ग्वालियर के युवाओं के साथ राजा का संवाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

ग्वालियर के युवाओं के साथ राजा का संवाद

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ग्वालियर,28 फरवरी। एकता परिषद के संस्थापक हैं राजगोपाल पी.व्ही. उर्फ राजा जी। युवाओं के बीच एक लर्निंग सर्कल तैयार करने के सिलसिले में  कार्यक्रम आयोजित किया गया था। राजगोपाल ने आगे कहा कि लर्निग सर्कल को लेकर गहराई से विमर्श किया गया है। यह सोच विकसित हुई कि लर्निग सर्कल तैयार हो, जिससे समाधान निकले,इस समय दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है अलगाव।इससे जहाँ दिल और दिमाग के बीच में तालमेल ना हो तब हमारे अध्ययन करने का कोई अर्थ ही नहीं है,हमारी शिक्षा पद्धति वहां असफल हो जाती है जहाँ हम दिमाग से सोचना तो शुरू करते है परंतु दिल से महसूस करना बंद कर देते हैं।  आजादी के 70 वर्ष के बाद भी अभी भी इतनी दुख -दर्द क्यो? सोचा था कि आजादी के बाद सबका हक़ समान होगा, परन्तु अब तो हमने उसे महसूस करना भी बंद कर दिया है। हम ऐसा क्यों करते है ? अव्वल पैसे  वालो से पहले मिलते हैं और गरीबो को इंतजार कराते है,इस वजह से गरीबों को ओर लूटा जाता है हम गरीबो को न्याय तब तक नहीं दें सकते हैं जब तक हम मकान बनाने के साथ उस मकान में रहने वाले को अच्छा बनाये अर्थात हमारे देश के युवा इस देश को न्याय दिला सकते है,वे युवा जो संवेदनशील हो हमे अपने देश के युवाओं का एक ऐसा ढांचा तैयार करना होगा जो भावनाओ को समझे,हमें ड्रामा रचना, बैंड करना होगा अपने युवाओं को तर्कशील एवं भावनापूर्ण बनाना होगा।

विश्व में हथियारों की एक बड़ी लॉबी काम कर रही है जिनका संबंध केवल हिंसा परोसना है। हिंसा को बनाने के लिए शोध,पैसा,और तकनीक कार्यरत है,परन्तु अहिंसा के लिए कहीं कोई शोध नही है कोई पैसा नही है ऐसी स्थिति में इस देश के युवा ही एक मात्र विकल्प है जो देश हथियार का उत्पादन करते है वो अहिंसा के लिए क्यो काम करेंगे,हथियारो की लॉबी का अंदाजा इस वाक्य से लगाया जा सकता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पहले चुनाव में कहा था वहां अमेरिका में स्मॉल वेपन एक्ट( small weapon act)  लागू करेंगे परन्तु दोनों कार्यकाल में वे इसपर कोई ठोस कानून बनाने में नाकाम रहे...। इस बीच जय जगत, जय जगत, जय जगत पुकारे जा.......गीत प्रस्तुत की गयी। इसके बाद जिलकार बहन (कनाडा):- गांधी जी की 150 वीं वर्षगांठ को मनाने के सिलसिले में जय जगत -2020 अभियान चलाया जाना है जो एक यात्रा होगी,जिसका अन्त तमाम देशों में जाते हुए जेनेवा में समाप्त होगा विश्व गठबंधन की भावना को विकसित करना है।

जूलियस जी (जर्मनी) -: इनका कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी  बहुत महान हस्ती थे। क्या यह आवश्यक नहीं हैं कि हमें उनके द्वारा दी हुई धरोहर को सहेजना रखे इस जीवन का मूल्य समझना होगा।

डॉ रनसिंह परमार :-गांधी जी के विचार बहुत गहरे थे उन्होंने जो कुछ कहा पहले खुद पर प्रयोग किया है,युवाओ को महात्मा गांधी के विषय में खोज और पाठन करना चाहिए।

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