पटना,09 फरवरी। आखिककार गंदगी पर सफाई की जीत हो गयी।राजधानीवासियों को अब कूड़े की दुर्गंध से निजात मिल गयी।आज रविवार से पटना के सभी इलाकों में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने कूड़े का उठाव शुरू कर दिया है। शनिवार की रात तक कचरे का अम्बार रविवार को कचरे को उठा लिया गया। सफाई कर्मियों की हड़ताल के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गया था। कई जगह मृत पशुओं को रख दिया गया था। छह दिनों से जलालत झेल रहे थे। पटना नगर निगम में कार्यरत 4300 दैनिक कर्मियों की सेवा यथावत बनी रहेगी।इनकी नियमतिकरण की प्रक्रिया पूर्व की तरह रहेगी।वर्तमान में करीब 2200 सफाई कर्मी जो आउट सोसिंग एजेंसी के द्वारा रखे गये हैं ,उनके संबंध में श्रम कानून के तहत देय सुविधाएं यथा- न्यूनतम मजदूरी,ई.पी.एफ.,कर्मचारी राज्य बीमा तथा अवकाश संबंधित नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। इस कार्य हेतु निगम मुख्यालय स्तर पर एक सप्ताह में एक विशेष समिति (जी.आर. सी) का गठन किया जाएगा।निगम में चल रहे प्रभारी व्यवस्था को समाप्त करने हेतु रिक्तियों के विरूद्ध प्रोन्नति/समायोजन की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।निगम में स्थानान्तरण में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाएगी एवं इस संबंध शीघ्र ही नीति का निर्धारण किया जाएगा।हड़ताल अवधि के दौरान सभी तरह के दण्डनात्मक कार्रवाइ वापस ली जाती है। हड़ताल की अवधि में कर्मचारियों का वेतन कटौती नहीं की जाएगी एवं उक्त अवधि का अवकाश के दिनों में अथवा अतिरिक्त अवधि में कार्य कराकर समायोजन किया जाएगा।हड़ताल अवधि में पटना नगर निगम संयुक्त समन्वय समिति के नेताओं एवं अन्य कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मुकदमा वापस लिया जाता है।हड़ताल को स्थगित करने की बात कही गई है। इस बात की घोषणा पटना नगर निगम कर्मचारी समन्वय समिति के नेता चंद्र प्रकाश सिंह, विंदेश्वरी, मंगल पासवान, रामजतन, नंदकिशोर दास ने की। नेताओं ने कहा कि हड़ताल को फिलहाल स्थगित किया गया है। अगर सरकार समझौते के तहत मांगों को नहीं मानेगी तो फिर हड़ताल पर जाएंगे। सभी सफाई कर्मियों की मौजूदगी में मेयर सीता साहू ने भी कर्मियों की मांगें माने जाने पर खुशी जताई। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर भी शाम साढ़े पांच बजे नगर निगम मुख्यालय पहुंचे और नेताओं के साथ बैठक में शामिल हुए। सचिव आनंद किशोर ने कहा कि दैनिक सफाई कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास किया गया है। मेयर समेत सभी के साथ बैठक की गई है। अलग-अलग मुद्दों पर सरकार द्वारा जानकारी दी गई। नेताओं से अनुरोध किया गया है कि लोक स्वास्थ्य को देखते हुए हड़ताल को समाप्त किया जाए। एक सप्ताह बाद यूनियन के नेताओं के साथ अलग से बैठक होगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने आरोप लगाया कि बिहार की जदयू- भाजपा की सरकार में पटना में जल प्रलय के बाद कचरा प्रलय का सामना स्थानीय नागरिक करने को मजबूर हैं। शनिवार को जारी बयान में श्री राठौर ने कहा कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के नगर निगम के दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं था। इसके बावजूद नगर निगम एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों की लापरवाही ने पटना में महामारी फैलने की आशंका बढ़ा दी है। मीनाबाजार स्थित नगर निगम सिटी व अजीमबाद अंचल के मुख्य गेट पर हड़ताली सफाई कर्मियों द्वारा जड़े ताला खोलने को लेकर हड़ताली कर्मियों व प्रशासन की टीम के साथ नोकझोंक, झड़प व कहासुनी हुई। शनिवार को ताला खोलने पहुंचे अधिकारी व पुलिसकर्मी कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए वापस लौट गये। बता दें कि एक फरवरी से आंदोलन पर उतरे दैनिक सफाईकर्मियों ने कार्यालय के मुख्य द्वार व वाहनों वाले द्वार पर ताला जड़ दिया है। मुख्यद्वार पर तो मृत पशु भी टांग कर छोड़ दिया है। नतीजतन ताला बंद रहने की स्थिति में सफाई वाहन परिसर से बाहर नहीं निकल पाए। वाहन निकालने व कार्यालय में कामकाज को लेकर शनिवार की दोपहर अधिकारियों संग पुलिस ताला खोलने पहुंची। लेकिन विरोध को देखते हुए सभी वापस लौट गए। वहीं दूसरी ओर चौकशिकारपुर नाला स्थित सिटी अंचल कार्यालय का ताला शनिवार की सुबह खोल कर सफाई वाहनों को सड़कों पर निकाला गया। नगर प्रबंधक प्रकाश कुमार ने बताया कि सिटी अंचल में स्थायी कर्मियों के सहयोग से सुदर्शन पथ, गुरुगोविंद सिंह पथ, मोर्चा रोड, मंगल तालाब, चौक थाना मार्ग, शहीद भगत सिंह चौक इलाकों में सफाई अभियान चलाया गया।
रविवार, 9 फ़रवरी 2020
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बिहार : आखिककार गंदगी पर सफाई की जीत हो गयी
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