बिहार : शायद इसे कहते हैं अच्छे दिन,रुठे को मनाने की कोई जरुरत ही नहीं। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 मार्च 2019

बिहार : शायद इसे कहते हैं अच्छे दिन,रुठे को मनाने की कोई जरुरत ही नहीं।

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज अब क्या करेंगे? मतलब साफ है,लोकसभा चुनाव से पहले ही गिरिराज के सर से नवादा का ताज छिनता हुआ दिखाई दे रहा है। सूत्रों की माने तो मुंगेर से सांसद वीणा देवी का नवादा से लड़ना तय हो गया है। एनडीए के शीर्ष नेतृत्व ने यह फैसला सर्वसम्मति से ले लिया है। 

नवादा से लड़ने के पहले ही रुठ गए थे गिरिराज।
2014 का लोकसभा चुनाव गिरिराज सिंह बेगूसराय से लड़ना चाहते थे लेकिन अंतिम क्षण शीर्ष नेतृत्व ने बेगूसराय से भोला सिंह को लड़ाने का फैसला ले लिया और गिरिराज सिंह को नवादा जाने के लिये कहा गया। बस क्या था गिरिराज सिंह हत्थे से उखड़ गए। फिर उन्हें मनाया गया । लेकिन इस बार मनाने की तैयारी नहीं है। भाजपा के अंदरुनी सूत्रों की माने तो नखडा दिखाने पर इन्हें संगठन में भी भेजा जा सकता है।बहरहाल इस फैसले की भनक गिरिराज को जैसे ही लगी तो उन्होंने घोषणा कर दी कि लड़ूंगा तो नवादा से ही। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले बिहार के भाजपा सुप्रीमो सुशील मोदी को   गिरिराज सिंह अपने संसदीय योजना के तहत गोद लिए गाँव का जायजा लेने के लिये ले गए थे। नवादा के खनवां गाँव को गिरिराज ने गोद लिया था और बताया जाता है कि खनवां को देश के मानचित्र पर लाने के लिए गिरिराज सिंह ने काफी कुछ किया भी है। लेकिन इसके बावजूद बात बनती दिखाई नहीं दे रही है।अब क्या होगा ये तो ऊपरवाले ही जानें।मेरा मतलब ऊपरवाले का भगवान से नहीं आलाकमान से है।

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