हिन्दू कालेज में नाटक का मंचन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 6 मार्च 2019

हिन्दू कालेज में नाटक का मंचन

play-acted-in-hindu-college
नई दिल्ली (विनीत कांडपाल)।  हिन्दू कालेज में हिंदी नाट्य संस्था 'अभिरंग' द्वारा नाटक का मंचन किया गया। 'जात जात की बात' शीर्षक से मंचित इस नाटक में भारतीय राजनीति में जातिवाद के जहर पर व्यंग्य किया गया है।  हरिशंकर परसाई की प्रसिद्ध कृति  'हम बिहार से चुनाव लड़ रहे हैं' पर आधारित इस नाटक का निर्देशन युवा रंगकर्मी हिरण्य हिमकर ने किया था।   नाटक में पागल की भूमिका में विकास मौर्य, सूत्रधार की भूमिका में काजल, कृष्ण की भूमिका में विनीत, नारदा की भूमिका में उषा, नेताजी की भूमिका में राहुल और नेताजी दो की भूमिका में दिलीप का अभिनय दर्शकों ने बेहद पसंद किया। अमन, अजीत, कमलेश, सोनिया, प्रिया, श्वेता, शुभम, सोनू, आशीष, पियूष ने भी अपनी अपनी भूमिकाओं में प्रभावित किया। नाटक के सह निर्देशक पियूष पुष्पम और आदर्श मिश्रा थे। मंचन के बाद निर्देशक हिरण्य हिमकर ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में युवाओं के मध्य रंगमंच की गतिविधियों से सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है। अभिरंग के परामर्शदाता डॉ पल्लव ने खा कि हरिशंकर परसाई अपने व्यंग्य में प्रतिगामी विचार के विरुद्ध पाठक को खड़ा करते हैं ताकि वह जाति, धर्म और क्षेत्र जैसी संकीर्णताओं से बाहर निकलकर देश और समाज के सम्बन्ध में व्यापक ढंग से सोच-समझ सके। उन्होंने अभिरंग के उद्देश्यों और संकल्पों के बारे में कहा कि नयी पीढ़ी में सामूहिकता और सामुदायिकता के लिए इस तरह की गतिविधियां सदैव उपयोगी रहेंगी। हिन्दू कालेज के सभागार में इस अवसर पर हिंदी विभाग के आचार्य डॉ विजया सती, डॉ रामेश्वर राय, पुस्तकालयध्यक्ष संजीव शर्मा सहित अब्दी संख्या शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: