नयी दिल्ली 28 सितंबर, सरकार ने आधारभूत ढांचा क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की महारात्न तथा नवरत्न कंपनियों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने का निर्देश दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सभी महारात्न और नवरत्न कंपनियों के उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय के उनके लक्ष्यों, अब तक किये व्यय और अगली दो तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय योजना की समीक्षा की। इसमें वित्त सचिव राजीव कुमार, वित्तीय मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव जी.सी. मुर्मू भी मौजूद थे। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की 32 कंपनियों के प्रमुखों या उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किये जा रहे विभिन्न प्रयासों की श्रृंखला में सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाने की भी पूरी कोशिश कर रही है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाले बड़े मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक बैठक कर उनकी पूंजीगत व्यय की समीक्षा की थी और व्यय बढ़ाने तथा त्योहारों से पहले छोटे तथा मझौले उद्योगों के बकाये के भुगतान का निर्देश दिया था। वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय लोक उपक्रमों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा भारतीय रेल जैसे विभागीय उपक्रमों का देश की अर्थव्यवस्था में अचल परिसंपत्ति निर्माण में काफी योगदान रहा है। एक आंकलन के अनुसार, देश के सकल घरेलू उत्पाद में सरकारी खरीद का योगदान 20 से 22 प्रतिशत के बीच है यानी 27 खरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था में सरकारी खरीद का योगदान पांच खरब डॉलर के करीब है। उसने बताया कि वस्तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीद में लोक उपक्रमों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।
शनिवार, 28 सितंबर 2019
सार्वजनिक कंपनियों को पूंजीगत निवेश बढ़ाने का निर्देश
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