कसबा : सावधान! गर्मी का मौसम आते ही सड़कों पर आकर्षक रंग बिरंगे पेय पदार्थ बिकने शुरू हो गए हैं। शहर की सड़कों पर सत्तू, शरबत, शिकंजी, गन्ने के जूस के सैकड़ों ठेले और दुकान खुल गई हैं। लेकिन क्या कहीं ठेले पर बिक रहे पेय पदार्थ आपको बीमारियां तो नहीं परोस रहे हैं। सचेत हो जाइए। इन पेय पदार्थ में रंगो के मिलावट का खेल चल रहा है। लाल, गुलाबी, हरे रंग के आकर्षक शरबत लोगों को खूब लुभा रहे हैं। लेकिन ये शरबत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर लापरवाह है। इन ठेलों और दुकानों पर बिकने वाले पेय पदार्थों की गुणवत्ता की जांच नहीं की जा रही है।
...गंदगी को न करें अनदेखा :
शहर के नेहरू चौक, गढ़बनैली चौक, राणीसती चौक, गुदरी मोड़ आदि इलाकों में ठेले के आसपास मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। जो सेहत के लिए हानिकारक है। रोड पर लगने वाले चाट, जूस व सत्तू की दुकान पर स्वच्छता का ख्याल नहीं रखा जाता है। गंदगी के कारण पेट से जुड़े कई बीमारियों होती हैं। गंदगी से डायरिया, डिहाइड्रेशन व कब्ज जैसी बीमारियों के होने की आशंका रहती है।
...सत्तू में मिलावट :
पेट की ठंडक के लिए लोग सत्तू पीते हैं लेकिन इन दिनों सत्तू में मैदा के साथ अखरोट का प्रयोग हो रहा है। सत्तू को गाढ़ा करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ताकि कम मात्रा में प्रयोग कर ज्यादा शरबत बनाया जाए।
...सिंथेटिक कलर का नुकसान :
ठंडे पेय और जूस में इस्तेमाल किए जाने वाले सिंथेटिक कलर स्लो प्वाइजन के समान है। इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जानकार बताते हैं कि सिंथेटिक कलर से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं होती है। इससे कैंसर तक का खतरा रहता है। सरकारी अस्पताल कसबा के कर्मी ने बताया कि अगर लोग सत्तु, शरबत तथा अन्य सामग्री का इस्तेमाल करते हैं तो सोच समझ कर करे ताकि स्वास्थ्य पर होने वाली परेशानियों से बचे।
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