श्रीनगर, 08 मार्च, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में दोषी ठहराये गये बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी की जमानत मंजूर होने पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुये शुक्रवार को कहा कि यह कदम मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का जानबूझकर दिया गया एक संदेश है। उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर आश्चर्य जताते हुये सुश्री महबूबा ने कहा कि गुजरात दंगे के दौरान एक गर्भवती मुसलमान महिला के गर्भ से उसके भ्रूण को जबरदस्ती बाहर निकालने वाले एक व्यक्ति को आजाद कर दिया गया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष सुश्री महबूबा ने कहा, “क्या यही उनके नया इंडिया का विचार है।” सुश्री महबूबा ने टि्वटर पर लिखा, “गुजरात दंगे के दौरान एक गर्भवती मुसलमान महिला के गर्भ से उसके भ्रूण को जबरदस्ती बाहर निकालने वाले व्यक्ति को आजाद कर दिया गया है। चुनाव के कुछ महीने पहले उसे जानबूझकर रिहा किया गया है। संदेश स्पष्ट है कि मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों का तिरस्कार करो और निशाना बनाओ। क्या यही उनके नया इंडिया का विचार है?” शीर्ष न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर बाबू बजरंगी को सशर्त जमानत मंजूर की है। एक निचली अदालत ने बाबू बजरंगी को नारोदा पाटिया नरसंहार से संबंधित मामले में उसकी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और इस फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था।
शनिवार, 9 मार्च 2019
चुनाव से पहले बाबू बजरंगी को जानबूझकर आजाद किया गया : महबूबा
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