जमशेदपुर : 29 वाँ विश्व ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

जमशेदपुर : 29 वाँ विश्व ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन

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जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता)  : सेन्टर आफ एस्ट्रोलोजिकल स्टडी एंड रिसर्च के द्वारा विष्टुपूर राम मंदिर सभागार में 29 वाँ विश्व ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि मुरलीधर केडिया और नेपाल के डॉक्टर देवी प्रसाद खनाल  ,एवं डॉक्टर उज्जवल राय विशिष्ट अतिथि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया ।मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि  ज्योतिषियों को अपना कार्य कर्तव्य निष्ठ और ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए । श्री केडिया ने कहा कि पुरे विश्व से ज्योतिष इस सम्मेलन मे भाग लिए  उससे झारखंड की धरती भी पवित्र हो ग ई ।  उदघाटन समारोह के बाद विश्व के विभिन्न देशों एवं प्रांतों से आये ज्योतिषियों का शाल और मेमोंटो देकर सम्मानित एवं स्वागत किया गया और प्रो0 संजीत कुमार शास्त्री ने ज्योतिषियों के द्वारा ज्योतिष के क्षेत्र में  महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन ज्योतिषियों को सम्मानित किया गया । इस सम्मेलन मे  कोलकाता के ज्योतिष डाक्टर विकास राहा द्वारा लिखित बुक का नाम कृष्णमुर्ति पद्धति ज्योतिष का विमोचन किया गया । प्रथम सत्र मे चिकित्सा ज्योतिष के विषय पर ज्योतिषियों के द्वारा व्याख्यान दिया गया । झारखंड प्रदेश के राँची से आये ज्योतिष महात्मा पांडेय ने सूगर बिमारी के लिए कदम पेड़ का छाल का काढा के ऊपर कहा कि वैसे मरीजों को उसका सेवन करना चाहिए । झारखंड प्रदेश के राँची के ज्योतिष डॉक्टर नरेन्द्र कुमार ने मुख से संबंधित केंसर ( ल्यूकोप्लेकिया  ) के लिए विस्तार से राशियों में विभिन्न ग्रहों की उपस्थिति पर व्याख्यान दिया । नेपाल के ज्योतिष हरिहर अधिकारी ने  अपने व्याख्यान मे कहा कि पूर्णिमा के आसपास होने से मुख्यत आत्महत्या की सं भावना बनती है और उस समय काल में पुरे विश्व में आत्महत्या की घटना में काफी बढोतरी हो जाती है । ज्योतिष अधिकारी ने  जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रमा इस दौरान पृथ्वी के नजदीक रहता है चूंकि चंद्रमा मन का कारक ग्रह है अत कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में रहने से लोग अवसाद में चले जाते हैं  और आत्महत्या कर सकते हैं । राजस्थान प्रदेश के उदयपुर के ज्योतिष डॉक्टर प्रेमा चंडालिया ने मनुष्य के शरीर में उपस्थित विभिन्न चक्रों और उनके रोगों से संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला । न ई दिल्ली  की ज्योतिष निरुपमा यादव ने कुंडली में अवसाद की स्थिति पर  ग्रहों के  राशि पर विशेष रूप से बताया गया । सम्मेलन के दूसरे सत्र में हस्तरेखा के  बारे में विभिन्न ज्योतिषियों ने अपने अपने ढंग से  और जानकारीनुसार अपना  व्याख्यान दिया । अंत मे पुरे विश्व से आये ज्योतिषियों का स्वागत संस्थापक संजीत कुमार शास्त्री ने स्वागतभाषण कर किया ।

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