बिहार : एनएच हो या फिर ग्रामीण सड़कें हरेक जगह किसान सुखा रहे अपनी फसल, बन रहे हादसों के कारण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 अप्रैल 2019

बिहार : एनएच हो या फिर ग्रामीण सड़कें हरेक जगह किसान सुखा रहे अपनी फसल, बन रहे हादसों के कारण

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : मक्के का सीजन आते ही एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 31 पूर्णिया से बंगाल जाने वाली सड़क पर किसानों के द्वारा मक्के की फसल को सुखाने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत एनएच 31 चरैया की सड़कों पर बेरोकटोक किसानों के द्वारा मक्का सुखाया जा रहा है। जबकि चरैया सड़क वर्षों से वनवे है और दूसरी इस सड़क से होकर छोटे वाहन मसलन ऑटोरिक्शा व बाइक बड़ी संख्या में चलते हैं। वहीं सड़क के बीचोंबीच मक्का सुखाने के कारण दर्जनों दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। वहीं अनुमंडल क्षेत्र के डगरुआ प्रखंड के बेलगच्छी एनएच से पूरब जसवा गेहूमां जाने वाली सड़क पर मक्का बेरोकटोक सुखाने से कई बार बाइक सवार हादसे के शिकार हो चुके हैं। 

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बाइक सवार अफरोज आलम कहते हैं कि किसानों के द्वारा मक्के की फसल सड़क पर ही बिछा देने को लेकर अक्सर वाहन चालकों के साथ तूतू मैं मैं की नौबत बनी रहती है। फसल हटाने को लेकर किसानों से आग्रह भी किया जाता है लेकिन उन पर कोई असर नहीं हो रहा है। जिससे राहगीरों व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मक्का सुखाने को लेकर कई बार वाहन चालक दुर्घटना के शिकार भी हुए लेकिन इसे लेकर प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। हर साल प्रशासन के द्वारा सड़क पर मक्का नहीं सुखाने का दिशा निर्देश जारी तो किया जाता है लेकिन सख्ती नहीं दिखाए जाने का ही परिणाम है कि दिशा निर्देश ठंडे बस्ते में चला जाता है। सड़क पर मक्का बिछा देने के कारण सड़क संकरी हो जाती है और वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते हैं। खासकर दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब वे ऐसे रास्ते से होकर गुजरते हैं तो मक्के के दाने पर उनकी गाड़ी फिसल जाती है और अनियंत्रित होकर चालक गिर जाते हैं। यह आलम सिर्फ मुख्य मार्ग का ही नहीं है बल्कि गांव की पक्की सड़कों पर भी मक्के को धड़ल्ले से सुखाया जा रहा है। कई बार तो आवागमन तक बाधित हो जाता है और वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है।

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