सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 17 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 17 दिसंबर

कमलनाथ सरकार के सफलता पूर्वक एक वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेसियों ने मनाया जश्र 
जिला कांग्रेस कार्यालय सीहेार में कार्यकारी  अध्यक्ष नईम नबाव के नेतृत्व में हुआ आयोजन  
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सीहेार। मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर ओजश्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुनहेरे कल की ओर प्रदेश की जनता की सभी समस्याओं का पूर्ण निराकरण हुआ। जिला कांग्रेस कार्यालय में जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नईम नवाब के नेतृत्व में समस्म कांग्रेस जनों ने मनाई खुशियां। जिला कांग्रेस में केक काटकर और आतिश्वबाजी कर खुशियां मनाई इस अवसर पर नईम नबाव ने कहा की प्रदेश की जनता को किेसाने को बिजली किसानों की कर्ज माफी बेरोजगारों के लिए प्रदेश में नये उद्योग लगाने की बात कहीं किसानों को भरपूर खाद दिया गया। किसानों को सोयाबीन के नुकसान का मुआवजा दिलाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओमदीप राठौर, भूरा राजेश यादव, मीरा बाई, नरेंद्र खंगराले, पूनित राठौर, राजेंद्र नागर, नावेद खान, पंकज शर्मा, गुलजारी वाजपेयी, देवेंद्र ठाकुर, अजय रैकवार, विनेश चौहान, ओम सेानी, अनिल सेन  शेलेंद्र विश्वकर्मा, गजराज राठौर, धमेंद्र रैकवार, मीना रिझारिया, लक्ष्मी पुरवाईया, शारादा सेन, लक्ष्मी मालवीय, रेहान खान, महंदी हसन आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। 

मरीज से की पूरी वसूली,शासन का पैसा भी हड़पा  सिटी केयर प्राईवेट अस्पताल प्रबंधन का कारनामा 
कलेक्ट्रेट और निजी अस्पताल के बाहर न्याय के लिए बैठा पीडि़त परिवार  सीएम स्वच्छा अनुदान में निजी अस्पताला का खेल 
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सीहेार। सिटी केयर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मरीज के परिजनों से जहां ईलाज की पूरी राशि वसूली गई वहीं मुख्यमंत्री स्वच्छानुदान से मिले रूपए भी हड़प लिए गए । जब पीडि़त ने रूपये वापस मांगे तो जान से माने की धमकी देकर अस्पताल से भगा दिया गया।  ब्याज से उधार पैसा लेकर ईलाज कराने वाला हैरान परेशान पीडि़त मंगलवार को पत्नि बच्चों के साथ पहले कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां जनसुनाई में शिकायती पत्र दिया जिस के बाद सिटी केयर अस्पताल के सामने सड़क पर बैठाकर आमजनों को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा की गई धोकाधड़ी की दास्ता सुनाई। दोराहा निवासी हलवाई निशांत सिंह पुत्र पुलविन्दर सिंह  होटल पर कार्य करते वक्त 10 जनवरी 2018 को हादसे का शिकार हो गए थे। घटना में उनके शरीर के प्रमुख हिस्सों में गंभीर चोटे आई थी होटल संचालक ने एक लाख पच्चीस हजार रूपए का नगद भुगतान निशांत के उपचार के लिए सीहेार स्थित सिटी केयर हॉस्पिटल को कर दिया। राशि कम पडऩे पर पीडि़त के परिजनों ने मुख्यमंत्री उपचार सहायता योजना में आवेदन दिया। शासन के द्वारा 5 सितंबर 2019 को उपचार के लिए 75 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई। जानकारी के आभाव में अस्पताल से डिस्चार्ज के दौरान मरीज ने उपचार बिल के मुताबिक कर्जा से पैसा लेकर पूरा भुगतान कर दिया। 

जान से मारने दी धमकी, चैंक भी बाउंस 
मुख्यमंत्री उपचार आर्थिक सहायता स्वीकृत कार्यालय से मोबाईल पर बताया गया की आप के उपचार के लिए स्वीकृत राशि 75 हजार रूपए सिटी केयर अस्पताल के एकाउंट में भेज दी गई है। पीडि़त मरीज ने जब इस राशि की मांग की तो सिटी केयर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कहा कहा की अब कोई लेन देन नहीं अगर वापस आए तो जान से मार देंगे की धमकी देकर 10 अक्टुबर 2019 को एकाउंट नंबर 510101006692540 कार्पोरेशन बैंक का 15 हजार रूपए का चैक देकर भगा दिया यह चैक 46207012201905 में डाला गया यह भी बैंक से बाउंस हो गया। अब अस्पताल प्रबंधन पैसा वापस देने को तैयार नहीं है। 

