अरुण कुमार(आर्यावर्त) बेगूसराय रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कॉलेज आज उस बक्त रणभूमि में तब्दील हो गया जब प्रदर्शन कर रहे छात्रों और मजदूरों के बीच खूनी संघर्ष शुरू हो गया।इसके बाद छात्रों ने उग्र रूप धारण करते हुए कॉलेज कैंपस में जमकर बबाल करने लगे।इस दौरान छात्रों ने तोरफोर,रोरेबाजी और आगजनी की घटना को भी अंजाम देने लगे।देखते ही देखते पूरा कॉलेज कैंपस रणभूमि में तब्दील हो गयाऔर भारी तादात में छात्र जमा होने लगे। यह सिलसिला घंटो चलता रहा।बाद में कई थाने की पुलिस,बीडीओ,सीईओ मौके पर पहुँच कर मामले को शांत कराने में लगे रहे।पर छात्र शांत होने का नाम ही नही ले रहे थे।इस दौरान छात्रों का आरोप है कि ठेकेदार के मजदूरों ने लाठी और रॉड से कई छात्रों को घायल कर दिया है।आगे बताते चलें कि हाल ही में इंजीनियरिंग प्रथम बर्ष के रिजल्ट में 50 से भी अधिक छात्र और छात्राओं को फेल कर दिया है।जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश देखा जा रहा है।फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराने में जुटी हुई है।वर्ष 2016 में रामधारी सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना बेगूसराय में की गई थी।इस दौरान सरकार ने बड़े-बड़े दावे तो किए पर इस व्यवस्था को सुचारू रूप से नही चला पाई । छात्रों का आरोप है कि कॉलेज में ना तो एचओडी है न ही पढाने वाले शिक्षक और न ही दूसरी समुचित व्यवस्था जिसके कारण उनकी पढ़ाई बाधित होती है।और छात्रों को फेल कर दिया जाता है।गलती सरकार की और परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।इतना ही नही इनका आरोप है कि इस इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर अपनी मनमानी करते हैं।पढ़ाने की जगह छात्रों को पनिशमेंट देते हैं जबकि खुद 10 बजे की क्लास 2 बजे अटेंड करते हैं।इतना ही नहीं छात्रों के और भी सारे कई गंभीर आरोप हैं।सबसे खास बात यह है कि यह इस बार के प्रकाशित रिजल्ट में छात्रों को हर बिषय में जीरो नंबर देकर फ़ैल कर दिया गया क्यों?छात्रों का आरोप है कि क्या उन्होंने एक भी प्रश्न का उत्तर नही लिखा जो उन्हें जीरो नंबर दिया गया।ऐसी परिस्थिति में छात्रों ने री एग्जाम कंडक्ट करने और कॉपियों की फिर से जांच करने की मांग की है।इन्हीं विषयों को लेकर आज छात्रों ने कॉलेज कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे।जिसके बाद यह बवाल हुआ।इसके पहले बेगूसराय पॉलिटेक्निक में इन छात्रों की इंजियरिंग की लड़ाई चल रही थी बाद में इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना भवन बनने लगा और कॉलेज दूसरी तरफ शिफ्ट हुआ।छात्रों ने उन्हें फेल किए जाने के मामले में सीधे तौर पर कॉलेज प्रशासन और सरकार को इसका जिम्मेदार बताया है।छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।छात्रों ने सीधे तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार इंजीनियरिंग कॉलेज खोल कर छात्रों के साथ मजाक न करे और न ही उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करे।क्योंकि बिना एचओडी,बिना शिक्षक और अन्य दूसरी व्यवस्था बिना कॉलेज खोल दिया गया और वहां छात्रों का एडमिशन भी लिया गया जो सरासर गलत है।छात्रों ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार इसे मैट्रिक और टेन प्लस टू विद्यालय की तरह इंजीनियरिंग कॉलेजों को ट्रीट कर रही है।जिसका दुष्परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।अपने फेल किए जाने पर छात्रों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है और छात्र अपने भविष्य को बचाने की गुहार सरकार से लगा रहे हैं।ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार छात्रों की मांग को कितना जायज मानते हुए समुचित व्यवस्था करती है या यूं ही व्यवस्था के बीच छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होना जारी रखती है।अगर सरका उपर्युक्त सारी बातों पर ध्यान देकर समुचित व्यवस्था करने में अक्षम रही तो सचमुच बहुत ही शर्मनाक बात होगी।
शनिवार, 31 अगस्त 2019

बेगूसराय : रामधारी सिंह दिनकर कॉलेज परिसर बना रणभूमि
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