बिहार : भारत बंद का बिहार में असर, माले-आइसा कार्यकर्ता उतरे सड़क पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

बिहार : भारत बंद का बिहार में असर, माले-आइसा कार्यकर्ता उतरे सड़क पर

बिहार विधानसभा से भी प्रोन्नति में आरक्षण के सवाल पर प्रस्ताव लाए सरकार : धीरेन्द्र झा
cpi-ml-suport-bhim-army-bharat-band
पटना 23 फरवरी, सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण के सवाल पर दिए गए हालिया फैसले के खिलाफ सरकार से इस मामले में तत्काल अध्यादेश लाने की मांग पर आज आहूत भारत बंद के समर्थन में भाकपा-माले व आइसा के कार्यकर्ता पूरे बिहार में अहले सुबह से सड़कों पर उतरे हुए हैं और कई जगहों पर ट्रेनों का परिचालन बंद करवाया है. आरा में बंद का सर्वाधिक प्रभाव दिख रहा है. यहां माले विधायक सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में आरा रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन किया गया. आइसा व भीम आर्मी के समर्थकों के कई जत्थे सड़क पर उतर चुके हैं और उन्होंने आरा रेलवे स्टेशन पर लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के परिचालन को बाधित कर दिया है. भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य राजू यादव, नगर सचिव दिलराज प्रीतम आदि नेताओं ने आरा बस पड़ाव को जाम कर दिया है. भोजपुर के गड़हनी में पार्टी की केंद्रीय कमिटी के सदस्य मनोज मंजिल के नेतृत्व में चक्का जाम का कार्यक्रम आयोजित किया गया. बेगूसराय में आइसा के छात्रों ने नेशनल हाइवे 31 केा जमा कर रखा है, जिसकी वजह से परिचालन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. दरभंगा में बंद समर्थकों ने 8 बजे सुबह लहेरियासराय स्टेशन पर कमला इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन को बाधित कर दिया. जिसकी वजह से उस रेलखंड पर यातायात पूरी तरह बाधित है. वहीं, मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले व इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने पक्की सराय चैक पर प्रदर्शन किया. इस बीच भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा है कि सबसे पहले प्रोन्नति में आरक्षण पर बिहार की नीतीश सरकार ने ही रोक लगाई थी और दलित अधिकारियों की अवनति की थी. बहुत सारे आंदोलनकारियों का ट्रांसफर कर झूठे मुकदमे में फंसाने का काम किया गया था. इसका मजबूत विरोध होना चािहए. हमारी बिहार सरकार से भी मांग है कि सीएए-एनपीआर व एनआरसी सहित आरक्षण को लेकर भी सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लाए.

कोई टिप्पणी नहीं: