मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रोफेसर शितलाम्बर झा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार सरकार का बजट 2020-2021 पूर्ण रूपेण दिशाहीन है। ये बजट खोखले वादों, गांव, गरीब, मजदूर विरोधी बजट है। इस बजट में ना शिक्षा, शिक्षक, रोजगार एवं नौकरीयों की कोई चर्चा की गई हुई है। इस बजट में शिक्षित बेरोजगारों के नौकरी का भी कोई ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। शिक्षा पर फोकस करने वाली सरकार आज शिक्षा के मामले में फिसड्डी साबित हो रही है। वहीं, ये नीतीश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं नियोजित शिक्षकों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इससे शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रहा है। इस बजट से खासकर मिथिलांचल के लोगों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। इस बजट में लोहट चीनी मिल, रैयाम चीनी मिल, सकरी चीनी मिल, पंडौल सुता फैक्ट्री को चालू करने कोई चर्चा ली गयी है, ओर ना ही नए फैक्ट्री खोलने की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। इसके उलट किसी भीबतरः से कोई भी रोजगार बढ़ाने पर कोई प्रावधान किया गया है। इस बजट में बाढ़ और सुखाड़ भी कोई ध्यान नहीं दिया गया है। दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मुज़फ्फरपुर के सभी लगभग दो करोड़ आबादी को नजरअंदाज किया गया है।ईस बजट से ऐसा प्रतीत होता है की मिथिलांचल पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, बल्की इसकी उपेक्षा की गई है। इस क्षेत्र से चार-चार मंत्री होने के बावजूद मिथिलांचल की उपेक्षा कर दी गयी है, यह कैसे संभव है? कुल मिलाकर यह बजट नालंदा पोषित है।
बुधवार, 26 फ़रवरी 2020
मधुबनी : नितीश ने बजट में मिथिलांचल की फिर किया उपेक्षित : शितलाम्बर
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