जमशेदपुर में के टाटा स्टील परिसर में एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं परिजनों का कहना है कि टाटा स्टील जब तक बकाये का भुगतान और मुआवजा नहीं देती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) टाटा स्टील परिसर में मंगलवार की सुबह बागबेड़ा निवासी उमेश पांडेय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है. मृतक के परिजनों का कहना है कि टाटा स्टील जब तक बकाया भुगतान और मुआवजा नहीं देती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. बुधवार को मृतक के परिजनों ने बिष्टुपुर थाना में टाटा स्टील कंपनी में कार्यरत अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. टाटा स्टील में कार्यरत अकाउंटेंट उमेश पर 6 महीने से 9 लाख रुपए के कंटेनर खरीदने का दबाव बना रहा था. मृतक के परिजनों ने बताया तकरीबन पच्चीस लाख तक की राशि टाटा स्टील के अधिकारियों के पास बकाया है. जिस बिल का अब तक भुगतान नहीं किया गया है. परिजनों का कहना है कि कंपनी के अधिकारियों ने उमेश पांडे को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है. उमेश तकरीबन 20 वर्षों से टाटा स्टील में ठेकेदार के रूप में कार्य कर रहा था. 6 महीना पहले से टाटा स्टील से बकाया राशि नहीं दी गई थी, जिसके कारण उमेश ने मंगलवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
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