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मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019

दरभंगा : बी डी ओ की नौकरी छोड़ डॉ संजीत कुमार झा बने प्राध्यापक

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) : संस्कृत संस्कृति का वाहक है। यह युवाओं को मानवीय गुणों से युक्त कर आदर्श मानव और खुशहाल समाज के निर्माण में सक्षम है। मैं व्यक्तिगत रूप से संस्कृत विभाग तथा महाविद्यालय के विकास में अपना पूर्ण योगदान प्रदान करूंगा।मेरे लिए छात्रहित तथा महाविद्यालयहित सदा सर्वोपरि रहेगा।उक्त बातें बीडीओ की नौकरी छोड़कर  सी एम कॉलेज, दरभंगा के संस्कृत विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में अपना योगदान देते हुए डॉ संजीत कुमार झा ने कहा।उन्होंने कहा कि मैं छात्र-छात्राओं को आधुनिकता एवं परंपरागत दोनों तरीकों के सम्मिश्रण से युक्त बेहतरीन संस्कृत शिक्षण देने का प्रयास करूंगा , क्योंकि शिक्षण-कार्य सर्वोपरि समाजसेवा है। ज्ञातव्य है कि डॉ झा पूर्व में बेनीपुर प्रखंड, दरभंगा तथा पलासी प्रखंड,अररिया में बीडीओ के पद पर कार्यरत थे,पर शैक्षणिक अभिरुचि के कारण अपनी इच्छा से  नौकरी छोड़कर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के अधीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षण-कार्य प्रारंभ किया।पुनः इनका चयन बीपीएससी द्वारा 2014 में निकाली गई सहायक प्राध्यापकों की चयन परीक्षा के आधार पर हुआ। इन्होंने व्याकरण में जेआरएफ 2006 में तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर कर सामान्य संस्कृत में नेट 2012 में उत्तीर्ण किया है तथा श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ,नई दिल्ली से 2010 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है । विद्यापीठ से शास्त्री तथा व्याकरणाचार्य में गोल्ड मेडल सहित इन्होंने विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय स्तर पर कुल 12 गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। विश्वविद्यालय मेधा सूची में इनका नाम द्वितीय स्थान पर है। सी एम कॉलेज मिलने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि फरवरी 2004 में डा रत्नेश्वर झा के अवकाश ग्रहण के बाद से मैं विभाग में अकेला ही था,जिस कारण काफी कठिनाइयां भी होती रही।डॉ झा के आने से विभाग की गतिविधियां तेज होंगी।विश्वविद्यालय और राज्य सरकार की अनुमति से संस्कृत में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पुनः प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ संजीत परिश्रमी,उत्साही एवं विद्वान् शिक्षक हैं,जिसका प्रत्यक्ष लाभ यहां के संस्कृत-छात्रों को मिलेगा। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत के 01, हिंदी के 07 तथा राजनीति विज्ञान के 05 शिक्षकों के नाम योगदान हेतु सी एम कॉलेज को प्राप्त हुआ है,जिनमें डॉ संजीत कुमार झा ने संस्कृत में, अखिलेश कुमार राठौर,डॉ प्रीति त्रिपाठी तथा डॉ रीता दुबे ने हिंदी में तथा डॉ सुधांशु कुमार,दिव्या झा तथा डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव ने राजनीति विज्ञान में अपना योगदान महाविद्यालय में दिया है। इन शिक्षकों के योगदान से  महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेत्तर  कर्मियों तथा छात्र-छात्राओं में  काफी प्रसन्नता है। इन शिक्षकों का योगदान कराते हुए प्रधानाचार्य डा मुश्ताक अहमद ने कहा कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के विकास हेतु इन ऊर्जावान एवं विद्वान् शिक्षकों की लंबे समय से जरूरत थी।बीपीएससी से चयनित तथा विश्वविद्यालय द्वारा प्रेषित सभी शिक्षक योग्य एवं कर्मठ हैं। उन्होंने सी एम कॉलेज को अच्छे एवं आवश्यकतानुसार शिक्षकों को देने हेतु कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया। इन शिक्षकों के योगदान के समय प्रधान सहायक बिपीन कुमार सिंह,स्टेनो बिंदेश्वर यादव तथा प्रतुल कुमार आदि उपस्थित थे।

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