पटना,12 फरवरी। प्राथमिक विद्यालय ,बकिया की अनिता देवी का कहना है कि 1250 रू.में दम नहीं है.इसके लिए 7 जनवरी से बेमियादी हड़ताल पर हैं.जबतक सरकार 18000 रू. मानदेय नहीं देगी.तबतक हड़ताल करते रहेंगे. बताते चले कि बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संद्य (एटक) के आह्वान पर 35 दिनों से 2 लाख 50 हजार रसोइया डब्बो चलाना बंद कर दिए हैं.इसके कारण मध्य विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्न भोजन मिलना बंद हो गया हैं. आज 38 जिले के रसोइया हड़ताली स्थल गर्दनीबाग में आए थे.जमकर सरकार विरोधी नारा लगाए और 14 सूत्री मांग को पूरा करने का आग्रह किए. सुनीता देवी,रंजना देवी,तारा देवी आदि ने कहा कि सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जाती है.अकुशल श्रमिक को 257, अर्द्धकुशल श्रमिक को 268, कुशल श्रमिक को 325 व अतिकुशल श्रमिक को 396 रू.प्रतिदिन मजदूरी है और हमलोगों को 37 रू.मजदूरी देय है. रद्युवीर मंडल का कहना है एक साल में 12 महीना होता है. बिहार सरकार के लिए 10 माह ही होता है.हम गरीब रसोइया को 10 माह का ही मानदेय दिया जाता है जो पूर्णरूप से अन्याय और दोरंगी नीति है.शिक्षकों को मोटी रकम एवं 12 माह का वेतन दिया जाता है. 37 रू.रोज में केना पेट भरती हो नीतीश बाबू. बच्चा कैसे पढ़वई हो नरेंद्र बाबू. बेटी के कैसे शदीया करवई हो बाबू.. राजेंद्र नगर टर्मिनल में सैकड़ों की संख्या में आंदोलन करके ठहरी हैं .
बुधवार, 13 फ़रवरी 2019
बिहार : राज के रसोइया करें पुकार वाजिब मजदूरी दो सरकार
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