बिहार : नीतीश पैंतरेबाजी न करें, प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की गारंटी करें : धीरेन्द्र झा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 19 अप्रैल 2020

बिहार : नीतीश पैंतरेबाजी न करें, प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की गारंटी करें : धीरेन्द्र झा

बाहर फंसे मजदूर यदि कोराना के शिकार होते हैं, तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी!
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पटना 19 अप्रैल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि प्रवासी बिहारी मजदूरों की सकुशल घर वापसी के सवाल पर नीतीश कुमार राजनैतिक पैंतरेबाजी कर रहे हैं. उनका यह कहना कि इससे लाॅकडाउन का मकसद ही खत्म हो जाएगा, बकवास के सिवाय कुछ नहीं है. हम केंद्र सरकार व बिहार सरकार से पूछना चाहते हैं कि बिहार के लाखों मजदूर व छात्र जो बिहार के बार फंसे हुए हैं, यदि वे कोरोना की चपेट में आते हैं, तो इसकी जवाबदेही किनकी होगी. साथ ही, मजदूरों के सामने भूखमरी का संकट उपस्थित हो गया है. क्या नीतीश कुमार को इन समस्याओं से कोई मतलब नहीं है! क्या मजदूरों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया जाए! उन्होंने कहा कि अमीरों को तो उनके घर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन मजदूरों व छात्रों को क्यों नहीं ! जाहिर सी बात है कि मजदूरों के प्रति सरकार कहीं से चिंतित नहीं है और उन्हें मरने-खपने के लिए छोड़ दिया गया है. खेग्रामस व भाकपा-माले मांग करती है कि सरकार सभी प्रवासी मजदूरों व छात्रों को बिहार लाए, उनकी जांच कराए तथा उनके ठहरने व भोजन की व्यवस्था करे. इस मांग पर जारी दो दिवसीय भूख हड़ताल पर खेग्रामस में राज्य कार्यालय में उनके अलावा आशाकर्मियों की नेता शशि यादव, मनरेगा सभा के राज्य सचिव दिलीप सिंह, टेंपो यूनियन के नेता मुर्तजा अली, माले नेता कुमार परवेज आदि भी शामिल हुए.  आशा कार्यकर्ता संघ -गोपगुट की राज्य सचिव शशि यादव ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आशाकर्मी जी जान से लगी हुई हैं, लेकिन सरकार उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रही है. जो कुछ उन्हें मिलता है, उसमें भी कमीशन मांगा जा रहा है. यह बेहद अन्यायपूर्ण है. पूरे बिहार में ऐक्टू-खेग्रामस व माले के इस आह्वान पर खेग्रामस के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने दो दिवसीय उपवास को सफल बनाया. मसौढ़ी में खेग्रामस राज्य सचिव गोपाल रविदास, खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष व विधायक सत्यदेव राम ने सिवान में, पश्चिम चंपारण में वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, अरवल में खेग्रामस नेता उपेन्द्र पासवान सहित अन्य नेता दो दिवसीय उपवास पर रहे. 

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