न्याय नहीं मिला तो करेंगे आत्मदाह 
पीडि़त का कहना है कर जब राज्य सरकार ने पैसा दिया है तो अस्पताल प्रबंधन के द्वारा उपचार के बिल में उक्त राशि को कम क्यों नहीं किया अस्पताल प्रबंधन ने शासन की पूरी 75 हजार रूपये हड़प लिए है जबकी हमने कर्जा लेकर ईलाज कराया है और अस्पताल का पूरा करीब 2 लाख 50 हजार रूपये का भुगतान कर दिया है। अस्पताल की धोकाधड़ी के शिकार हुए पीडि़त ने सीएम हेलप् लाईन पर शिकायत दर्ज कराई है। मंगलवार को पीडि़त निशांत सिंह ने पत्नि सिमरन और दो बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिकायती पत्र दिया है जिस में उन्होने न्याय नहीं मिलने पर परिवार के साथ आत्मदाह करने की चैतावनी भी दी है। 

अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल ने सौपा ज्ञापन  हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाहीं की मांग  

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सीहोर। अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल सीहेार द्वारा महामहीम राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने से पूर्व संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता टाउन हाल पर एकत्रित होकर विरोध रैली के रूप में कलेक्ट्रेट नारेबाजी करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे। ज्ञापन में मांग की गई की भारत सरकार के द्वारा अभी हाल हीं में पारित नागरिक अधिकार संशोधन बिल और पूर्व में पारित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन एक्ट के विरोध अवैधानिक रूप से पंश्चिम बंगाल दिल्ली पूर्वात्तर राज्य सहित देश के अन्य भागें में किए जा रहे देश विरोधी प्रदर्शन सरकारी संपत्ति को आग लगाई जा रहीं संपत्ति को लूटा जा रहा है तोडफ़ोड़ कर करोड़ों रूपये का नुकसान किया जा रहा है और आमजन में भय और अफरातफरी का माहौल निर्मित किया जा रहा है। जिस से की देश की शांति भंग हो रहीे है एवं इस देश विरोधी कार्य के कारण सीहेार जिले में लोगों के मन में भी अनिश्चिता और डर और भय का वातावरण उत्पन्न होने लगा है की कहीं सीहेार जिले में भी इस तरह की हिंसा प्रारंभ नहीं हो जाए। इस प्रकार के प्रदर्शनों पर बल के माध्यम से रोक लगाई जाए और राष्ट्र सुरक्षा देश द्रोह के तहत सख्त कार्रवाहीं कर न्यायालय से दंडित कराया जाए। संगठन इस प्रकार के हिंसक प्रदर्शन की निंदा करता है और भारत सरकार के द्वारा पारित किए गए दोनों बिलों का पूर्ण रूप से समर्थन कर्ता है। 

सामान्य प्रशासन एवं सामान्य सभा बैठक  

जिला पंचायत सीहोर की सामान्य प्रशासन की बैठक माननीया श्रीमति उर्मिला मरेठा, अध्यक्ष जिला पंचायत सीहोर की अध्यक्षता में दिनांक 18.12.2019 को समय सायं 3ः00 बजे जिला पंचायत सीहोर के सभा कक्ष में आयोजित की गई है। जिला पंचायत सीहोर की सामान्य सभा की बैठक माननीया श्रीमति उर्मिला मरेठा, अध्यक्ष जिला पंचायत सीहोर की अध्यक्षता में दिनांक 20.12.2019 को समय दोपहर 12ः00 बजे जिला पंचायत सीहोर के सभा कक्ष में आयोजित की गई है। 

सामान्य प्रशासन की बैठक आज सामान्य सभा की बैठक 20 दिसंबर को बैठक 

जिला पंचायत सीहोर की सामान्य प्रशासन की बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति उर्मिला मरेठा  की अध्यक्षता में 18 दिसंबर को अपरान्ह 3 बजे एवं जिला पंचायत सीहोर की सामान्य सभा की बैठक 20 दिसंबर को दोपहर 12 बजे जिला पंचायत के सभा कक्ष में आयोजित की जाएगी।   

विकासखण्ड स्तरीय शिविर में 89 हितग्राहियों को जारी किए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र

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कलेक्टर श्री अजय गुप्ता के निर्देश तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में जनपद पंचायत आष्टा में दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 89 हितग्राहियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किए गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी के मुताबिक 89 हितग्राहियों में 38 अस्थी दिव्यांग, मेंटल के 9, मेंटल डिस्आर्डर के 4, श्रवण से संबंधित 1 तथा दृष्टिबाधित 05 व्यक्त्यों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए। 32 हितग्राहियों को रेफर किया गया। दिव्यांग शिविर में सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ .आनंद शर्मा द्वारा सिविल अस्पताल आष्टा के प्रभारी डॉ.ए.के.जैन, बीएमओ डॉ प्रवीर गुप्ता, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शिवेन्द्र अहिरवार, मनोवैज्ञानिक डॉ.राहुल शर्मा तथा श्री मधुसिंह की ड्यूटी विकलांग शिविर में लगाई गई थी जिन्होंने अपनी सेवाएं दी।

