सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 11 दिसंबर 2019

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 दिसंबर

शासकीय पॉलीटेक्निक के अतिथि व्याख्याता  नियमितीकरण की मांग को लेकर दिया ज्ञापन 

sehore news
सीहोर। शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के अतिथि व्याख्याताओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर प्रदीप सोनी को  दिया। अतिथि व्याख्याताओं ने मुख्यमंत्री से वचन निभाकर नियमिति करने की मांग की। अतिथि व्याख्याताओं ने प्रशासन को आगामी 11 दिसंबर सोमवार को हड़ताल पर रहने और अतिथि व्याख्याता के द्वारा नियमितीकरण के लिए भविष्य सुरक्षा अधिकार यात्रा से अवगत कराया।  शासकीय पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता संगठन के विश्वास बगवैया ने बताया कि प्रदेश के 67 शासकीय पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता नियमितीकरण की मांग को लेकर नियमितीकरण-भविष्य सुरक्षा अधिकार अभियान के तहत समस्त पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे। महाविद्यालयीन अतिथियों को नियमितीकरण का वचन देने के वाद बेरोजगार करने का रास्ता दिखाने वाली वर्तमान सरकार के खिलाफ आक्रोशित तकनीकी पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं द्वारा 14 दिसंबर से भोपाल में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन, क्रमिक भूख हड़ताल एवं अनसन भी किया जाएगा।  प्रोफेसर बगवैया ने बताया की सरकार द्वारा नियमितीकरण का आदेश जारी न करने की बजाय आगामी वर्ष से नियमित व्याख्याता भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कराकर सभी को बेरोजगार करने की तैयारी कर ली गई है। पॉलीटेक्निक अतिथियों ने अपनी नियमितीकरण की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर मुलाकात की भी है ज्ञापन देते समय पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता मौजूद रहे। 

लापता भेंस रूपी सरकार को अतिथि शिक्षकों ने तलाश कर बजाई बीन 
एक साप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है जिले के अतिथि शिक्षक 
sehore news
सीहोर। अतिथि शिक्षकों ने मंगलवार को भेंस रूपी प्रदेश की लापता सरकार को तलाशा। अतिथि शिक्षकों ने मुरली नगर पहुंचकर भेंस के आगे बीन बजाकर प्रदेश सरकार को वचन याद दिलाने की कोशिश की। संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के आहवान पर बीते एक साप्ताह से जिले के अतिथि शिक्षकों के द्वारा  कलेक्ट्रेट गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।  अबतक अतिथि शिक्षक नियमितिकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को प्रभारी मंत्री आरिफ अकील सहित विधायक सुदेश राय को ज्ञापन दे चुके है। अतिथि शिक्षकों के द्वारा मूख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की सदबुद्धी के लिए हवन और राघुपति राघव राजाराम भी गाया जा चुका है। अतिथि शिक्षकों ने सोमवार को अपने खून से मुख्यमंत्री को एक हजार पोस्ट कार्ड लिखकर भेजकर भी प्रदर्शन किया है पोस्ट कार्डेा पर नियमितिकरण की मांग अतिथि शिक्षकों के द्वारा की गई है। आंदोलन के इसी क्रम में अतिथि शिक्षकों के द्वारा कलेक्ट्रेट गेट से लापता सरकार को तलाश किया। भेंस रूपी लापता प्रदेश की कांग्रेस सरकार मुरली ग्राम मेंं मिली और अतिथि शिक्षकों के द्वारा भेंस के आगे बीन बचाकर नियमितिकरण की मांग की। अतिथि शिक्षकों के द्वारा लगातार अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन अबतक सरकार को कोई भी नुमाईंदा अतिथि शिक्षकों की खैर खबर लेने नहीं पहुंचा है। प्रदर्शन में अतिथि शिक्षक चंदर सिंह परमार, गौरव राठौर अनवर अहमद कुरैशी, आशीष जलोदिया, हरिनारायण सिंह, नवीन पांडे, संगीता बमानिया, अंजना शर्मा सहित अन्य अतिथि शिक्षक शामिल रहे। 

