शेल्टर होम से लड़कियों का गायब होना और फिर अचानक वापसी संदेह के दायरे में.मुख्यंमंत्री नीतीश कुमार के पद पर बने रहते शेल्टर होम मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं.
पटना 24 फरवरी 2019 भाकपा-माले व ऐपवा की एक उच्चस्तरीय टीम ने आज मोकामा के नाजरथ शेल्टर होम का दौरा किया. इस टीम में भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी की सदस्य व ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, पटना नगर की सचिव अनीता सिन्हा, भाकपा-माले पटना जिला कमिटी के सदस्य शैलेन्द्र यादव और श्रीकांत शर्मा शामिल थे. जांच टीम के हवाले से सरोज चैबे ने कहा कि जिस प्रकार से नाजरथ शेल्टर होम से 7 लड़कियां फरार हुईं और फिर उनमें 6 की बरामदगी भी हो गई, पूरा मामला संदेह के घेरे में है. गौरतलब है कि इस मामले में चार लड़कियां बालिका गृहकांड में गवाह भी हैं. ये कार्रवाइयां गवाहों को गायब करने की कवायद भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह घटना तब घटी है जब बालिका गृह मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम सामने आ चुका है. इसलिए हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें क्योंकि उनके पद पर बने रहते निष्पक्ष जांच की कहीं से कोई संभावना नहीं है. जांच टीम ने कहा है कि जब उनकी टीम मोकामा स्थित नाजरथ शेल्टर होम पहुंची तो कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. शेल्टर गृह में अभी भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई है और लड़कियों से किसी को भी नहीं मिलने दिया जा रहा है. बाढ़ की एसएसपी लिपि सिंह ने जांच टीम को कहा कि लड़कियों से मिलाना संभव नहीं है, यदि संचालिका से मिलना हो तो मिल लीजिए. संचालिका ने जांच टीम के सदस्यों को बताया कि उन्हें उपर से कुछ भी नहीं बोलने का आदेश है. जांच टीम ने स्थानीय दुकानदारों व आम लोगों से बातचीत के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि इस तरह की घटना प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. पीड़िताएं कहीं से भी सुरक्षित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के प्रत्यक्ष निर्देशन में बालिका गृह कांड की जांच के बावजूद भी इस तरह की घटनाओं का घट जाना बेहद चिंताजनक है.इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए.
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