शक्तिशाली मध्यप्रदेश के लिए रखें बड़ी सोच 

एक साल बीत गया। सरकार की स्थिरता के सम्बन्ध में  तमाम अटकलों  का अंत हो गया है। मैंने बार.बार दोहराया कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, यह सरकार लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतिबिंब है। लोग चाहते थे कि उनकी पसंद का एजेंडा लागू होए न कि उन पर कोई एजेंडा थोपा जाए। लोगों के फैसले का सम्मान स्वस्थ रूप से किया जाना चाहिए। यदि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैंए तो हमें लोगों की  पसंद और उनके विवेक  का सम्मान करना चाहिए। मैंने मध्य प्रदेश को अपार अवसरों और संभावनाओं के प्रदेश के रूप में देखा है। इस बात को ध्यान में रखते हुएए मध्य प्रदेश के लोगों ने जो पाया उससे कहीं ज्यादा बेहतर के हक़दार है। मुझे लगता है कि विकास की प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते समय अच्छे और बुरे समय बिंदुओं की परस्पर तुलना करना उचित और तार्किक नहीं होगा क्योंकि हर समय बिंदु पर प्राथमिकताएँ बदलती रहती हैं।  नए.नए परिदृश्य उभरते  हैं और नए रास्ते खुलते जाते हैं। नए क्षेत्र खुलते हैं। इसलिए अंधेरे को कोसने  से अच्छा   रोशनी करना बेहतर है। अतीत को कोसने की अपेक्षा भविष्य की ओर आगे देखना बेहतर है। हमें नए क्षितिजों पर ध्यान लगाना  होगा। हमारे सभी फैसले लोगों की अपेक्षाओं पर आधारित हैं। हमने अब तक अनसुने लोगों को भी सुना और एक नई शुरुआत की। मध्य प्रदेश अब एक बहुप्रतीक्षित आर्थिक गतिशीलता के लिए तैयार है। लोग उत्तरदायी और जवाबदेह शासन चाहते हैं। उनकी समस्याओं को संवेदनशील तरीके से हल किया जाना चाहिए। उनके वैधानिक अधिकारों और सहूलियतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। वे एक प्रभावी और  सक्षम सेवा प्रदाय तंत्र की अपेक्षा करते हैं। हमने बहुत कम समय में जो किया है वह सबके सामने है। मैं मानता हूँ कि पारदर्शिता सुशासन की आत्मा है। लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है। हमें लोगों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास है। वे भी सरकार की चुनौतियों से वाकिफ हैं। लंबे समय से चली आ रही दूरी को पाटने के लिए शासन में संरचनात्मक सुधारों की बहुत आवश्यकता है। हम  संविधान से प्रेरणा लेते हैंए जिसमें स्पष्ट रूप से राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का उल्लेख है। केंद्र में हमारी सरकार ने पहले अनिवार्य शिक्षा का अधिकारए खाद्य सुरक्षा का अधिकार लागू किया। इनका व्यापक असर आज दिख रहा है। इसी तरह सेए हम स्वास्थ्य के अधिकार और पानी के अधिकार के बारे में कानून ला रहे हैं। इसके अलावाए हम रोजगार के अधिकार पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। यह तभी संभव है जब राज्य में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ बढ़े और आर्थिक उद्यमिता  का विकास हो।  मध्य प्रदेश में वह सब कुछ हैए जो इसे एक आर्थिक शक्ति बना सकता है। इस सच्चाई के बावजूद कि हमारे पास मजबूतए प्रतिबद्ध और कुशल जनशक्तिए अपार संसाधन और अच्छी भौगोलिक कनेक्टिविटी हैए मध्य प्रदेश की अर्थ.व्यवस्था में  सब ठीक नहीं है। कोई कारण नहीं है कि हमें धीमी गति से चलना पड़े।  हमें अपनी जीडीपी का विस्तार करना होगा और इसे वास्तविक रूप में और ज्यादा सहभागी बनाना होगा। हर वर्ग और क्षेत्र का जीडीपी के विस्तार में योगदान होना चाहिए। इसके लिए हमें ऐसा माहौल बनाना होगाए जिसमें हर नागरिक अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के बारे में सोच सके।विशाल लेकिन यथार्थवादी आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और उन्हें हासिल करने के लिए खुद को संकल्पित होना होगा।सरकार ने  ऋणग्रस्त किसानों के ऋण माफ करने का अपना पहला बड़ा निर्णय लिया। ऋण माफी प्रक्रिया अभी जारी है और हम अपना वादा पूरा  करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आदिवासी समुदायों को आर्थिक विकास की प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्षों से जंगलों में रहने वाले आदिवासी लोगों को उनका वाजिब हक मिले। उनकी ऋणग्रस्तता सरकार के आवश्यक हस्तक्षेप के साथ समाप्त होनी चाहिए। उनका सामाजिक अलगाव राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। हमारे सभी निर्णय चाहे वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 आरक्षण हो या आवारा मवेशियों के लिए  शेड का निर्माणए बेसहाराए विकलांग  लोगों के लिए पेंशन को दोगुना करनाए मध्य प्रदेश को खाद्य मिलावट मुक्त राज्य बनाने के लिए संकल्प करनाए बिजली दर को कम कर प्रथम 100 यूनिट 100 रूपये में देनाए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 आरक्षण, निर्माण  क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दर को 20, तक कम  सभी उत्तरदायी सरकार बनने के संकल्प की झलक  दिखाते हैं।  भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। हम अपने इकानॉमिक विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण कर रहे हैं।  हर नागरिक से अपील  है कि वे इसे लागू करने में सहयोग करें। मध्य प्रदेश को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए बड़ा सोचें।