जनसुनावाई में पहुंची उलझावन की महिलाएं  नहीं बनाए गए पीएम आवास और शौचालय 

sehore news
सीहोर। स्वच्छता अभियान के दावे खौखले साबित हो रहे है। ग्राम उलझावन में महिलाओं को खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को न तो शौचालय योजना का लाभ दिया गया है और ना हीं पीएम आवास योजना में हितग्राहीं बनाया गया है। मंगलवार को गरीब तबके की कई महिलाओं ने शिबा खान के नेतृत्व में जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों को परेशानियों से अवगत कराया ।  महिलाओं ने कहा की घरों में शौचालय नहीं है आवेदन देने के बाद भी शोचलय योजना का लाभ नहीं दिया है। जिस से खेत और जंगल में शौच जाने के लिए मजबूर हो रहे है। महिलाओं ने गरीबी रेखा का राशन कार्ड नहीं होने गांव में व्यवस्थित शमशान नहीं होने राशन दुकानदार के द्वारा समय पर राशन नहीं देने, बुजुर्ग परिजनों को पेंशन राशि नहीं मिलने गांव में पक्की सड़क नहीं होने समुश्चित पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने की समस्याओं का निकारण कराने की मांग सिबा खान, शीला बाई, ज्योति बाई, रेशमा बी, बतासी बाई, भगवती बाई, प्रियंका बाई, रीता बाई, कंचन बाई, रचना बाई, आसंमा बी,  ओमवती बाई, लक्ष्मी बाई, शना बी आदि ने प्रशासन से की है। 

कलेक्ट्रेट में तीन संगठनों के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी 
वास्तविकता से परे इतिहास के विपरीत है फिल्म  पानीपत के प्रदर्शन पर लगाया जाए प्रतिबंध  जाट और राजपूतों बर्दाश्त नहीं करेंगे अपमान 
sehore news
सीहोर। फिल्म पानीपत के प्रदर्शन पर तत्काल देश भर में प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर नारेबाजी की गई। अखिल भारतीय जाट महासभा, महाराणा प्रताप युवा संगठन और  जाट कल्याण संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एडीएम वीके चतुर्वेदी को ज्ञापन दिया।  महाराणा प्रताप युवा संगठन के राष्ट्रध्यक्ष ज्ञान सिंह बाघेला,जाट कल्याण संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम वर्मा,अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह जाट ने कहा की फिल्म में अजेय योद्धा महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण कर अपमान किया गया। हम इस फिल्म का बहिष्कार करते है। आक्रोशित पदाधिकारियों ने कहा की अगर फिल्म का प्रदर्शन नहीं रोका गया तो अपने और अपने पूर्वजों के सम्मान के लिए सड़क पर उग्र आंदोलन भी किया जाएगा। 

यह है महाराजा का असली इतिहास 
भरतपुर के महाराजा सुरजमल  जाट एक महान वीर योद्धा रहे है साथ ही रियासती शासन में वीरता , धीरता , गम्भीरता , उदारता , सतर्कता , दूरदर्शिता ,  सूझबूझ , चातुर्य और राजमर्मज्ञाता का सुखद संगम महाराजा में सुशोभित था। महाराजा सूरजमल जाट मेल मिलाप और सह अस्तित्व तथा समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयत्ता के सच्चे प्रतीक थे । महाराज सूरजमल जाट ने सन 1743 में भरतपुर नगर की स्थापना की नींव रखी थी वहां राजधानी बनाने के लिये किले का निर्माण शुरू किया । भरतपुर में स्थित यह किला लोहागढ़ किला के नाम से जाना जाता था । यह देश का एक मात्र किला था । जो विभिन्न आकमणों के बावजूद हमेशा अजेय व अभेद रहा । 

फिल्म में यह आपत्तिजनक
भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट पर फिल्म मेंं गलत आपत्तिजनक चित्रण किया गया है महाराजा के संवादों का स्तर भी घटिया रखा गया है। फिल्म पानीपत वास्तविकता से परे और इतिहास के विपरीत बनाई गई है। महान योदा का फिल्म पानीपत में जो चित्रण किया जा रहा है वह पूर्णत: असत्य एवं इतिहास से परे है जिसका हम  पूर्ण रूप से विरोध करते है 

इन्होने की है नारेबाजी 
फिल्म पानीपत के प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन देने से पहले अखिल भारतीय जाट महासभा, महाराणा प्रताप युवा संगठन और  जाट कल्याण संगठन के धमेंद्र जाट, रामभरोश जाट, प्रकाश परमार, बलराम जाट, राहुल जाट, देवेंद्र सिंह राजपूत, अर्जुन जाट, हदेश जाट, प्रकाश जाट, हरिराम जाट, विजय जाट, दिनेश जाट, चेतन जाट, महेश जाट, नरेश जाट, संतोष राजपूत, कैलाश राजपूुत आदि कार्यकर्ताओं ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर विरोध प्रकट किया। 

