मधुबनी : सुशील मोदी ने बाढ़ राहत से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 जुलाई 2019

मधुबनी : सुशील मोदी ने बाढ़ राहत से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का किया

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता)  उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में रविवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बाढ़ राहत से संबधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक, मंत्री, पी0एच0ई0डी0 विभाग, बिहार, श्री विनोद नारायण झा, सांसद, मधुबनी, श्री अशोक यादव, पूर्व सांसद, झंझारपुर, श्री वीरेन्द्र चौधरी, विधायक, राजनगर, श्री रामप्रीत पासवान, विधायक, मधुबनी, श्री समीर महासेठ समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से  उपमुख्यमंत्री, को बाढ़ से हुई क्षति एवं विभिन्न विभागों द्वारा बाढ़ राहत में किये गये कार्यो की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। साथ ही बताया गया कि जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की सुविधा, क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मति, क्षतिग्रस्त बांधों के मरम्मति का कार्य,स्वास्थय सुविधा एवं पशुओं के टीकाकरण तथा कम्युनिटी किचेन के माध्यम से बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान की राशि का वितरण किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री के द्वारा जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत में किये गये कार्यो की सराहना की गयी।  उपमुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा माननीय जनप्रतिनिधियों से बाढ़ से हुई क्षति एवं उससे पीड़ित परिवारों को शीघ्र कैसे राहत मिले इसको लेकर सुझाव मांगा गया। जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव से उपमुख्यमंत्री, बिहार को अवगत कराया गया। तत्पश्चात उप मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया कि वर्ष 2017 में बाढ़ पीड़ित परिवारों को लगभग एक-दो महीना के बाद जी0आर0(मुख्य साहाय्य) राशि का भुगतान किया गया था। इस वर्ष समय से पूर्व 13 जुलाई को बाढ़ आयी, लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा 20 जुलाई को बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में 6 हजार रूपये की राषि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से राशि भेजी गयी है। शेष प्रभावित लोगों के खाते में राशि भेजने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही राज्य के सूखा प्रभावित प्रखंडों के प्रभावितों के बीच भी राशि भेजी गयी है। सभी जनप्रतिनिधियों को पंचायत स्तर, प्रखंड स्तर एवं जिला स्तर पर अनुश्रवण समिति की बैठक कर बाढ़ राहत से संबंधित व्यवहारिक सुझाव पर अमल करने का निदेश दिया। उप-मुख्यमंत्री  के द्वारा सिविल सर्जन, मधुबनी से जिले में डाॅक्टरों की उपलब्ध एवं आवश्यकता के संबंध में जानकारी ली गयी। सिविल सर्जन, मधुबनी के द्वारा बताया गया कि जिले से 3 डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति ए0ई0एस0 बीमारी को लेकर मुजफ्फरपुर में किये जाने की जानकारी दी गयी। उन्होंने अविलंब उक्त डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति वापस करने का निदेश दिया। साथ ही बाढ़ की स्थिति को देखते हुए 20-25 दिनों के लिए विभाग से आवश्यकतानुसार डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति करने हेतु पत्र भेजने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय में अधिकाधिक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने की संभावना रहती है, जिसके लिए मधुबनी जिले में आवश्यकतानुसार डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी। पशुओं की चिकित्सा के लिए भी आवश्यकतानुसार  डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति हेतु निदेश दिया। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी डाॅक्टरों की छुट्टी स्थगित करने एवं छुट्टी पर रह रहे डाॅक्टरों को अविलंब बुलाने का निदेश दिया। उन्होंने जिला पदाधिकारी, मधुबनी से पाॅलीथीन के उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त की गयी। साथ ही कहा गया कि जिले में पाॅलीथीन की कमी नहीं होने दी जायेगी, सभी प्रभावित परिवारों के बीच पाॅलीथीन का वितरण कराना सुनिश्चित करें। साथ ही वैसे सभी प्रमुख सड़कों जा कई पंचायतों/प्रखंडों को जोड़ता हो,उन्हें प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र मोटरेबुल करना सुनिश्चित करें। शीघ्र सड़क मरम्मति होने से राहत कार्य में भी तेजी आयेगी। उन्होनें श्रावणी जलाभिषेक को लेकर मंदिरों को जोड़नेवाली सड़कों को भी प्राथमिकता के आधार पर मरम्मति कराने का निदेश दिया। जनप्रतिनिधियों के बिछड़ा बर्बाद होने के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी को वैकल्पिक फसलों के बीच शीघ्र उपलब्ध कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति है कि वर्ष 2017 के बाढ़ प्रभावितों की सूची के लाभुकों को ही जी0आर0 की राशि खाते में भेजी जा रही है। उन्होंने जिला पदाधिकारी को सभी पात्र लाभुकों के खाते में जी0आर0 की राशि भेजने एवं एक भी प्रभावित लाभुक छूटे नहीं यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया। इसके अलावे भी फसल सहायता योजना तथा भारत सरकार के आपदा राहत विभाग के दिशा-निर्देश के आलोक में दिये जाने वाले सहायता राशि भी देने की बाते कही। एवं उस पर कार्य करने हेतु सभी संबंधित पदाधिकारियों को अभी से ही उसकी तैयारी करने का निदेश दिया। क्षतिग्रस्त मकानों की सूची बनाने एवं उसकी जियो टैगिंग तथा अन्य आवश्यक जांच कार्य को भी करने को कहा गया। उप-मुख्यमंत्री  ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को अभी मल्टी टास्किंग के रूप में बाढ़ राहत से संबंधित सभी कार्यो को एक साथ करना आवश्यक है। अधिकारी क्षेत्र में जाने पर एक साथ ही सभी कार्यो की जांच कर लें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सड़क किनारे शौच किये जाने को लेकर उन्होंने कहा कि वैसे सभी स्थलों पर नियमित ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव अवश्य करायें। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के द्वारा बाढ़ के समय बाढ़ संभावित जिलों के पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं करने को लेकर कहा कि अगले वर्ष से बाढ़ संभावित जिलों के पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग नवंबर-दिसंबर में करने का प्रयास किया जायेगा।  उन्होंने पशुपालन पदाधिकारी को अगले दो माह तक के लिए पशुचारे की उपलब्धता के लिए आवश्काय    कार्रवाई करने का निदेश दिया। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व में विद्युत आपूर्ति से अधिक आपूर्ति निर्बाध रूप से करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ का स्थायी समाधान प्रक्रियारत है। लेकिन हम अपने-अपने जिले को बाढ़ की विभिषिका से कैसे बचाये/कम-से-कम क्षति हो, इसको लेकर लघुकालिक(दो-तीन माह) एवं दीर्घकालिक(दो-तीन साल) प्लान तैयार करें,उसको लेकर कार्रवाई की जायेगी। उप-मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों को समन्वय बनाकर आपदा के समय में प्रभावित लोगों को चैबीसों घंटें राहत पहुंचाने हेतु कार्य करने का अनुरोध किया।

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