(ब्लॉगर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

23 से 28 दिसंबर तक समस्त विद्यालयों अवकाश घोषित 

उप सचिव मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है कि राज्य शासन के निर्देशानुसार 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया।   

शाहगंज महाविद्यालय में विजय दिवस के अवसर पर हुए अनेक कार्यक्रम 

शासकीय महाविद्यालय शाहगंज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि महाविद्यालय मे विजय दिवस उत्साह से मनाया  कविता एवं सैनिकों के अपने भावपूर्ण विचार व्यक्त किए गए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ मनीष परिहार द्वारा विद्यार्थियों को देश के प्रति अपने कर्तव्य पालन करने का मार्गदर्शन दिया गया।   

अनुसूचित.जाति छात्रावासी विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति में वृद्धि   

 राज्य शासन ने अनुसूचित जाति के छात्रावासों और आश्रमों में रहने वाले विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति में वृद्धि की है। वर्ष 2019.20 में छात्रों के लिए 1230 रुपये और छात्राओं के लिए 1270 रुपये की प्रतिमाह शिष्यवृत्ति देय होगी। वर्ष 2018 में छात्रों को 1140 और छात्राओं को 1180 रुपये शिष्यवृत्ति प्रदान की जा रही थी। शिष्यवृत्ति की नई दर एक जुलाईए 2019 से प्रभावशील होगी।  

किसानों को ऋण.मुक्त कर समृद्ध बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले   

प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ.व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता.मुक्त होए उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प.काल में ही इस दिशा में क्रांतिकारी फैसले लिये हैं और उन्हे जमीनी स्तर पर लागू भी किया है। सरकार ने अपने वचन.पत्र में किसान कल्याण और कृषि विकास के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को पीढ़ियों के कर्जो से मुक्ति दिलाई है। साथ ही यह क्रम तब तक जारी रखने का संकल्प भी लिया हैए जब तक प्रत्येक पात्र किसान कर्ज.मुक्त नहीं हो जाता। किसान को फसल बोने से लेकर फसल बेचने तक के काम में राज्य सरकार मदद कर रही है। बिजलीए पानी आदि भी किसानों को रियायती दरों पर दिया जा रहा है।

जय किसान फसल ऋण माफी योजना
प्रदेश में ष्जय किसान फसल ऋण माफी योजनाष् लागू कर किसानों को ऋण.मुक्त करने का अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गये हैं। शीघ्र प्रारंभ किये जा रहे दूसरे चरण में 12 लाख से अधिक ऋण खाताधारक पात्र किसानों के ऋण माफ किये जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

जय किसान समृद्धि योजना
प्रदेश में 5 मार्च 2019 को ष्ष्जय किसान समृद्धि योजनाष्ष् लागू की गई है। इस योजना में रबी सीजन 2019.20 के लिए कृषि उपज मंडी और ई.उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राज्य सरकार ने कुल 92 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूँ विक्रय करने वाले कुल 11 लाख 79 हजार किसानों को कुल 1463 करोड़ 42 लाख प्रोत्साहन राशि देने की पुख्ता व्यवस्था की है।

कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये शुद्ध के लिए युद्ध
राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्चय किया है। किसानों को हर कदम पर हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खादए बीज और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में ष्ष्शुद्ध के लिए युद्धष्ष् अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीजए उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रयए अनाधिकृत विक्रयए कालाबाजारीए अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही है।

मंडियों में नगद भुगतान की व्यवस्था - कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों को उनकी उपज बेचने पर दो लाख रूपये तक के नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। बैंकों से एक करोड़ रूपये से अधिक नगद आहरण पर टीडीएस   कटौती के आयकर प्रावधानों से मंडियों में नगद भुगतान कठिनाई आईए तो तुरंत भारत सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। इस तरह मंडी व्यापारियों को इस प्रावधान से मुक्त कराने की पहल की गई है।

