मलेरिया सप्ताह के अन्तर्गत कार्यशाला संपन्न
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी के निर्देशानुसार विश्व मलेरिया दिवस सह मलेरिया सप्ताह के अन्तर्गत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे द्वारा विभिन्न विभागों के मलेरिया नियंत्रण में आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे ने कार्यशाला में वाहक जनित रोग मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया एवं जीका वायरस के वाहक (मच्छर) के उत्पत्ति, स्वभाव एवं नियंत्रण तथा उपचार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में स्कूल शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं जिम्मेदार कर्मचारी उपस्थित थे। जिला शिक्षा अधिकारी से आग्रह किया गया कि अधीनस्थ विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों एवं षिक्षकों को वाहक जनित रोग नियंत्रण के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराएं। विद्यालयों में षिक्षक एक कालखण्ड का चयन कर छात्रों को वाहक जनित रोग मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करें तथा मच्छर के लार्वा नष्ट करने की विधियों पर बताऐं। लोक निर्माण विभाग, नगरीय निकाय तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया गया कि शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण स्तर पर खुली हुई नालियों के पानी की एवं एक स्थान पर रूके हुए पानी पानी के निस्तारण की व्यवस्था करें। जिससे वहां मच्छर की उत्पत्ति न हो सकें। महिला एवं बाल विकास अधिकारी को सुझाव दिया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को अपने स्तर पर निर्देशित करें कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से होने वाली वाहक नियंत्रण गतिविधियों में सक्रिय रूप से सहयोग प्रदान करें जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने के पूर्व वाहक जनित रोगों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सकें। मलेरिया विभाग द्वारा संचालित समस्त गतिविधियों में सहभागिता कर जरूरी सहयोग प्रदान करें जिससे समय रहते मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को फैलने और उत्पन्न होने से रोका जा सकें।
मत प्रतिशत एप पर हर दो घंटे में मिलेगी मतदान के प्रतिशत की जानकारी
लोकसभा चुनाव में मतदान केन्द्रों पर होने वाले मतदान के प्रतिशत की जानकारी आमजन को उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग द्वारा मत प्रतिशत मोबाइल एप तैयार किया गया है। एप का उपयोग पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी क्रमांक-एक और सेक्टर ऑफिसर द्वारा किया जायेगा। एंड्रॉयड फोन के प्लेस्टोर में जाकर एप डाउनलोड कर उपयोग कर्ता को अपने मोबाइल नम्बर से लॉगिन करना होगा। प्रत्येक पीठासीन अधिकारी अथवा मतदान अधिकारी क्रमांक एक के मोबाइल नम्बर की मेपिंग उनके मतदान केन्द्र से की जायेगी। इस प्रकार प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए पंजीकृत मोबाइल नम्बर से ही इस एप का उपयोग किया जा सकेगा। पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी क्रमांक एक अथवा सेक्टर ऑफिसर द्वारा मतदान प्रारंभ होने के पश्चात प्रत्येक दो घंटे में अपने मतदान केन्द्रों पर मतदान करने वाले पुरूष एवं महिला मतदाता की संख्यात्मक जानकारी दर्ज कर भेजी जायेगी, जो भोपाल मुख्यालय स्थित सर्वर में एकत्रित होगी। इस जानकारी को मत प्रतिशत एप पर प्रदर्शित किया जायेगा। सामान्य तौर पर मोबाइल एप ऑनलाइन मोड में कार्य करेगा, किंतु इंटरनेट नेटवर्क नहीं होने पर भी एसएमएस सर्विस के माध्यम से ऑफलाइन मोड में मोबाइल एप पर दर्ज डाटा भोपाल स्थित सर्वर में एकत्रित किया जा सकेगा। इस प्रकार सभी मतदान केन्द्रों से मतदान की अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सकेगी और आमजन को समय-समय पर मतदान प्रतिशत से अवगत कराने में यह मोबाइल एप अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
रैलियों एवं सभाओं की अनुमति के लिए सुविधा
लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को सभा के लिये मैदान की अनुमति लेने, रैली निकालने, लाउडस्पीकर, वाहन एवं हेलीपैड के लिये अनुमति लेने अब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पडेगी। वे इन अनुमतियों के लिये ऑफलाइन आवेदन के साथ-साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों को अनुमतियां प्रदाय करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम भी स्थापित किया गया है। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के मद्देनजर किसी भी कार्य की अनुमति लेने के लिये राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को पहले आओ पहले पाओ की सुविधा दी है। इसके तहत जो पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे पहले अनुमति दी जायेगी। इसके लिये सुविधा एप पर तय समय के पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उपलब्धता अनुसार उन्हें अनुमति दी जायेगी। निर्वाचन प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिये आम सभायें, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित विभिन्न समस्याओं का समाधान भी ऑनलाइन किया जायेगा। चुनाव आयोग के विशेष साफ्टवेयर के द्वारा चुनाव में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निगरानी की जायेगी। वाहनों के अधिग्रहण करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की गई है।
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