बिहार : ड्यूटी के दौरान मृत्यु के बाद रेलकर्मियों के परिजनों को जीएम ऑफिस का नहीं काटना पड़ेगा चक्कर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 17 मार्च 2019

बिहार : ड्यूटी के दौरान मृत्यु के बाद रेलकर्मियों के परिजनों को जीएम ऑफिस का नहीं काटना पड़ेगा चक्कर

- रेलवे बोर्ड के नए प्रावधान में सिर्फ गंभीर रूप से बीमार रेलकर्मियों को ही जीएम कार्यालय से अप्रूवल कराना पड़ेगा - ड्यूटी के दौरान कर्मी की मौत के बाद परिजनों को मंडल स्तर पर ही लाभ दिए जाने का किया गया है प्रावधान
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कुमार गौरव । पूर्णिया : ड्यूटी के दौरान रेल कर्मियों की मौत के बाद पीड़ित परिवार को विभाग से मिलने वाले मुआवजा के लिए अब तक इस मुआवजा से संबंधित फाइलें स्थानीय कार्यालय से लेकर मंडल कार्यालय व जोनल कार्यालय में ही लंबे समय तक घूमता रह जाता था। जिस कारण राशि के लिए पीड़ित परिवार को लंबे समय तक टकटकी लगाए रखना पड़ता था। लेकिन सरकार ने अपने जारी नए आदेश में ऐसी पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत दी है। सरकार द्वारा जारी नए निर्देश के अनुसार रेल कर्मियों की ऑन ड्यूटी मौत के बाद पीड़ित परिवार व परिजन को विभाग द्वारा मिलने वाली मुआवजे की राशि के लिए न तो लंबा इंतजार करना होगा और न ही मुआवजे की राशि की फाइल स्वीकृति के लिए कार्यालय का चक्कर काटेगी। नए निर्देश के बाद अब मुआवजे की राशि की स्वीकृति अब उस क्षेत्र के मंडल रेल प्रबंधक ही करेंगे। ड्यूटी के दौरान रेल कर्मियों की मौत होने पर पीड़ित परिवार के परिजनों को 25 लाख मुआवजा देने का प्रावधान बनाया गया है। मुआवजे की राशि की स्वीकृति अब मंडल रेल प्रबंधक ही करेंगे।

...क्या थी प्रक्रिया : 
वर्तमान समय में रेल कर्मियों के ऑन ड्यूटी मौत के बाद जीआरपी में एफआईआर एवं पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद वेलफेयर अधिकारी मामले के संबंधित कागजातों एवं संबंधित फॉर्म को भरकर स्थानीय कार्यालय में स्थानीय सक्षम वरीय अधिकारियों की अनुशंसा के लिए भेजते हैं। जहां से अनुशंसा के बाद इसे संबंधित मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भेजा जाता है। जहां से अनुशंसा के बाद यह फाइल उस क्षेत्र के जोनल कार्यालय में स्वीकृति के लिए जीएम कार्यालय को भेजी जाती है। इतनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंडल रेल प्रबंधक की स्वीकृति उपरांत संबंधित पीड़ित परिवार के परिजन को विभाग द्वारा मुआवजे की राशि को निर्गत किया जाता है।

...क्या है नया प्रावधान : 
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नए निर्देश के अनुसार रेल कर्मियों के ऑन ड्यूटी मौत के बाद उपर्युक्त प्रक्रिया पूरी कर स्थानीय अधिकारी द्वारा इसे मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भेजा जाएगा। जहां से अब मंडल रेल प्रबंधक द्वारा ही इस मुआवजे की राशि की स्वीकृति कर दी जाएगी और रेलकर्मियों के मौत के कुछ ही दिनों बाद उनके पीड़ित परिजनों को यह राशि उपलब्ध हो जाएगी।

...कर्मचारी संगठन ने बताया हितकारी :
एनएफ रेल मंडल कटिहार के इंप्लाइज यूनियन के सचिव रूपेश कुमार ने रेलवे बोर्ड की इस नई पहल का स्वागत करते हुए इसे रेल कर्मियों के परिवार के लिए काफी हितकर बताया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ वैसे रेल कर्मी जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें सरकारी मदद के लिए जीएम कार्यालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।

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