ई-नाम योजना से जुड़ी कृषि उपज मंडियाँ
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के द्वितीय चरण में राज्य सरकार द्वारा 25 कृषि उपज मंडियों को ई.नाम योजना से जोड़ा गया है। मंडी बोर्ड द्वारा 16 अगस्तए 2019 से प्रदेश की सभी मंडियों में एक साथ ई.अनुज्ञा प्रणाली लागू कर 4 लाख से ज्यादा ई.अनुज्ञा जारी किये गए हैं। इससे मण्डी व्यापारियों का समय बचा है। प्रदेश में 27 मण्डी प्रांगण में सोलर एनर्जी प्लांट भी स्थापित किये गये हैं। कृषकों को मण्डी प्रांगण में संतुष्टि अनुरूप मूल्य प्राप्त नहीं होने पर चार माह की निःशुल्क सुविधा और 80 प्रतिशत राशि कृषि उपज का भुगतान करने के लिये कोलेटेरल मैनेजमेंट एजेंसीस के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

किसानों को सस्ती बिजली
प्रदेश में किसानों के लिये दस हॉर्स पॉवर तक के कृषि पंप की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। पूर्व मे निर्धारित 1400 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रतिवर्ष कृषि पंप की विद्युत दर को अब आधा कर 700 रूपये कर दिया गया है। इससे लगभग 20 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में प्रति कृषि उपभोक्ता लगभग 47 हजार रूपये प्रति वर्ष सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य सरकार ने अब तक 2622 करोड़ 53 लाख रूपये सब्सिडी प्रदान की है। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक 20 लाख 10 हजार कृषि पंपों के लिए करीब 6138 करोड़ रूपये की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।  स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरें भी कम की गई हैं।

अजजा/अजा किसानों को निःशुल्क बिजली
प्रदेश में अब एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिये निःशुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये वार्षिक सब्सिडी देगी।

जैविक खेती
जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में नंबर.वन राज्य बन गया है। एपीडा के अनुसार प्रदेश में 2 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपासए गेहूँए धानए अरहरए चनाए सोयाबीन इत्यादि फसलों की जैविक खेती की जा रही है। जैविक खेती के दृष्टिकोण से गौ.शालाएँ बेहद महत्वपूर्ण हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर गौ.शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश का किसान अब निश्चिंत होकर कृषि कार्य में जुट गया है। कृषि की नई.नई तकनीक अपनाने लगा है। उद्यानिकी और खाद्य प्र.संस्करण के क्षेत्र में भी सक्रिय हो गया है।  

एक  साल में 365 वचन पूरे, 164 वचन पूर्ण और 201 सतत पूरे उल्लेखनीय रहा एक साल का सरकार का कार्यकाल

