पटना (आर्यावर्त संवाददाता) ,01 मई। आज राजधानी के कुल्हरिया काॅम्पेलेक्स में राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया। अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर 130 से अधिक घरेलू कामगारों ने हिस्सा लिया। घरेलू कामगारों ने कहा कि जहां कार्यरत हैं वहां पर मजदूर दिवस के अवसर पर छुट्टी देने का प्रावधान नहीं है। अधिकांश घरेलू कामगारों ने श्रम नियोजनालय में जाकर पंजीकृत कराये हैं। पंजीकृत होने पर मजदूरों को अनेकानेक योजनाओं से लाभ मिलता है। मगर नौकरशाहों ने योजनाओं से मिलने वाले लाभ की प्रक्रिया हो जटिल बना दिया है। इसके कारण मजदूरों की सामान्य मौत होने के बाद भी बतौर 30 हजार रू. का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन कार्यालय से लोग पांच साल से श्रम नियोजनालय में दौड़ लगा रहे हैं तब भी मुआवजा नहीं मिल रहा है। बताते चले कि 130 घरेलू कामगारों में केवल एक आठवीं कक्षा तक पढ़ी हैं। अन्य सभी साक्षर हैं। दुखद पहलु यह है कि पहले महिलाओं क़ी स्थिति दयनीय थीं। एक महिला घरेलू कामगार ने कहा कि पति ने त्यागकर दिया। उसने अपनी मुंहबोली बहन से ही अवैध संबंध बना लिया। दो बच्चे भी हैं। इससे उभरकर महिला ने अपनी बच्ची की शादी कर दी हैं। अपने पुत्र को टेम्पों खरीद दी है। वह टेम्पू चला रहा है। जब से राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन से जुडी हैं। तब से घरेलू कामगारों की स्थिति में क्रमिक सुधार होने लगा है। काफी मशक्कत करने के बाद घरेलू कामगारों को न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाया गया है। न्यूनतम मजदूरी के अनुसार ही दैनिक मजदूरी दिया जाता है। इसका सुखद परिणाम यह हुआ कि आर्थिक स्थिति में तरक्की हुआ है। बांसकोठी में रहने वाली महिला कामगार ने कहा कि काफी मेहनत करके बच्ची को ‘ए‘ नर्स बनाने में सफल हो गयी। कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पीटल में पुत्र कार्यरत हैं। वहीं उनको सम्मान भी मिलने लगा है। मौके पर थड जेंडर रेश्मा जी, आलोक कुमार, सिस्टर लुसी, सिस्टर ओफ्र्रा,ज्योति कुमारी, सुषमा खाखा, असरीता टोप्पों नौवमी टुडू, बिपिन डुंगडुंग, सुधीर कुमार आदि ने संबोधित किया।
गुरुवार, 2 मई 2019
बिहार : राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया
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