फिजियोथेरेपी से जागी आशा की किरण "खुशियों की दास्तां" जन्मजात दिव्यांगता से ग्रसित 7 माह के मुस्तफा का हुआ उपचार
sehore news
स्थानीय कस्बा निवासी श्री फहिम का 7 माह का बालक मुस्तफा जन्मजात दिव्यांगता (क्लब फूट) से ग्रसित है। मुस्तफा का जन्म हुआ तभी से उसके पांव छोटे-बड़े एवं मुड़े हुए थे। जिला चिकित्सालय में सीरियल प्लास्टर से उपचार किया गया एवं जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा मुस्तफा के पिता को सहायक उपकरण ए.एफ.ओ. बनाकर प्रदाय किया गया। साथ ही बालक की फिजियोथेरेपी का कार्य भी किया जाने लगा। मुस्तफा के के परिजानों के द्वारा जिला विकालांग एवं पुनर्वास का अभार व्यक्त किया गया। श्री फहिम का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि फिजियोथैरेपी के कारण उनके बच्चे में इतना सुधार आएगा। वे अपनी खुशी शब्दों में बयां न हीं न कर पा रहे हैं।  


प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील ने जिले के शाहगंज एवं बुदनी में आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान सुनी लोगों की समस्याएं

गैस त्रासदी, राहत एवं पुर्नवास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन तथा सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री अकील मंगलवार को जिले के शाहगंज पहुंचे। शाहंगज पहुंचकर सर्वप्रथम प्रभारी मंत्री ने शासकीय चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं को लेकर संबंधित चिकित्सकों पर नियम अनुसार कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर श्री अजय गुप्ता को निर्देशित किया। शाहगंज के किसान संगोष्ठि भवन में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होकर लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान प्रभारी मंत्री के बिजली बिल, राशन, आवास योजना आदि के आवदेन प्राप्त हुए।

प्रभारी मंत्री ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल
बुदनी में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में जाते समय कार्यक्रम स्थल के कुछ ही दूर पहले सड़क हादसे में घायल युवक व युवती रोड किनारे जख्मी अवस्था में थे जिन्हें तत्काल प्रभारी मंत्री ने स्वयं रुककर फौरन घायलों को चिकित्सालय पहुंचाया एवं चिकित्सक को उचित इलाज करने के लिए भी कहा। तत्पश्चात वे कार्यक्रम स्थल पहुंचे जहां उन्होंने आमजनों की समस्याएं सुनी। कार्यक्रम के दौरान प्राप्त समस्याओं का निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। कार्यक्रम के दौरान प्रभारी मंत्री श्री अकील ने कहा कि आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का लक्ष्य सरकार की योजनाओं का लाभ जरुरतमंदों तक पहुंचाना है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य सबकी समस्या दूर करना है। हर छोटी से छोटी समस्या का निराकरण किया जाएगा। सारे आवेदनों पर कार्यवाही होगी। पंचायत कार्यालय में आवेदनों की स्थिति की सूची लगाई जाएगी। कृषकों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री शशीन्द्र चौहान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा, डीएफओ, श्री राजकुमार पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

अतिथि विद्वानों के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया आज से होगी शुरू

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देशानुसार अतिथि विद्वानों को अन्य रिक्त पदों पर पुन: कार्य का अवसर प्रदान करने के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया 11 दिसम्बर से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी और ग्रंथपाल के पदों पर नियुक्त करने की कार्यवाही जारी है। इस प्रक्रिया के कारण इन पदों पर पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वान विस्थापित (फॉल आउट) हो रहे हैं। इस प्रक्रिया में विस्थापित अतिथि विद्वान अपनी च्वाइस 16 दिसम्बर से दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद नियमानुसार महाविद्यालय के आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए आदेश राज्य सेवा परीक्षा 2019 में आयु सीमा में मिलेगी एक वर्ष की छूट

