मुख्यमंत्री के सात निश्चय धरातल पर नहीं उतरा 'नल का जल' योजना से महरूमखुले आकाश में जाकर शौचक्रिया करने को मजबूर गरीबी रेखा के नीचे जीने वाले भूमिहीन, जलजमाव होने से डेंगू के डर से भयभीत हैं लोग
पटना, 24 अक्टूबर। दीघा थाना क्षेत्र के दीघा बिन्द टोली में रहते थे आवासीय भूमिहीन व खेतिहर भूमिहीन. पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित हैं.बिहार सरकार ने दीघा से लाकर कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित किया. वादा था कि वासगीत पर्चा व सात निश्चय के तहत मूलभूत सुविधा देंगे. तीन साल गुजर जाने के बाद भी लोगों को वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है. विस्थापित लोग बिन्द टोली,कुर्जी पटना में रहते हैं.गंगा के मुख्य प्रवाह वाली जमीन को भरकर लोगों को पुनर्वासित कर दिया.जिसके कारण प्रत्येक साल निवासी गंगा नदी के उफान के रौध रूप का सामना करते हैं.बाढ़ का पानी से हरेक साल मकान गिर जाता है. मकान गिरने से मुआवजा भी नहीं मिलता है.इस समय सरकार के द्वारा घोषित 6 हजार रू.मिलने की आशा में लोगों की आँख पथरा गयी है.अब खेतिहर भूमिहीन लोग मालगुजारी पर खेत लेकर उक्त खेत में परवल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. परवल लता की टंहगी को सजाकर बांधा जा रहा है. बताते चले कि गंगा नदी के उफान आने के बाद पटना शहर से कट जाते हैं बिन्द टोली के लोग. पानी के बहाव समय तक लोग नाव से ही आवाजाही करते हैं. पानी उतरने के बाद पाटलिपुत्र अंचल में गंगा किनारे में रहने वाले पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 की वार्ड पार्षद रजनी देवी नाला को भरवाकर पुल बनवा देती हैं.इसी पुल से व्रर्ती भी आवाजाही कर सके.इसके आलोक में महाछठ की तैयारी शुरू कर दी गयी है.व्रतियों को कष्ट न हो तो गंगा मइया निकट आ गयी है.आवाजाही करने में बाधक नाला को पाटकर पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है.क्षेत्र के विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू कुमार ने खुद की निगरानी में पुल बनवा रहे हैं.इस निर्मित पुल से कुर्जी और पाटलिपुत्र कॉलोनी के लोगों को काफी फायदा होने जा रहा है. बताते चले कि बाढ़ से पीड़ित मजबूरी की जिन्दगी जी रहे बिन्द टोली,कुर्जी,पटना के गरीब तथा जरुरतमन्द निवासियों तथा उनके बच्चों के बीच अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के महासचिव एस.के.लॉरेंस के नेतृत्व में उनके तथा युवा सदस्य शैलेश अन्थोनी एवं अमित कुमार द्वारा कपड़ा तथा बिस्कुट वगैरह का वितरण किया गया।साथ ही वहां हाल में जन्मे बच्चे की अस्वस्थ्ता को देखते हुए अपनी तरफ से इलाज हेतु कुछ रकम प्रदान किया गया।
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