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने आज एक वर्ष पूरा किया। इस अवधि में प्रदेश सरकार ने दिसम्बर 2018 में प्रदेश विधानसभा के निर्वाचन के पूर्व जारी वचन.पत्र के बिन्दुओं को पूरी शिद्दत से अमली जामा पहनाया। पिछले एक वर्ष की अवधि के पूरे 365 दिनों में सरकार को प्रतिदिन एक वचन की पूर्तिध्सतत पूर्ति करने में सफलता मिली। इस अवधि में 164 वचन पर पूर्ण रूप से और 201 वचन पर सतत् पूर्ति की श्रेणी में काम हुआ। इस प्रकार सरकार की कथनी और करनी में भेद नहीं रहा। उसने जो कहा सो किया। निर्वाचन के पूर्व जनता को दिये गये वचनों की पूर्ति की दृष्टि से पिछला एक वर्ष उल्लेखनीय रहा। इस अवधि में खासतौर से किसान.कल्याण और कृषि विकासए शिक्षाए स्वास्थ्यए महिलाए युवा, नगरीय विकास और ग्रामीण विकास से संबंधित वचनों की पूर्ति विशेष रही। किसान कल्याण के क्षेत्र में राज्य सरकार ने कार्यभार सम्हालने के पहले ही दिन किसानों की ऋण माफी का फैसला लिया। इस फैसले के अनुरूप प्रथम चरण में 20 लाख 22 हजार 731 ऋण खातों पर 7, 154,36 करोड़ की राशि की माफी की जा चुकी है। कर्ज माफी का दूसरा चरण आज से प्रारम्भ हो रहा हैए जिसमें कुल 12 लाख से अधिक ऋण खातों पर राशि रूपये 11 हजार 675 करोड़ से अधिक की माफी की जायेगी। सरकार ने गेहूँ के विपुल उत्पादन की स्थिति में मूल्य स्थिरीकरण के उद्देश्य से जय किसान समृद्धि योजना भी लागू की। मक्का में फ्लैट भावांतर भुगतान योजना में 896 करोड़ रूपये का प्रावधान किया। जैविक खेती का रकबा बढ़ाने के लिये 3828 क्लस्टर समूह में जैविक खेती का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सभी मंडियों में ई.अनुज्ञा ऑनलाइन  प्रणाली लागू की गई। पहली बार किसानों को अनुदान पर कन्बाइन हार्वेस्टर प्रदान किये गये । नये 264 कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जा रही है। उद्यानिकी और खाद्य प्र.संस्करण को भी प्रोत्साहन इस अवधि में दिया। नयी मुख्यमंत्री बागवानी और खाद्य प्र.संस्करण योजना लागू की गई। सब्जी और मसाला विस्तार योजना में अजजा और अजा वर्ग के किसानों की अनुदान राशि 50 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत की गई। शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिये भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति बनाई जा रही है। सरकार ने अगले पाँच वर्ष में वर्तमान सिंचाई क्षमता को 33 लाख से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य निर्धारित कर काम शुरू कर दिया है। पुरानी अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को तेजी से पूरा करने के साथ नयी सिंचाई योजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रदेश को आवंटित 18,25 एमएएफ नर्मदा जल का उपयोग वर्ष 2024 के पूर्व किये जाने संबंधी योजनाओं पर तेजी से कार्य किया गया। इस दौरान नगरीय विकास की योजनाओं को जन अनुरूप बनाकर जन जदारी से प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। प्रचलित योजनाओं को सुव्यवस्थित कर उत्तरदायी नगरीय प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में परिणाममूलक कोशिशें निरंतर जारी हैं। पिछले एक वर्ष में रूकी या अधूरी पड़ी हुई पेयजलए सीवरेज, मेट्रो आदि परियोजनाओं को समय.सीमा में पूरा करना सुनिश्चित किया गया है। पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था निर्मित करने की दिशा में नई योजनाएँ शुरू की गई। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शहरी गरीबों को पट्टा एवं पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सितम्बर माह में ष्मुख्यमंत्री आवास मिशन ;शहरीद्धष् का शुभारम्भ झाबुआ से किया। भूमिहीन परिवारों को पट्टा उपलब्ध कराया जा रहा है। निकायों में क्लस्टर की जगह विकेन्द्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य.योजना लागू की गई। शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना आरम्भ की गई । इसका उद्देश्य नगरीय क्षेत्र के युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण देकर क्षमता बढ़ाना तथा जीवन.यापन की फौरी जरूरतों की पूर्ति हेतु एक वर्ष में 100 दिवस का अस्थायी रोजगार एवं समानुपातिक स्टाइपेंड प्रदान करना है। अभी 38 ट्रेंडों में करीब 20 हजार हितग्राही प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। योजना में 18 हजार से ज्यादा पात्र हितग्राहियों को 12 करोड़ से ज्यादा की स्टाईपेंड राशि दी गई। अवैध होर्डिंग हटाये जाने की कार्रवाई की गई। मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति.2019 बनायी गई। इंट्रा.सिटी एवं इंटरसिटी बस सेवाओं को प्रभावी बनाया गया। राज्य शहरी आजीविका मिशन में 30 नये शहरों को जोड़ा गया। राज्य सरकार ने गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था कायम करने के लिये पिछले एक साल में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर उन्हें जमीन पर उतारा। अब बच्चे स्कूल पहुँचने लगे हैंए शिक्षक भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये समर्पित हुए हैं। अकादमिक सत्र 2019.20 से पाँचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन बोर्ड पैटर्न पर किये जाने का निर्णय लिया गया।  ऑनलाइन ट्रान्सफर व्यवस्था लागू कर शिक्षकों को उनकी पसंद के स्थान पर पद स्थापना में प्राथमिकता दी गई है। अध्यापकों की शिक्षा विभाग में संविलियन की माँग को पूरा किया गया।  शिक्षकों के रिक्त पदों पर 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जा रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के चुनिंदा और बेहतर शिक्षा के लिए अग्रणी प्रदेशों के समकक्ष बनने की ओर मध्यप्रदेश ने शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर करने के साथ मजबूती से कदम बढ़ाये हैं। आधुनिक संसाधनों से शिक्षा संस्थानों को परिपूर्ण करनाए अधोसंरचना का निर्माणए बेटियों के लिए सुलभ और बेहतर शिक्षाए प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनानेए कौशल विकास और रोजगारमुखी शिक्षा, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्तिए ई-लायब्रेरी और खेल मैदान की उपलब्धता जैसी नीतियों के लागू और पूरा होने से प्रदेश का उच्च शिक्षा परिवेश रचनात्मक और विश्वसनीय बना है। इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू कर आम उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली एक रूपये प्रति यूनिट देने का काम किया गया। इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू कर किसानों के लिये 10 हार्स पावर तक के पंपों पर विद्युत शुल्क 1400 रूपये से घटाकर 700 रूपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष कर दिया। इस अवधि में प्रदेश के सुदूर अंचलों में सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और बीमारियों से जूझ रहे पीड़ितों को चिकित्सकों के परामर्श के साथ ही उपचार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रहा। सबके लिये सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिये सरकार के प्रयासों के नतीजे केवल एक ही वर्ष में नजर आने लगे हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य हैए जो जनता को स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देने वाला कानून बनाने जा रहा है। