि कोई नहीं तो कोई सही कोशिश तो किया।पर अफसोस इस बात की है कि काफी देर कर दिया रब ने समय रहते क्यों नहीं हमें श्रेय दिया उसे बचाने का।

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