पटना,13 सितम्बर। अब बिहार के लोग झारखंड के रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान में इलाज नहीं करवा सकेंगे। बिहार सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था कोईलवर में कर रखी है। अगर झारखंड में इलाज करवाना ही है तो बिहार सरकार प्रति मरीज 900 रू नहीं वहन करेगा। जी हां, बिहार के मानसिक मरीजों का कांके के रिनपास में सरकारी खर्चे पर इलाज कराना बीते दिनों की बात हो गई है। अब रिनपास में बिहार के किसी भी वैसे मरीज का इलाज नहीं होगा जिसके इलाज का खर्च बिहार सरकार को वहन करना हो। रिनपास को लिखे पत्र में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना उसकी अनुमति के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करे।
स्वास्थ्य विभाग ने लिखा रिनपास को पत्र
झारखंड के रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान में इलाज करवाने पर बिहार सरकार को हर मरीज के लिए 900 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से देना पड़ता है। जबकि बिहार में ही मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए कोईलवर में 180 बेड वाला अस्पताल है। इसी संबंध में विभाग ने रिनपास के निदेशक को 28 अगस्त को एक पत्र लिखा है कि किसी भी वैसे मरीज जिनके इलाज का खर्च सरकार को वहन करना है उनके लिए बिहार सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें दाखिला दें।
बिहार सरकार पर 76 करोड़ रुपए हैं बकाया
रिनपास में मरीजों के इलाज पर सरकार को प्रतिदिन 900 रुपए प्रति मरीज खर्च करना पड़ता है। पिछले पांच छह महीनों से बिहार सरकार पैसों का भुगतान नहीं की है जिससे रिनपास का बिहार सरकार पर 76 करोड़ रुपए बकाया हो गए है। रुपयों के भुगतान के लिए रिनपास ने कई बार बिहार सरकार को कहा, लेकिन भुगतान नहीं हो पाया। अब रिनपास ने बिहार सरकार पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास गुहार लगाया है। अभी भी रिनपास में भर्ती मरीजों में 40 से 50 फीसदी मरीज बिहार के ही हैं।
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