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य निवेश प्रोत्साहन नीति.2019 को भी मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में लगभग 100 संजीवनी क्लीनिक स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। 118 सिविल डिस्पेंसरी एवं 136 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स.मध्यप्रदेश आरोग्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है। चिकित्सा की आधुनिक सुविधाओं युक्त स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना के साथ समुचित संख्या में डाक्टरों की पदस्थापनाएँ की गई हैं। शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सकों की उपलब्धता के लिये ष्मुख्यमंत्री सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजनाष् लागू करने का निर्णय लिया गया। मे‍डिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों के लिये सीट्स की संख्या भी बढ़ाई गई हैं। स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना और चिकित्सा शिक्षा के अध्ययन के लिये प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट के कुचक्र के पूरी तरह से खात्मे के लिये सरकार ने एक युद्ध का ऐलान कर दिया है। मिलावटखोरों जैसे गुनाहगारों की धर.पकड़ के इस संवेदनशील संकल्प के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार की नजर में पीने के लिये साफ पानी केवल जरूरत ही नहींए बल्कि सामान्य जन का अधिकार भी है। प्राइट टू वाटर एक्ट लागू होने पर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगाए जहाँ लोगों को पानी का कानूनी अधिकार मिलेगा। पिछले एक वर्ष में सड़कों के निर्माणए मजबूतीकरण और नवीनीकरण के अनेक कार्य प्रदेश के विकास के लिये प्रतिबद्धता का प्रमाण रहे। प्रदेश की नई सरकार की प्राथमिकताओं की फेहरिश्त में महिलाओं और बच्चों का सर्वांगीण विकास सबसे ऊपर रहा। नई बाल संरक्षण नीति बनाई जा रही है। पोषण आहार अभियान के तहत अब बच्चों के वजन के साथ ही उम्र के अनुसार कद के मान से उसके परिवार को पोषण परामर्श दिया जा रहा है। किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के तहत राज्य किशोर न्याय नियम बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। अब दुष्कर्म पीड़िता बालिका अथवा महिला से जन्म लेने वाली बालिका को भी लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह, निकाह योजना की राशि 28ए500 से बढ़ाकर 51 हजार रूपये की गई है। राज्य सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिये विभिन्न नवाचारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी घर शौचालयविहीन ना रहेए इसलिये शौचालयविहीन घरों का चिन्हांकन किया जा रहा है। नदियों के पुनर्जीवन हेतु नदी पुनर्जीवन योजना बनाई गई, जिसमें 40 जिलों में 40 नदियों का चयन किया गया। इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1000 गौ-शाला निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। कुल 903 गौ.शालाओं का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका। अपात्र बसाहटों के लिये एकल दोहरी सम्पर्कता प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं रख-रखाव के क्रियान्वयन के लिये नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है। एकल सम्पर्कता विहीन राजस्व ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना विकास निधि से डामरीकृत सड़क बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजनाष् में पक्के निर्माण कार्यों में 50 प्रतिशत राशि सीण्सीण् सड़क पर व्यय करने की अनिवार्यता समाप्त कर कुल व्यय सीमा 75 प्रतिशत की गई। पीएमजीएसवाय.एक एवं दो में 3319 किमी लंबाई सड़कें पूर्ण की गई। मण्प्रण् ग्रामीण सम्पर्कता परियोजना में 2752, 51 किण्मीण् लंबाई की बीण्टीण्ध्सीण्सीण् मार्गों का निर्माण पूर्ण किया गया। अन्य योजनाओं में भी 580 ग्रामों को सड़कों से जोड़ा गया। प्रधानमंत्री आवास योजना में दो लाख 23 हजार आवास पूर्ण किये गये। सर्वे  में छूट गये तीन लाख से अधिक शौचालयविहीन घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया। सवा 5 लाख से ज्यादा परिवारों को संगठित कर करीब 50 हजार स्व.सहायता समूहों का गठन किया गया। इन समूहों को 37 हजार प्रकरणों में बैंकों से 232 करोड़ रूपये का ऋण दिलाया गया। मनरेगा में साढ़े 12 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये। इस अवधि में सरकार ने आदिवासी समुदाय के शैक्षणिक आर्थिक और सामाजिक उत्थान के प्रयासों के अलावा संस्कृतिए इतिहास और देव स्थानों के संरक्षण एवं उन्हें बढ़ावा देने की कोशिश की है। वनअधिकार अधिनियम के दावों के निराकरण और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया। मुख्यमंत्री मदद योजना शुरू कर जन्म और मृत्यु संस्कार के समय भोज देने के लिये अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। आदिवासी समुदाय के देव स्थानों के संरक्षण के लिये आष्ठान योजना शुरू की गई। साहूकारी ऋण से मुक्ति दिलायी गयी। विशेष पिछड़ी जनजातियों को कुपोषण से मुक्ति के लिये महिलाओं को पोषण आहार राशि देने की शुरूआत की गई। विश्व आदिवासी दिवस के एच्छिक अवकाश को सार्वजनिक अवकाश में बदला गया। आदिवासी विकास खण्डों में डेबिट कार्ड योजना शुरू की गई। राज्य सरकार ने सभी तरह के मा‍फिया को समाप्त करने की मुहिम भी शुरू कर दी है। कानून को हाथ में लेने वाले तत्वोंए फिर चाहे वे कितने ही रसूखदार होए को कानून के शिकंजे में लाने के परिणाम भी दिखने लगे हैं। शासन-प्रशासन के सुदृढ़ीकरण सभी वर्गों के कल्याण एवं शासकीय सेवकों के हित में महत्वपूर्ण फैसले लेकर लागू किया गया। अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शैक्षणिक संस्थाओं और शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। शासकीय सेवाओं में मध्यप्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए अभ्यर्थियों का रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन अनिवार्य किया गया। खुली प्रतियोगिता से भरे जाने वाले पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई। इसी के साथ आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी गई है। इस तरह प्रदेश सरकार ने पिछले एक वर्ष में हर उस क्षेत्र में लोगों के कल्याण और बेहतरी की कोशिशें कीए जो बुनियादी रूप से महत्व के हैं। फिर चाहे वह खेती.किसानी होए सिंचाई होए पेयजल हो, बिजली हो, उद्योग हो, कुटीर उद्योग हो, शिक्षा होए स्वास्थ्य हो, शासन-प्रशासन होए राजस्व प्रकरण हो या लोक सेवाओं का प्रदायए सबमें कुछ न कुछ नया हुआए उल्लेखनीय हुआ। पर्यटन.संस्कृतिए आध्यात्म हो या बेहतर कानून.व्यवस्थाए सरकार ने हर मोर्चे पर काम किया और वह भी पूरी शिद्दत से और परिणामोन्मुखी। यह सब प्रदेश सरकार ने तब किया जब विरासत में खाली खजाना मिला। ऐसे में सरकार ने अपनी चुनौतियों को अवसरों में बदला। हर तबका चाहे वह युवा होए महिला होए किसान हो या आदिवासी भाईए पिछड़े वर्ग के भाई.बहन हो या सामान्य वर्ग केए बच्चे हो या बुजुर्ग कोई भी पिछले एक वर्ष में सरकार की चिंताओं से अछूता नहीं रहा। इस एक वर्ष में प्रदेश सरकार ने वक्त है बदलाव को सार्थक किया तो प्रदेशवासियों को यह विश्वास भी दिया कि वह अकेले नहीं है सरकार हर समय उनके साथ खड़ी है सुख में.दुख में।   

