बिहार : झारखंड की जनता ने भाजपा को नकारा, भाजपा की उलटी गिनती शुरू : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

बिहार : झारखंड की जनता ने भाजपा को नकारा, भाजपा की उलटी गिनती शुरू : माले

भाकपा-माले ने बगोदर की सीट जीती, जनता को दिया धन्यवाद, भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति बैठक में 8 जनवरी को ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत अखिल भारतीय हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने की अपील27 दिसम्बर को फुलवारीशरीफ गोलीकांड के खिलाफ गर्दनी बाग में विशाल प्रतिरोध मार्च व सभा CAA-NRC-NPR के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन, पूरा जनवरी चलेगा अभियान
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पटना 24 दिसंबर (आर्यावर्त संवाददाता)  भाकपा-माले भाजपा को पूरी तरह नकारने के लिए झारखंड की जनता को धन्यवाद करती है. जो भाजपा 65 पार का दावा कर रही थी, वहां की जनता ने उसे उसकी औकात बता दी. 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी-शाह की जोड़ी यह समझ रही थी कि अब वह देश में अजेय हो गई है और इसलिए वह अपनी मर्जी का कुछ भी कर सकती है. लेकिन झारखंड चुनाव परिणाम ने एक बार फिर से साबित किया कि उनकी मनमानी नहीं चलने वाली है. आज देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. उसे हल करने की बजाए भाजपा सीएए व एनआरसी का खेल खेलकर देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने में लगी है. लोगों की नागरिकता पर खतरा उपस्थित हो गया है. इस चुनाव में भाजपा को जनता के इसी आक्रोश का सामना करना पड़ा है. भाजपा राज में झारखंड में भूख से मौतें होती रहीं, राज्य की छवि लिंचिंग राज की हो गई, आदिवासियों के अधिकारों पर हमला जारी रहा और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा. इसलिए वहां की जनता ने भाजपा को खारिज करने का बेहद स्वागतयोग्य काम किया है. भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। झारखंड की जनता ने बगोदर विधानसभा सीट से भाकपा-माले प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को 98 हजार मतों से एक बार फिर से जिताया है. इसके लिए भाकपा-माले वहां की जनता का धन्यवाद ज्ञापन करती है. हमारी पार्टी झारखंड विधानसभा में जनपक्षीय भूमिका अदा करते रहने की अपनी शानदार विरासत के लिए प्रतिबद्ध है.

23 दिसम्बर को संपन्न भाकपा-माले की एक दिवसीय राज्य स्थायी समिति की बैठक में 8 जनवरी को मजदूर संगठनों के संयुक्त हड़ताल पर बातचीत की गई और जनता से इसे ऐतिहासिक बनाने की अपील की गई. इसी दिन अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति से जुड़े देश के 250 किसान संगठनों और खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने भी अखिल भारतीय ग्रामीण बंद का आह्वान किया है. 8 जनवरी की ऐतिहासिक हड़ताल कॉर्पोरेटपरस्त मोदी सरकार को एक करारा जवाब होगा. वाम पार्टियां पूरी ताकत के साथ हड़ताल के समर्थन में उतरेंगी। महागठबंधन की पार्टियों से भी हमारी अपील है कि देश के संघर्षरत मजदूर - किसानों के पक्ष में उस दिन सक्रिय समर्थन दें और सड़कों पर उतरें। सीएए व एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और भाजपा-आरएसएस के झूठ के पर्दाफाश के लिए 1 जनवरी से 30 जनवरी तक पूरे राज्य में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत ग्राम सभाओं के जरिए CAA-NRC-NPR की असलियत से जनता को अवगत कराया जाएगा, गांव से लेकर पंचायत व प्रखंड स्तर पर सभाएं की जाएंगी एवं प्रचार रथ निकाला जाएगा।

1 जनवरी को पूरे राज्य के छात्र - युवा विकेंद्रित रूप से जगह  यंग इंडिया अगेंस्ट CAA-NRC-NPR के बैनर से संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे और संविधान रक्षा की शपथ लेंगे। एनआरसी पर प्रधानमंत्री द्वारा बोला गया  झूठ बेहद निंदनीय है. देश के सर्वोच्च शिखर पर बैठा आदमी देश को लगातार गुमराह कर रहा है, यह हमारे लिए बहुत ही शर्म की बात है. CAA-NRC-NPA के खिलाफ आंदोलनकरियों का लगातार दमन किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ही तर्ज पर बिहार सरकार ने आंदोलनकारियों पर कई फर्जी मुकदमे थोप दिए हैं. हमारी पार्टी सभी फर्जी मुकदमों की वापसी की मांग करती है. सरकार आंदोलनकारियों के दमन से बाज आए और सीएए-एनपीए व एनआरसी को पूरी तरह रद्द करे. फुलवारीशरीफ में 21 दिसम्बर के बिहार बन्द के शांति पूर्ण जुलूस पर RSS-बजरंग दल द्वारा किये गए जानलेवा हमले के खिलाफ 27 दिसंबर को भाकपा-माले और इंसाफ मंच के संयुक्त बैनर से गर्दनी बाग में  प्रतिवाद मार्च निकाला जाएगा और सभा की जाएगी. प्रशासन ने उल्टे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की ही धड़ पकड़ अभियान चला रखा है। मार्च में निर्दोष की रिहाई और हमलावरों के रिंग लीडरों की गिरफ्तारी की मांग उठाई जाएगी. भाजपा - एबीवीपी द्वारा जगह - जगह सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की नीयत से जुलूस निकाले जा रहे हैं। हम सरकार से इसपर रोक लगाने की मांग करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर और 30 जनवरी गांधी जयंती के अवसर पर वाम दलों और विपक्षी पार्टियों के साथ राय - विचार कर CAA-NRC-NPR के खिलाफ कोई बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा.

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