सामान्य प्रशासन विभाग ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2019 में बैठने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की अतिरिक्त छूट दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस परीक्षा के लिये आयु की गणना की तिथि यथावत रखी गई है। सचिव मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से कहा गया है कि इस परिवर्तन के चलते परीक्षा फार्म भरने के लिए परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय भी दिया जाए। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 के विज्ञापन में परीक्षा देने वाले आवेदकों की आयु गणना 1 जनवरी 2020 की स्थिति में किए जाने का उल्लेख किया गया था। आवेदकों द्वारा समक्ष में तथा पत्र के माध्यम से सामान्य प्रशासन मंत्री को अवगत कराया गया था कि आयु गणना की तिथि एक जनवरी 2019 के स्थान पर एक जनवरी 2020 कर दिए जाने से पात्र आवेदक परीक्षा में बैठने से वंचित हो जाएंगे। परीक्षार्थियों की इस समस्या के समाधान के लिए सामान्य प्रशासन मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए थे।

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन में सर्वेयर एप से होगा क्वालिटी परीक्षण

खरीफ विपणन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन में क्वालिटी परीक्षण सर्वेयर एप के द्वारा किया जाएगा। इसके लिए सर्वप्रथम उपार्जन समिति द्वारा नियुक्त सर्वेयर का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर खरीदी लॉगिन से किया जाएगा। पंजीयन करने के लिए सर्वेयर की एजेंसी का नाम चयन करने के बाद अन्य जानकारी प्रविष्ट की जाएगी। पंजीयन के पश्चात सर्वेयर के मोबाईल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से पासवर्ड प्रेषित किया जाएगा जो कि पोर्टल पर पहली बार लॉगिन करने पर बदलना होगा। ई उपार्जन सर्वेयर एप को ई-उपार्जन की वेबसाईट से डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए ई-उपार्जन की वेबसाईट को मोबाईल पर खोलना होगा तथा मोटा अनाज खरीदी 2019-20 पर क्लिक करना होगा। इसके बाद सर्वेयोर मोटा अनाज पर क्लिक करना होगा। पोर्टल पर लॉगिन करने के लिए जिला, केन्द्र और सर्वेयर चुनकर पासवर्ड अंकित करना होगा। लॉगिन होने के पश्चात पासवर्ड बदलना होगा तथा सर्वेयर एप की लिंक प्रदर्शित होगी। लिंक पर क्लिक कर ई-उपार्जन सर्वेयर एप को डाउनलोड करना होगा।  किसान के लाए गए स्कंध की क्वालिटी परीक्षण के लिए सबसे पहले मोबाईल में एप को खोलना होगा तथा एप खोलते ही उपार्जन समिति निरीक्षक लॉगिन दिखाई देगा जिसमें जिला, उपार्जन केन्द्र, मोबाईल नम्बर तथा पासवर्ड अंकित कर लॉगिन करना होगा। इसके उपरांत किसान की समग्र आईडी या मोबाईल नम्बर अंकित कर बटन पर क्लिक करना होगा, जिससे किसान का नाम, आईडी, फसल एवं फसल क्वालिटी पैरामीटर प्रदर्शित होगा। सभी पैरामीटर भरकर स्व-सत्यापन पर क्लिक करना होगा। एप स्वयं जांच करेगा कि फसल एफएक्यू है या नॉन एफएक्यू। केवल नॉन एफएक्यू पाए जाने पर अपलोड फोटो 1 तथा अपलोड फोटो 2 बटन प्रदर्शित होगी। जिसमें दो अलग-अलग एंगल से फोटो खींचकर सेव बटन पर क्लिक करना होगा। जिसके बाद क्वालिटी पैरामीटर सुरक्षित होने का संदेश प्रदर्शित हो जाएगा और पुनः नई एन्ट्री के लिए पेज खुल जाएगा। तौल पर्ची केवल उन्हीं किसानों की बनेगी जिनका सर्वेयर एप से एफएक्यू पाया जाएगा।

शासकीय सेवकों के लिए लागू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना तैयार की गई है। योजना की औपचारिक स्वीकृति के बाद शीघ्र ही इसे लागू कर दिया जाएगा। योजना से लगभग 7.5 लाख सेवारत तथा लगभग 5 लाख सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों तथा उनके परिवारों को सामान्य रूप से 5 लाख रूपये तक तथा गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपये तक कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी। योजना में प्रत्येक सेवारत/सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें चयनित नेटवर्क हॉस्पिटल्स में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से बीमा कंपनी द्वारा सीधे अस्पताल को वास्तविक भुगतान किया जाएगा। एक्सीडेंट अथवा अन्य इमर्जेन्सी के केस में इम्पेनल्ड हॉस्पिटल्स के अलावा अन्य हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए संबंधित सीएमओ से रैफर कराने का प्रावधान भी किया जा रहा है। योजना में इलाज एवं ऑपरेशन के व्यय के अलावा 10 हजार रूपये तक ओ.पी.डी. व्यय देना भी प्रावधानित है। इसके अलावा, ऑपरेशन/इलाज के बाद चलने वाली दवाओं पर होने वाले खर्च तथा ब्लड प्रेशर एवं शुगर जैसी बीमारियों की दवाओं का खर्च भी दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन मंत्री ने बताया कि विभिन्न निगम-मंडलों सहित संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बीमा की प्रीमियम राशि का निर्धारण सेवारत शासकीय सेवक के ''''पे बैण्ड'''' के अनुसार तथा सेवानिवृत्त शासकीय सेवक की पेंशन राशि के अनुसार होगा। मासिक प्रीमियम अंशदान राशि न्यूनतम 250 रूपये और अधिकतम 1000 रूपये होगी, जो शासकीय सेवक के वेतन से कटेगी।

समर्थन मूल्य पर ज्वार-बाजरा खरीदी की अंतिम तिथि 27 दिसंबर

राज्य शासन ने किसानों की मांग के चलते समर्थन मूल्य पर मोटा अनाज (ज्वार एवं बाजरा) उपार्जन की तारीख को 9 दिसम्बर से बढ़ाकर 27 दिसम्बर 2019 कर दिया है। खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आज यह आदेश जारी किये हैं।

महाविद्यालय में हुआ एक दिवसीय नेशनल सिम्पोजियम का आयोजन

चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वधान एक दिवसीय नेशनल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया। आई.सी.टी.इन्टीग्रेशन इन लर्निग एनालिटिक्स एण्ड रिसर्च विषय पर केन्द्रित सिम्पोजियम का उदघाटन मुख्य अतिथि प्रो.एच.एस.धामी,प्राचार्य डॉ. आशा गुप्ता विशिष्ट अतिथि श्री राजीव गुजराती, डॉ एम.एस.राठौर एवं डॉ.अनिल राजपूत द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया। महाविद्यालय की छात्राऐं नैना जोशी एवं सोना डोडिया ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। स्वागत एवं प्रस्तावना वक्तव्य सिम्पोजियम के समन्वयक डॉ. अनिल राजपूत ने दिया। महाविद्यालय की प्राचार्य एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. आशा गुप्ता ने कहा कि आज का युग प्रौद्योगिकी का युग है। शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रयोग आज बहुत आवष्यक हो गया है। विधार्थियों के हित में नई तकनीकी के माध्यम से हम षिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार कर सकते हैं। प्राध्यापकों को आई.सी.टी. के क्षेत्र में अपडेट रहना जरुरी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विषय विशेषज्ञ प्रो. डॉ. एच.एस.धामी, पूर्व कुलपति कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल (उतराखण्ड) ने आई.सी.टी.इन्टीग्रेषन इन लर्निन एनालिटिक्स एण्ड रिसर्च विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने डाटा कलेक्शन एवं एनालिटिक्स से संबंधित प्रक्रिया तथा उसके विभिन्न पक्षों तथा अध्ययन-अध्यापन में इसकी उपयोगिता पर अपनी बात रखी प्रतिभागियों ने विषय से संबंधित जिज्ञासओं एवं प्रश्न रखे जिनका उनके द्वारा समाधान किया गया। डॉ अनिल राजपूत ने अपने वक्तव्य में सेमीनार सिम्पोजियम, डिस्कशन, वर्कशाप ट्रेनिंग प्रोग्राम एवं फोरम आदि का स्वरुप प्रक्रिया एवं उनमें अंतर को स्पष्ट करते हुए आई.सी.टी के स्वरुप उसके व्यापकता एवं विभिन्न क्षेत्रों में उनके प्रयोग एवं अद्यतन स्थिति को रेखांकित किया। इसके पूर्व महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री राजीव गुजराती ने ऐसे कार्यक्रमों की उपयोगिता की बात करते हुए महाविद्यालय प्रबंधन एवं प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजकुमारी शर्मा एवं आभार डॉ. नौरारुथ कुमार ने किया सिम्पोजियम में विभिन्न महाविद्यालयों से आए 50 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में डॉ पुष्पा दुबे, डॉ.सुमन रोहिला, डॉ एम.एस. राठौर, डॉ महेन्द्र आयन्यास सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालय का स्टॉफ एवं विधार्थी उपस्थित थे।  

नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रिलीटिगेशन प्रकरणों को लेकर हुई बैठक

sehore news
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री राजवर्धन गुप्ता के मार्गदर्शन में मंगलवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री अनीता वाजपेयी के विश्राम कक्ष में मप्र विद्युत मंडल से संबंधित लंबित प्रिलीटिगेशन के मामलों में चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में विद्युत विभाग की ओर से अधिक से अधिक लंबित प्रिलीटिगेशन प्रकरणों का लोक अदालत में निराकृत करने का आश्वासन दिया गया तथा 2000 प्रकरण रैफर किए गए जिसमें से लगभग 500 प्रकरणों के निराकरण होने की संभावना डी.ई श्री गुप्ता द्वारा बताई गई। इस अवसर पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्री एसके नागौत्रा, विद्युत विभाग के डी.ई श्री ए.के. गुप्ता, अधिवक्ता श्री मुकेश सक्सेना, श्री रामकृषण शर्मा, श्री मनोज सक्सेना, श्री नवीन सक्सेना आदि उपस्थित थे।

कर्मचारियों ने योग कर निरोग होने का लिया संकल्प निरोगी काया अभियान के अंतर्गत आयोजित किया गया योग शिविर

sehore news
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में मंगलवार को सुबह योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सीहोर शहरी क्षेत्र में कार्यरत ए.एन.एम. तथा आशा कार्यकर्ताओं सहित सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी योग कार्यक्रम में शामिल हुए। निरोगी काया अभियान के अंतर्गत सीएमएचओ कार्यालय में योग शिविर आयोजित किया गया। आशा, एएनएम सहित कर्मचारियों को आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक मालवीय द्वारा सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, अनुलोम विलोम सहित योग के कई आसन कराए गए तथा योग से निरोग रहने के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री धीरेन्द्र आर्य ने भी स्वस्थ रहने की दिनचर्या के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। निरोगी काया अभियान के अंतर्गत जिले के समस्त हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर कई गतिविधियां आयोजित की जा रही है। जिसमें स्कूल स्तरीय निबंध प्रतियोगिता,  भाषण प्रतियोगिता, दौड़, कबड्डी खो-खो प्रतियोगिताएं तथा योग शिविर आयोजित किए जा रहे है। कार्यालय में आयोजित योग शिविर इन्ही गतिविधियों का हिस्सा रहा।

12, 13 तथा 14 दिसम्बर को जिले की शासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में होगा प्रतिभा पर्व का आयोजन

