नयी दिल्ली, 23 अप्रैल, उच्चतम न्यायलय ने आपराधिक मानहानि मामले में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी। मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा श्री राहुल पर सर्वोच्च न्यायलय के फैसले पर टिप्पणी करने को लेकर दायर किए गए आपराधिक मानहानि के दावे की सुनवाई के दौरान उक्त बातें कहीं। शीर्ष न्यायलय ने कहा कि श्री राहुल गांधी को इस मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से फिलहाल छूट दी जाती है। न्यायलय ने सुश्री लेखी के वकील मुकुल रोहतगी और श्री राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने अपने दो पन्ने के फैसले में कहा, हम इस मामल में कथित तौर पर आरोपी को नोटिस जारी कर रहे हैं। श्री सिंघवी ने कहा कि सर्वोच न्यायलय को अवमानना मामले में केवल उनसे स्पष्टीकरण मांगने में ध्यान देना चाहिए। हालांकि सीजेआई गोगोई, न्यायधीश दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वे इस मामले को लेकर श्री राहुल को नोटिस जारी कर रहे हैं। सुश्री लेखी के वकील श्री रोहतगी ने कहा कि श्री राहुल ने उच्चतम न्यायलय का नाम लेकर चौकीदार चोर है के लिए सही तरीके से माफी नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में श्री राहुल के द्वारा दायर किए गए जवाब से संतुष्ट नहीं है।
बुधवार, 24 अप्रैल 2019
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल काे व्यक्तिगत उपस्थिति से दी छूट
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