जनसुनवाई में प्राप्त हुए 65 आवेदन 

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राज्य शासन के आदेशानुसार नागरिकों की समस्याओं, शिकायतों, मांगों के निराकरण को लेकर मंगलवार के दिन साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को कलेक्ट्रेट में कलेक्टर श्री अजय गुप्ता की उपस्थिति में जनसुनवाई की गई। जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर श्री गुप्ता के समक्ष जनसुनवाई में नाली की सफाई, राशन, आवास योजना, गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ना, बंद रास्ते को खुलवाने, अतिवर्षा नुकसान का मुआवजा न मिलने, पेंशन नहीं मिलने, बिजली के बिल ज्यादा आने, साफ-सफाई व कचरा हटाने, आदि से संबंधित लगभग 65 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण के लिए निर्देशित किया गया। जनसुनवाई के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा, अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी सहित समस्त विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत आजीविका मेले का आयोजन 

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नगरपालिका परिषद सीहोर द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत अजीविका मेले का आयोजन टाउनहाल परिसर में किया गया। कार्यक्रम में मप्र शासन के डे-एनयूएलएम अन्तर्गत राजधानी से नगरीय प्रशासन मंत्री श्री जयवर्धन सिंह एवं जनसंपर्क मंत्री श्री पीसी शर्मा द्वारा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सीहोर एवं आष्टा के हितग्राहियों को दिखाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी ने की। कार्यक्रम के दौरान नगरपालिका परिषद सीहोर एवं नगरपालिका परिषद आष्टा के विभिन्न स्व सहायता समूहों को अनुदान राशि स्वीकृति का वितरण किया गया। इस दौरान 6 हितग्राहियों को नियुक्ति पत्र, किट वितरण, लाभांश वितरण एवं पथ विक्रेताओं को परिचय पत्र का वितरण किया गया। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस अवसर पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी सीहोर श्री संदीप श्रीवास्तव, मुख्य नगरपालिका अधिकारी आष्टा श्री नीरज श्रीवास्तव, श्री कमलेश शर्मा, श्री नईम नबाव, श्री पंकज शर्मा, श्री योगेश राठी, श्री स्वदेश विश्वकर्मा, सिटी मिशन मेनेजर श्रीमती रुपाली सक्सेना, श्रीमती जागृति चौहान, मिसवाह निजामी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन श्री प्रदीप नागिया द्वारा किया गया एवं आभार श्री नीरज श्रीवास्तव ने माना।

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