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रांरभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने तथा शालाओं में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से जिले की 1334 प्राथमिक तथा 675 माध्यमिक शालाओं में प्रतिभापर्व का आयोजन 12, 13 तथा 14 दिसम्बर को किया जाएगा। जिसमें जिले की समस्त प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में एक साथ मूल्यांकन होगा। इस मूल्यांकन के दौरान शालाओं में शालेय व्यवस्थाओं का मूल्यांकन तथा कक्षा 1 से 8 तक के 106012 बच्चों (एक लाख छ हजार बारह बच्चों का) का शैक्षणिक मूल्यांकन शाला प्रबंध समिति के सदस्य तथा जिले से नियुक्त सत्यापनकर्ताओं की उपस्थिति में शाला प्रभारी तथा शाला शिक्षकों द्वारा किया जायेगा। जिले में शासकीय विद्यालयों की प्राथमिक कक्षाओं तथा माध्यमिक कक्षाओं के बच्चे इस मूल्यांकन में सहभागिता करेंगे। प्रथम व द्वितीय दिवस बच्चों का विषय आधारित मूल्यांकन होगा। जिले की राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा सेम्पल के रूप में चयनित 60 प्राथमिक शालाओं में कक्षा 3, 60 प्राथमिक शालाओं में कक्षा 5 और 60 माध्यमिक षालाओं में कक्षा 8 में नेशनल एचीवमेन्ट सर्वे के अनुरूप मूल्यांकन किया जाएगा। प्रतिभा पर्व का तीसरा दिवस विशेष बालसभा के रूप में आयोजित किया जाएगा। इसका संचालन शाला में गठित बाल-केबिनेट के द्वारा कराया जाएगा। इस दिन पालकों एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। पालकों द्वारा बालसभा की गतिविधियों का अवलोकन करने के साथ-साथ कक्षाशिक्षक से बातचीत कर बच्चों के दक्षता उन्नयन एवं प्रतिभा पर्व के रिजल्ट साझा किए जायेंगे। उपस्थित अभिभावकों के सामने उनकेे बच्चों के सकारात्मक पक्ष को प्रस्तुत किया जाएगा तथा बच्चों की पोर्टफोलियो फाइल के माध्यम से उनकी विभिन्न विधाओं में प्रगति को भी दिखाया जायेगा। विषेष बालसभा आयोजन हेतु 1000 रू0 की राशि शालाओं को जारी की जा रही है। प्रतिभा पर्व के तीसरे अंतिम दिवस 14 दिसम्बर 2019 को विशेष मध्याह्न भोजन (स्पेषल मिड-डे-मील) उपलब्ध कराया जाएगा। शाला प्रबंधन समिति व षिक्षकों के साथ ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए पंचायत कर्मियों यथा- पंचायत सचिव, ग्राम प्रभारी तथा आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साक्षरता प्रेरक, आशा कार्यकर्ता आदि का सहयोग लिया जायेगा। प्रतिभा पर्व के दिन शाला प्रबंधन समिति सदस्य, सरपंच-पंच/जनप्रतिनिधि भी शाला का अवलोकन करेंगे। प्रश्नपत्रों में प्रश्नों का पैटर्न गतवर्षानुसार ही होगा जो कि अधिकतर समझ तथा कक्षा अनुरूप मूलभूत दक्षताओं पर  आधारित होंगे। प्रायः इस प्रकार के प्रश्नों का रटी हुई विषयवस्तु के आधार पर बच्चे सही उत्तर नहीं दे पाते हैं। अतः शिक्षकों द्वारा गतवर्ष के प्रश्नपत्र पैटर्न तथा सेम्पल प्रश्नों के आधार पर बच्चों को अभ्यास कराने के निर्देश दिये गये हैं। कक्षा-1 से 8 के षालेय व्यवस्था तथा षैक्षणिक मूल्यांकन का डाटा पोर्टल पर डाला जायेगा। इस कार्य तथा अन्य गतिविधियों के सत्यापन हेतु जिले में 306 सत्यापनकर्ता अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। शाला तथा ब्लाक स्तर पर प्रतिभा पर्व की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रश्नवार विश्लेषण किया जाएगा। इस विश्लेषण के आधार पर जो गेप निकल कर आ रहे हैं, उन्हें दूर करने की रणनीति बनाई जाएगी। इन गेप्स का रिकार्ड रखा जाएगा और फरवरी माह तक गेप फिलिंग की जाएगी। उसके बाद वार्षिक मूल्यांकन में सुधार देखा जाएगा और रेण्डमली चैक किया जाएगा। डाटा विश्लेषण, सुधारात्मक कार्रवाई व फालोअप- प्रतिभा पर्व संबंधी विभिन्न प्रपत्र, परिणामों का विश्लेषण, रिजल्ट साझा करने, सुधारात्मक प्रयास व फालोअप किया जाएगा। सभी स्तरों पर फालोअप की संख्यात्मक जानकारी प्राप्त कर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी। मूल्यांकन अवधि में किसी भी षिक्षक का किसी भी तरह का अवकाष मान्य नहीं किया जाएगा। शिक्षक की अनुपस्थिति की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध अनुषासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रतिभा पर्व के परिणामों के आधार पर बच्चों की कमजोरियों का पता लगाकर सुधार कार्यक्रम शाला स्तर, विकासखण्ड स्तर तथा जिला स्तर पर तैयार किये जाएंगे। ताकि जिले की शासकीय शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को उपलब्ध कराई जा सके। 

हमारी पृथ्वी और प्राकृतिक नियम (विशेष लेख)

