इमरान का भाषण घृणा पर आधारित और मध्ययुगीन सोच का परिचायक : भारत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 28 सितंबर 2019

इमरान का भाषण घृणा पर आधारित और मध्ययुगीन सोच का परिचायक : भारत

imran-speech-hatred-based-india
संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर, भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण को ‘घृणा पर आधारित’ एवं ‘मध्ययुगीन सोच वाला’ करार देते हुए कहा है कि परमाणु युद्ध की धमकी देकर उन्होेंने साबित कर दिया कि वह दूरदृष्टा राजनेता नहीं बल्कि अस्थिर मन:स्थिति वाले नेता हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के भाषण पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह तीखी टिप्पणी की। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के उनके देश में कोई आतंकवादी संगठन नहीं होने के दावे पर कई प्रश्न भी खड़े किये। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि इस गरिमामय मंच से बोला गया प्रत्येक शब्द इतिहास से जुड़ा है लेकिन दुर्भाग्य से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के मुंह से जो कुछ सुना गया उसमें बहुत प्रभावशाली ढंग से दुनिया के दो ध्रुवीय चेहरे को उकेरने का प्रयास किया गया। यह एक ऐसी पटकथा थी जो संयुक्त राष्ट्र में विभाजन की रेखा खींचती है, मतभेदों को गहरा करती है और घृणा को बढ़ाती है। आसान शब्दों में कहें तो यह एक ‘घृणा पर आधारित भाषण’ था। सुश्री मैत्रा ने श्री खान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच के खुल्लम खुल्ला दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि कूटनीति में शब्दों की अहमियत होती है लेकिन तबाही, खूनखराबा, नस्लीय श्रेष्ठता, बंदूक उठाना और अंत तक युद्ध जैसे शब्दों के प्रयोग ने एक मध्ययुगीन सोच को उजागर किया है, न कि 21वीं सदी के ‘विज़न’ को। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का परमाणु त्रासदी की धमकी देना उनके अस्थिर मति वाले नेता होने का परिचायक है न कि दूरदृष्टा राजनेता होने का।

कोई टिप्पणी नहीं: