- डीएम ने किया वैक्सिन पखवाड़ा का उदघाटन- देश में डायरिया से हर वर्ष होती है 72 हजार बच्चों की मौत
पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए बुधवार से रोटा वायरस वैक्सिन का आगाज किया गया। जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा एवं सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद ने संयुक्त रूप से सदर अस्पताल स्थित बच्चा वार्ड में फीता काट कर रोटा वायरस वैक्सिन अभियान का विधिवत उदघाटन किया। जिलाधिकारी ने कहा पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कुपोषण के कारण अक्सर डायरिया के शिकार होते हैं और सही इलाज और उपचार के बिना उसकी मौत हो जाती है। सरकार ने डायरिया से हो रही मौत को रोकने के लिए रोटा वायरस वैक्सिन का आगाज किया है। जिसका 3 जुलाई से पूरे बिहार में एक साथ आगाज किया गया है। डायरिया रोग को रोकने के लिए इस वैक्सिन काे लांच किया गया है। रोटा वायरस वैक्सिन का टीका लगाने से बच्चों को डायरिया जैसी प्राण घातक बीमारियों से बचाव व मृत्यु होने से बचाव होगी। सिविल सर्जन ने कहा कि भारत में पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में 10 प्रतिशत मृत्यु दर का मुख्य कारण डायरिया है। डायरिया होने पर बच्चों को शारीरीक व मानसिक विकास में बाधा पहुंचाती है। सीएस ने कहा रोटा वायरस वैक्सिन को नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। जो बच्चों को रोटा वायरस डायरिया से रक्षा करेंगे। रोटा वायरस वैक्सिन वैसे वर्ष 2016 से ही देश के 11 राज्यों में चलाया जा रहा है। लेकिन अब इस वैक्सिन को बिहार में भी नियमित रूप से लागू कर अभियान चलाया गया है। कार्यक्रम में डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, अस्पताल अधीक्षक डॉ इंद्र नारायण, मैनेजर सिंपी कुमारी, डॉ सुधांशु कुमार, केडी शरण, यूनिसेफ से मुकेश कुमार गुप्ता, राजकुमार, यूएनडीपी से सोमेश कुमार, अवधेश कुमार व केयर इंडिया से आकांक्षा पाल मौजूद थे।
...देश में डायरिया से हर वर्ष होती है 72 हजार बच्चों की मौत :
अतिसार के कारणों में रोटा वायरस डायरिया का प्रमुख कारण है। भारत में लगभग 40 प्रतिशत यानी 32 लाख 70 हजार बच्चे रोटा वायरस डायरिया के शिकार होते है। जिसमें आठ लाख 72 हजार बच्चे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होते हैं। जिसमें प्रत्येक वर्ष 72 हजार बच्चों की मौत रोटा वायरस डायरिया से हो जाती है।
...रोटा वायरस वैक्सिन विश्व के 98 देशों में है प्रचलित :
भारत एशिया का पहला देश है जिसमें रोटा वायरस वैक्सिन को सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम में 2016 में शामिल किया गया था। यह बच्चों को अस्पताल में भर्ती व मृत्यु होने से रोकता है। रोटा वायरस वैक्सिन विश्व के 98 देशों में दिया जा रहा है।
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