पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के द्वारा पांच दिवसीय आत्मा, मधुबनी बिहार द्वारा प्रायोजित मखाना सह मछली उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र के 5 वें दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य डाॅ पारस नाथ ने की। प्राचार्य ने मखाना फसल में कीट एवं व्याधियों के प्रबंधन की तकनीक को विस्तार से बताया। मुख्य वक्ता डाॅ विद्यानाथ झा प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा ने उपस्थित मखाना किसानों को मखाना के औषधीय एवं पोषण गुणों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशों में मखाना के बीज के बिजावरण से मधुमेह रोग के लिए औषधि बनाई जा रही है। जबकि यहां उसका उपयोग लावा बनाने के समय इंधन के रूप में कर लिया जाता है। उन्होंने मणिपुर की तर्ज पर मखाने की पत्तियां, डंठल विजांडाशन एवं फल के छिलके एवं एरील भागों के भी प्रयोग करने की अावश्यकता बताई। क्योंकि कई प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। बिहार में केवल इसके लावे का उपयोग किया जाता है और अन्य भागों को यूं ही छोड़ दिया जाता है। जो कहीं से भी उचित नहीं है। डाॅ इंदुशेखर सिंह, वरीय वैज्ञानिक मृदा विज्ञान, मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा ने तकनीकी सत्र के मखाना प्रसंस्करण, मूल्यवर्द्धन, पैकेजिंग एवं विपणन के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक मखाना वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार ने विगत पांच दिनों से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। मधुबनी जिले के कुल 22 मखाना उत्पादक किसान शामिल हुए। जिन्हें महाविद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। पांच दिवसीय प्रशिक्षण से संबंधित कुल 20 विषयों पर विभिन्न संस्थानों के डाॅ इंदुशेखर सिंह, डाॅ मनोज कुमार, डाॅ विद्यानाथ झा, डाॅ अनिल कुमार, डाॅ पंकज कुमार यादव, डाॅ रूबी साहा, डाॅ पारसनाथ समेत दस विषयों के वैज्ञानिकों के द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन डाॅ अनिल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ जेएन श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
रविवार, 1 सितंबर 2019
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पूर्णिया : मखाना व मछली उत्पादन तकनीक विषय प्रशिक्षण के 5 वें दिन प्रमाण पत्र का वितरण
पूर्णिया : मखाना व मछली उत्पादन तकनीक विषय प्रशिक्षण के 5 वें दिन प्रमाण पत्र का वितरण
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