दिल्ली हिंसा पर संसद में दूसरे दिन भी जारी रहा हँगामा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 मार्च 2020

दिल्ली हिंसा पर संसद में दूसरे दिन भी जारी रहा हँगामा

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नयी दिल्ली 03 मार्च,  बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा और लोकसभा में जबरदस्त धक्का-मुक्की तथा अराजकता के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सरकार होली के बाद 11 मार्च को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष तत्काल चर्चा की माँग पर अड़ा हुआ है। वहीं राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा की सहमति बन गयी है, लेकिन सभापति एम. वेंकैया नायडू की मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर चर्चा होने की संभावना है। राज्यसभा में भी विपक्ष के अड़ियल रवैये के कारण कोई कामकाज नहीं हुआ और दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में दो बार स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने दिल्ली में हुये दंगों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करना शुरु कर दिया। हँगामा इतना बढ़ गया कि कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा सत्ता पक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने सुरक्षित घेरा बनाकर लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव को सदन से बाहर निकाला। दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होेने पर श्री बिरला ने सबसे पहले जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाये। इसके बाद उन्होंने बैंककारी विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा। इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी तथा विपक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने खड़े होकर दिल्ली हिंसा पर चर्चा की माँग की। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और होली के बाद 11 मार्च को इस पर चर्चा होगी। इस पर विपक्ष का हँगामा और बढ़ गया तथा विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आ गये। कुछ विपक्षी सदस्य कागज फाड़कर आसन की तरफ उछालने लगे। अध्यक्ष ने बिना चर्चा के ही विधेयक पारित कराने की कोशिश की और कुछ संशोधन ध्वनि मत से पारित भी करा दिये। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुये इसे गलत बताया। इसके बाद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सत्ता पक्ष की ओर जाकर अध्यक्ष के आसन के पास पहुँच गये। कुछ कहने के बाद वे वापस जा रहे थे, लेकिन महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा सत्ता पक्ष की कुछ अन्य सदस्य इस बीच अपनी सीट छोड़कर रास्ते में आ चुकी थीं जिसके कारण श्री चौधरी अपनी सीट पर नहीं जा सके। विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य श्री चौधरी के लिए रास्ता बनाते हुये उन्हें पकड़कर वापस ले जाने लगे, लेकिन तब तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्य आसन के समीप आ चुके थे। उनके बीच आपस में जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। दोनों तरफ के अन्य सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गये जिससे सदन में भारी शोरगुल और हंगामा शुरु हो गया। । सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दिये जाने के बावजूद दोनों पक्षों के सदस्य कुछ देर तक सदन में जमे रहे और उनके बीच जोर-जोर से तीखी नोंकझोंक जारी रही।  

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