नयी दिल्ली, 28 सितम्बर, कांग्रेस ने मंदी को लेकर सरकार पर फिर हमला करते हुए शनिवार को कहा कि उसके पास इससे निपटने की कोई रणनीति नहीं है और वह सिर्फ ‘प्रेस कांफ्रेंस’ तथा ‘मीडिया मैनेजमेंट’ करके असलियत पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है लेकिन इससे आर्थिक हालात नहीं सुधार सकते। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाटे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार कारपोरेट टैक्स में कटौती करके आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का सपना देख रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जब मांग ही नहीं होगी तो उद्योगपति कर कटौती की सरकार की पहल के बावजूद निवेश नहीं कर पाएंगे। निवेश नहीं होगा और उत्पाद की खपत नहीं बढेगी तो आर्थिक स्थित में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं रहती है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत सरकार और रिजर्व बैंक जैसे संस्थानों के बीच तालमेल के अभाव की है। एक ही मुद्दे पर सरकार का बयान कुछ होता है और रिजर्व बैंक का बयान इसके विपरीत आता है। उन्होंने नकदी का उदाहरण दिया और कहा कि सरकार कहती है कि नकदी की कमी नहीं है लेकिन रिजर्व बैंक का बयान इसके ठीक विपरीत आता है। इससे साफ है कि दोनों के बीच कोई समन्वय नहीं है। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार देश पर कर्ज का लगातार बोझ बढा रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कर्ज का बोझ तीन से चार लाख करोड़ रुपए बढा है जबकि पहली तिमाही के अंत तक देश पर कर्ज का बोझ 88:18 लाख करोड रुपए है। इसी तरह से पिछले साल की तुलना में इस बार प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 23 हजार रुपए बढा है और यह स्थिति बहुत चिंताजनक है। सुश्री श्रीनाटे ने कहा कि यह अच्छी बात है कि देश में इस बीच विदेशी निवेश- एफडीआई बढा है लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेश-एफपीआई घटा है। देश का वित्तीय घाटा लगातार बढ रहा है और यह स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है।
शनिवार, 28 सितंबर 2019
सरकार के पास मंदी से निपटने की रणनीति नहीं : कांग्रेस
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