पूर्णियां : सरकार की नई योजना अब जीविका दीदी बेचेगी नीरा, - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

पूर्णियां : सरकार की नई योजना अब जीविका दीदी बेचेगी नीरा,

 - उनके पति बेचेंगे चखना, जिला के चार प्रखंडों में लगाए जाएंगे नीरा के स्टाॅल- शराबबंदी कानून में नीरा के उत्पादन बिक्री व सेवन पर लगाया था प्रतिबंध
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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददता) सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर करने और स्वरोजगार के लिए ग्रामीण विकास विभाग के द्धारा जीविका समूह को नीरा बेचने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। जिसके लिए जीविका स्किम के तहत तैयारी पूरे जोर शोर पर है। जिले के चार प्रखंड पूर्णिया पूर्व, बैसा, कसबा, व डगरूवा प्रखंड में नीरा का स्टॉल लगाया जा रहा है। चयनित सभी चार प्रखंडों में एक एक स्टॉल लगाया जाएगा। इसी स्टॉल से शुद्ध और ताजा नीरा की बिक्री की जाएगी। जीविका दीदी तो अपना रोजगार करेगी ही साथ में उनके पति या परिवार के लोग स्टॉल के आसपास में चखना की दुकान भी लगाएंगे। नीरा के शौकीन लोगों को ताजा नीरा और चखना एक ही जगह सस्ते और रियायती मूल्य पर मिल जाएगा। इससे जीविका दीदीयों की आमद दो गुना बढ़ जाएगी। वहीं नीरा का कारोबार पर निर्भर पासी जाति का बंद पड़ा कारोबार फिर से दोबारा चालू हो जाएगा। पासी समुदाय के कई लोग इस कारोबार से जुड़ कर अपना घर परिवार आसानी से चला पाएंगे।

...शराबबंदी कानून में नीरा के उत्पादन बिक्री व सेवन पर लगाया था प्रतिबंध : 
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद नीरा और ताड़ी के कारोबार, उत्पादन, बिक्री व सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसे लेकर पासी समुदाय के लोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था। सरकार ने अब नीरा पर लगाए गए प्रतिबंध काे हटा दिया है। अब सरकारी स्तर से ही नीरा का कारोबार किया जाएगा। जीविका स्किम के अनुसार नीरा से प्रतिबंध हटाया गया है लेकिन ताड़ी के उत्पादन, कारोबार, बिक्री व सेवन पर प्रतिबंध बरकरार है। यदि कोई नीरा के जगह ताड़ी का कारोबार करता है तो वैसे लोगों पर शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।

...नीरा और ताड़ी में क्या है अंतर : 
जानकारों की मानें तो नीरा उसे कहते है जो सूर्योदय से पहले ताड़ के पेड़ से निकाला जाता है और जिस को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है। ताड़ के पेड़ से निकाले गए ताजे रस को नीरा कहा जाता है। जब नीरा धूप निकलने के बाद उसका स्वाद में खटास आ जाता है तो उसे ताड़ी के नाम से जाना जाता है। 

...जांच के बाद ही बिकेगी नीरा :
सुबह चार से पांच बजे के बीच नीरा को ताड़ के पेड़ से उतारा जाएगा और स्टॉल पर पहुंचने के बाद उसकी क्वालिटी की जांच होगी। जांच पीएच मीटर से किया जाएगा। जांच के बाद नीरा को स्टॉल में लगे ठंडा बॉक्स में रखा जाएगा और खटास नहीं आने तक नीरा को बेचा जाएगा। 

...जीविका समूह को दी जाएगी जिम्मेवारी :
नीरा का नाम ठंडा नीरा रखा गया है और इसके कारोबार की जिम्मेदारी जीविका समूह को दी गई है। इसके लिए जीविका दीदी का एक समूह बनाया गया है। समूह में 20 से 30 के संख्या में जीविका के महिलाएं रहेगी। वहीं नीरा का काराेबार के लिए जीविका समूह को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। नीरा का स्टॉल मई 20 तक खुलने का संभावना है। स्टॉल का विधिवत उदघाटन किया जाएगा।

...20 मई तक शुरू होंगे स्टॉल : 
जिले के चार प्रखंड पूर्णिया पूर्व, कसबा, बैसा व डगरूवा में नीरा का स्टॉल लगाया जाएगा। इस काम की जिम्मेवारी जीविका समूह को दी गई है। जीविका को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। 20 मई तक स्टॉल उदघाटन के बाद चालू कर दिया जाएगा। सरकार ने जीविका समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह स्किम लागू की है। नीरा से प्रतिबंध को हटा दिया गया है लेकिन ताड़ी पर प्रतिबंध लागू है।  : सुनिर्मल गरेन, डीपीएम, जीविका, पूर्णिया। 

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