प्रकृति पृथ्वी के प्राणियों को ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा उपहार है। हमारी प्रकृति सबसे सुंदर और आकर्षक है जो पृथ्वी की सुंदरता को बढ़ाती है। इसने बहुत सारी नदियाँ, पहाड़, विभिन्न प्रकार के जानवर, पशु-पक्षी और वन क्षेत्रों, फूलों और समुद्रों से भरे सुंदर उद्यान दिए हैं, जो हमारी पृथ्वी को सबसे सुंदर और आकर्षक बनाते हैं। प्रकृति जन्म से माँ के रूप में हमारी देखभाल करती है। वास्तव में यह केवल एक सबसे बड़ा कारण है जो यह सुनिश्चित करता है, कि प्रकृति ही हमारी मातृ एवं कर्मभूमि है। वर्तमान समय में हमारे पास प्रकृति के सभी उपहार हैं लेकिन निरंतर रूप से इसका अस्तित्व और सुंदरता प्राकृतिक चीजों के अप्रत्याशित उपयोग के कारण नष्ट होते जा रहे हैं । अब एक दिन भी दुनिया भर के मनुष्यों के पास प्रकृति की सुंदरता को देखने या महसूस करने का समय नहीं है। हम दुनिया की भीड़ में आनंद लेना भूल गए हैं। हम फिट होने के लिए कई यांत्रिक गोलियों का उपयोग कर रहे हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक कदम उठाना छोड़ दिया है। हम शुद्ध हवा के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग कर रहे हैं और प्राकृतिक हवा लेने की आदत छोड़ रहे हैं। वर्तमान युग के विश्वव्यापी छात्र टीवी शो, सोशल मीडिया साइटों में छुट्टियां बिताते हैं लेकिन प्राकृतिक स्थानों पर नहीं जाते हैं। यह प्रकृति से संबंधित पृथ्वी पर वर्तमान स्थिति है।

प्रकृति का महत्व - प्रकृति मानवता और पृथ्वी के जीवों के लिए आधार है। यह संतुलन बनाए रखता है और मानव द्वारा उत्पन्न किए गए कई हानिकारक प्रभावों को रोकता है। प्रकृति में कुछ शक्तिशाली परिवर्तनकारी शक्ति होती है जो हमारे मनोदशा और व्यवहार को तदनुसार बदलती है। ग्रीनहाउस गैसों ने ग्लोबल वार्मिंग की बड़ी चिंता को बढ़ा दिया है। कार्बन डाइऑक्साइड को सबसे अधिक प्रदूषक माना जाता है। कार, स्कूटर, ट्रक, विमान जैसे वाहन गहरे धुएं का उत्सर्जन करते हैं और जीवाश्म ईंधन जलाने जैसी अन्य मानवीय गतिविधियां कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। ग्रीनहाउस गैसें पृथ्वी के तापमान को बढ़ाती हैं जो मनुष्यों के लिए हानिकारक और खतरनाक है।

प्रकृति से सीखना - प्रकृति मानवता सिखाती है और हमें संकटग्रस्त लोगों की मदद करने में सक्षम बनाती है। प्रकृति लाभप्रदता सिखाती है और पेड़ का एक उदाहरण है कि यह सभी मौसमों में पूरे समय पर खड़ा है लेकिन सभी के लिए छाया प्रदान करता है। प्रकृति मनुष्यों को मानवता सिखाती है और उन्हें एक वास्तविक इंसान बनाती है।

प्राकृतिक नियम - जैसे कि सभी व्यक्तियों के अपने विभिन्न नियम और कानून होते हैं जिनके द्वारा वे अपने कार्यों को पूरा करते हैं वैसे ही प्रकृति के पास भी प्राकृतिक नियम हैं। प्राकृतिक नियमों का पालन करना सबसे अच्छा तरीका है जो वातावरण को नियंत्रित कर सकता है। प्रकृति हमारे जीवन को वास्तविक आनंद, अच्छाई और खुशी से भर सकती है। प्राकृतिक कानून हमें इस दुर्भाग्यपूर्ण प्रणाली को बदलने के लिए योग्य बनाते हैं । वर्तमान आवश्यकताएँ - प्रकृति हमें एक माँ के रूप में पोषण देती है और हमें जीवनदायी वातावरण प्रदान करती है जिसमें शुद्ध प्राकृतिक हवा, शुद्ध प्राकृतिक जल और जीवन के कई संसाधन हैं। लेकिन वर्तमान समय में, बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण, प्रकृति हमारे द्वारा बनाई गई समस्याओं का सामना कर रही है। अगर हम इस धरती पर लंबे समय तक रहना चाहते हैं और अगर हम अपनी नई पीढ़ियों से प्यार करते हैं, तो हमें निश्चित रूप से प्रकृति को सुरक्षित करना होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: