बिहार : मंजूषा के तृतीय वार्षिकोत्सव का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 दिसंबर 2019

बिहार : मंजूषा के तृतीय वार्षिकोत्सव का आयोजन

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साहित्य और समाज के प्रति जागरूक करती संस्था लेख्य - मंजूषा के तृतीय वार्षिकोत्सव का आयोजन दि इंस्टीच्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भवन, आर.ब्लॉक, पटना के सभागार में आयोजित की गयी।  मुख्य अथिति व वरिष्ठ साहित्यकार भावना शेखर ने कहा कि लेख्य - मंजूषा दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है। इस संस्था के सदस्य साहित्य के साथ - साथ अभिनय की दुनिया में भी आगे बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णा सिंह ने लेख्य - मंजूषा नवांकुरों को साहित्य के प्रति निखारने का निरंतर प्रयासरत में है। लघु चलचित्र षडयंत्र के लिए आज मेरे पास शब्द नहीं है। लघु चलचित्र के माध्यम से लेख्य - मंजूषा पटना में बाकी साहित्यक संस्था से एक कदम आगे निकल चुकी है। 

भव्य आयोजन को चार सत्र में विभाजित किया गया।
प्रथम सत्र को पंद्रहवाँ हाइकू - दिवस के तौर पर मनाया गया। हाइकू - दिवस को पार्क में उपस्थित सभी सदस्यों के द्वारा किया गया। हाइकू - दिवस के बारे में बताते हुए संस्था की अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव ने बताया कि यह काव्य शैली जापान से आई हुई है। बिहार, पटना में कई कवि हैं जो हाइकू शैली में कविताएं लिख रहे हैं।  हाइकू दिवस के बाद लेख्य - मंजूषा की त्रैमासिक पत्रिका साहित्यक स्पंदन का लोकार्पण किया गया। साथ ही संस्था द्वारा प्रकाशित साझा पद्य संग्रह विह्नल हृदय धारा (पुस्तक), जिसमें संस्था के चौबीस सदस्यों की प्रतिनिधि रचनाएं प्रकाशित हुई है। पुस्तक लोकार्पण में लघुकथा पितामह डॉ. सतीशराज पुष्करणा, वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार भावना शेखर, वरिष्ठ शायर नीलांशु रंजन, युवा साहित्यकार राहुल शिवाय उपस्थित थे। तृतीय वार्षिकोत्सव में लेख्य - मंजूषा के सदस्यों द्वारा अभिनीत लघु चलचित्र षडयंत्र का प्रदर्शन बड़े पर्दे पर किया गया। फ़िल्म की कहानी, निदेशक, निर्माता, पटकथा लेखन, अभिनय सभी लेख्य - मंजूषा के सदस्यों द्वारा किया गया। द्वितीय सत्र के शुरुआत में अथितियों को सम्मानित किया गया। तदुपरान्त विनय वरुण जी के प्रथम ग़जल संग्रह दर्दनामा पर परिचर्चा की गई। परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकार अवदेश प्रीत, वरिष्ठ शायर क़ासिम खुर्सीद, वरिष्ठ साहित्यकार संजय कुमार कुंदन ने पुस्तक के एक - एक पहलुओं पर चर्चा की। तृतीय सत्र, में सभी सदस्यों द्वारा गद्य विद्या में लिखी रचनाओं का पठन किया। अस्थानिय सदस्यों की रचना का पाठ स्थानीय सदस्यों द्वारा किया गया। कुछ सदस्यों ने संस्मरण का पठन किया।  चौथे व अंतिम सत्र में, कविताओं व ग़जल का पाठ बचे हुए सदस्यों द्वारा किया गया।  कार्यक्रम के अंत मे सामाजिक संस्था बीइंग हेल्पर को सामाजिक कार्यों के लिए मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। मंच संचालन प्रभास सिंह और रवि श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ कवि मधुरेश नारायण ने किया।

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