अरुण कुमार (आर्यावर्त्त) नई पीढी को पुरातन संस्कृति,शास्त्रीय संगीत एवं लोक कलाओं से जोड़ने के अविरल प्रयास में पिछले चार दशक से चल रहे अभियान की अगली कड़ी में स्पिक मके के बैनर तले आज रविवार को ओडिशा का विश्वविख्यात “गोटिपुआ लोकनृत्य” का आयोजन भारद्वाज गुरुकुल, बेगूसराय में हुआ। हजारों साल पुरानी इस लोक कला का प्रदर्शन जब मंच पर शुरू हुआ तो बच्चे बुज़ुर्ग सब झूम उठे।उड़ीया भाषा में मनमोहक गायन कर गुरू जयकृष्ण नायक ने साबित कर दिया कि संगीत भौगोलिक सीमाओं को कैसे लांघती है।बाल कलाकारों ने एक से एक भाव भंगिमाओं और मुद्राओं से दर्शकों को चकित कर दिया। गोटी जो कि उड़िया शब्द है इसका अर्थ एक होता है"पुआ"और एक अर्थ "लड़का" भी होता है।ये उड़िया शब्द है,"गोटीपुआ" ओडिशी नृत्य का प्राथमिक स्तर है।यह लोकनृत्य लड़कों के द्वारा लड़की के वेशभूषा में किया जाता है।यह नृत्य पंचदेव को समर्पित होता है।एक्रोबेटिक का भरपूर इस्तेमाल होता है।नृत्य के दौरान अभिनय का अभिन्न अंग है।कोणार्क नाट्य मंडप के कलाकारों ने अपने प्रस्तुति से सबों का मन मोह लिया।SPIC MACAY का यह अभियान है कि देश के बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं कला का अनुभव कराया जाय जिससे उन्हें भारतीय होने पर गर्व हो।इस कार्यक्रम में दीनानाथ सुमित्र,रंजन कुमार, अनुपमा कुमारी,हरिशंकर सिंह,मनोज कुमार, नवल किशोर झा,जवाहर लाल भारद्वाज,मुरारी अग्रवाल,प्रवीण कुमार मिश्र, सुमित कुमार , अमृता भारद्वाज के अलावा दर्ज़नों अभिभावक और सैकड़ों छात्र मौजूद थे।
रविवार, 3 मार्च 2019
बेगुसराय : ओडिसी "लोक नृत्य" (गोतीपुआ) का भव्य प्रदर्शन
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