शिलांग 14 मार्च, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के अध्यक्ष और मेघालय विधानसभा के अध्यक्ष डॉ दोनकुपार रॉय ने कहा है कि यूडीपी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से किसी तरह का कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ रही है ऐसे में कांग्रेस का हम पर भाजपा से साठ-गांठ का आरोप बिल्कुल गलत है। श्री रॉय ने कहा, “भाजपा के चुनाव में अकेले लड़ने से यूडीपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वास्तव में भाजपा के अकेले लड़ने से कांग्रेस का यूडीपी और एनपीपी के भाजपा के साथ साठ-गांठ के आरोप को गलत साबित करता है और यह साबित होता है कि हमारा भाजपा से किसी तरह का रिश्ता नहीं है।” उल्लखनीय है कि भाजपा शिलांग और तुरा दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि भाजपा छह पार्टियों की ओर से समर्थित मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन (एमडीए) सरकार का हिस्सा है। एमडीए में शामिल एनपीपी, यूडीपी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिल स्टेट पिपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य तीन निर्दलियों ने शिलांग संसदीय क्षेत्र से यूडीपी के उम्मीदवार जेमिनो मावथोह जबकि तुरा संसदीय क्षेत्र से एनपीपी के उम्मीदवार अगाथा संगमा का समर्थन करने का एलान किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या नागरिकता संसोधन विधेयक से यूडीपी को कोई नुकसान होगा? इस पर श्री रॉय ने कहा, यह विधेयक हमारा मुद्दा नहीं है। यह सांसदों का मुद्दा है और यह हमारा एजेंडा नहीं है। नागरिकता संसोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस क्षेत्रीय दलों खासकर यूडीपी और एनपीपी पर भाजपा के साथ गठबंधन करने को लेकर निशाना साधती रही है। श्री रॉय ने हालांकि कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्व में कांग्रेस का और भी पतन होगा। यूडीपी के अध्यक्ष ने कहा, “उत्तर पूर्व के किसी भी राज्य में सत्ता पर काबिज नहीं होने के कारण कांग्रेस की स्थिति यहां बहुत खराब है।” इसके अलावा यूडीपी के नेता ने वर्ष 2016 में भाजपा द्वारा बने उत्तर पूर्व लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) को कमजोर गठजजोड़ करार दिया है। उन्होंने कहा कि नेडा का आने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्व के राज्यों में कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “नेडा एक कमजोर गठजोड़ है। यूडीपी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और उसका भाजपा या नेडा से कोई लेना-देना नही है।” गौरतलब है कि भाजपा ने उत्तर पूर्व में गैर कांग्रेसी दलों को एक करके नेडा का गठन किया था जिसमें यूडीपी भी शामिल था। हालांकि यूडीपी ने विवादित नागरिकता संसोधन बिल के विरोध में नेडा से अपना नाता तोड़ लिया था।
गुरुवार, 14 मार्च 2019
यूडीपी का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं : दोनकुपार
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